नई दिल्ली / अजीत सिन्हा
पश्चिम बंगाल में कल चुनाव परिणामों में ममता बनर्जी की हार और तृणमूल कांग्रेस की जीत के साथ ही टीएमसी के संरक्षण में गुंडों द्वारा हिंसा का तांडव और खून से जीत का जश्न मनाना शुरू हो गया है। हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मूकदर्शक बनकर इन हिंसक घटनाओं की गवाह बन रही हैं लेकिन उन्होंने न तो इसकी निंदा की है, न प्रशासन को उन्होंने कोई दिशा-निर्देश दिए हैं और न ही उन्होंने अपराधियों व गुनाहगारों पर कोई कार्यवाही नहीं की है।
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की हिंसा के तांडव के जो वीभत्स दृश्य सामने आ रहे हैं, वह काफी चिंताजनक,डरावने और दुर्भाग्यपूर्ण हैं। भारतीय जनता पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है। हिंसा का यह तांडव जल्द ख़त्म होना चाहिए। बंगाल में तृणमूल सरकार के संरक्षण में चल रही हिंसा के तांडव के मद्दे नजर वस्तुस्थिति का जायजा लेने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा कल मंगलवार,4 मई से दो दिवसीय दौरे पर बंगाल में रहेंगे जहाँ वे हिंसा से प्रभावित भाजपा कार्यकर्ताओं एवं उनके परिजनों से मुलाक़ात करेंगे और प्रजातांत्रिक तरीके से हिंसा का विरोध करेंगे। रविवार, 02 मई 2021 से लेकर अब तक बंगाल में हुई हिंसा की घटनाओं में कई भाजपा कार्यकर्ताओं की जानें गई हैं, कई जगह भारतीय जनता पार्टी के जिला और स्थानीय कार्यालयों को आग के हवाले किया गया है तो कई जगह आम लोगों के घरों पर हमले किये गए। हिंसा का तांडव इतना विकराल है कि बंगाल
के राज्यपाल को भी इस पर वक्तव्य देना पड़ा है। ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार में अब तक 140 से अधिक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की जान चली गई है लेकिन राज्य प्रशासन अब तक आँखें मूंदें बैठा है। चुनाव परिणाम आने के 24 घंटे के अंदर भाजपा के कई कार्यकर्ताओं की नृशंस हत्या की खबर है। कई भाजपा कार्यकर्ताओं के घर और दुकान जला दिए गए हैं तो कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हैं।
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