अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज एक प्रेस वार्ता को वर्चुअली संबोधित किया और देश में वैक्सीनेशन को लेकर तथ्यों के आधार पर विपक्ष के झूठ की पोल खोल कर रख दी। उन्होंने अरविंद केजरीवाल से कुछ चुभते हुए प्रश्न भी पूछे। साथ ही, उन्होंने 26 जनवरी को लाल किले पर हुए हिंसा को लेकर केजरीवाल सरकार की विनाशकारी नीति पर भी कड़ा प्रहार किया और अरविंद केजरीवाल से दिल्ली की जनता से माफी मांगने की मांग की।
विपक्ष का झूठ और सच्चाई
राहुल गाँधी, अरविंद केजरीवाल सहित कई विपक्षी पार्टियों के नेता और विपक्षी पार्टियां देश में वैक्सीनेशन को लेकर लगातार सोशल मीडिया और टीवी में आकर लोगों को गुमराह करते हुए भ्रम फैला रही है कि केंद्र सरकार वैक्सीनेशन इम्पोर्ट को लेकर उचित कदम नहीं उठा रही है जबकिसच्चाई बिलकुल अलग है। केंद्र सरकार 2020 के मध्य से ही लगातार सभी बड़ी वैक्सीन बनाने वाली विदेशी कंपनियों के संपर्क में है। फ़ाइज़र, जॉनसन एंड जॉनस और मॉडर्ना के साथ कई दौर की बात हो चुकी है। सरकार ने उन्हें भारत में वैक्सीन बनाने के लिए हर मदद का प्रस्ताव भी दिया। यह समझना होगा कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से वैक्सीन ख़रीदना किसी दुकान में जाकर कोई चीज़ खरीदकर लाने जैसा नहीं है। जैसे ही फाइज़र ने वैक्सीन उपलब्ध होने का संकेत दिया, केंद्र सरकार ने कंपनी के साथ वैक्सीन को जल्द से जल्द आयात करने की कोशिशें शुरू कर दीं। भारत सरकार के कारण ही स्पूतनिक वैक्सीन का इस्तेमाल भारत में शुरू हो चुका है और अब इसका उत्पादन भी भारत में ही हो रहा है।
विपक्ष के नेताओं द्वारा एक यह भी भ्रम फैलाया जा रहा है कि भारत सरकार विश्व के अन्य देशों के अप्रूव्ड वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल की अप्रूवल नहीं दे रही जिसके कारण वैक्सीनेशन कम हो रहे हैं। इस मामले में भी सच्चाई बिलकुल अलग है। भारत सरकार ने वैश्विक वैक्सीन के भारत में
इस्तेमाल के लिए अपने नॉर्म्स को लचीला बनाया है। भारत सरकार ने इस दिशा में पिछले महीने कई छूट भी दी है। केंद्र सरकार ने अमेरिका के दवा नियामक एफ़डीए, ईएमए, ब्रिटेन के एमएचआरए, जापान की पीएमडीए और विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी लिस्टिंग में शामिल वैक्सीन को ब्रिजिंग ट्रायल से पहले ही छूट दे दी है। इन वैक्सीन को ट्रायल नहीं करने होंगे।
विपक्ष एक और झूठा आरोप केंद्र सरकार पर मढ़ रहा है कि केंद्र सरकार देश में वैक्सीन के मेन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा नहीं दे रही है जिससे वैक्सीन का उत्पादन कम हो रहा है। विपक्षी पार्टियों का यह आरोप भी बिलकुल निराधार और राजनीतिक है। सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार की पहल पर भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के लाइसेंस को उत्पादन के लिए तीन अन्य कंपनियों से साझा किया है। पहले भारत बायोटेक का एक ही मेन्युफेक्चरिंग प्लांट था, आज चार है। यह केंद्र सरकार के ही प्रो-एक्टिव कार्यशैली का परिणाम है। अभी कोवैक्सीन के एक करोड़ डोज का प्रतिमाह उत्पादन हो रहा है लेकिन अक्टूबर 2021 तक यह बढ़ कर 10 करोड़ डोज प्रति माह हो जायेगी। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने PSUs को भी उत्पादन बढ़ाने की परमिशन दी है। स्पूतनिक का उत्पादन भारत में ही डॉ रेड्डी लेबोरेट्री के साथ हो रहा है और साथ ही छः अन्य कंपनियों को भी इसमें केंद्र सरकार की कोविड सुरक्षा स्कीम के तहत जोड़ा गया है। इस साल के अंत तक देश में कोविड के लगभग 200 करोड़ डोज बन कर तैयार हो जायेंगे।
कंपलसरी लाइसेंसिंग को लेकर भी विपक्ष की ओर से भ्रम फैलाया जा रहा है लेकिन सच्चाई यह है कि कंपलसरी लाइसेंसिंग से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है एक्टिव पार्टनरशिप। सरकार 2020 के मध्य से ही लगातार सभी बड़ी वैक्सीन बनाने वाली विदेशी कंपनियों के संपर्क में है.फ़ाइज़र,जॉनसन एंड जॉनस और मॉडर्ना के साथ कई दौर की बात हो चुकी है। सरकार ने उन्हें भारत में वैक्सीन बनाने के लिए हर मदद का प्रस्ताव भी दिया। मॉडर्ना ने अक्टूबर 2020 में ही कहा था कि हम लाइसेंस देने के लिए तैयार हैं लेकिन अभी तक कोई कंपनी लाइसेंस के लिए सामने ही नहीं आई। भारत सरकार के द्वारा उठाये गए कदम के कारण कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक का उत्पादन भारत में बढ़ा है।
विपक्षी पार्टियां, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और अरविंद केजरीवाल जैसे नेता लगातार झूठ की एक और राजनीति कर रहे हैं कि केंद्र सरकार ने राज्यों को सही तादाद में वैक्सीन नहीं दी जबकि सच्चाई यह है कि 20 करोड़ से अधिक डोज राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा फ्री ऑफ़ कॉस्ट मुहैया कराया गया है। भारत सरकार जो भी प्रोक्योर करती है, वह राज्यों के लिए ही होता है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश में बच्चों को वैक्सीनेट करना चाहिए। पूरा हिंदुस्तान चाहता है कि बच्चे सुरक्षित रहें लेकिन वैक्सीन एक वैज्ञानिक प्रक्रिया का हिस्सा है। दुनिया में कहीं पर भी बच्चों को वैक्सीन नहीं दी जा रही हैं और अभी तक WHO ने भी ऐसा करने की सलाह नहीं दी है। जल्द ही भारत में भी बच्चों को लेकर वैक्सीन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है। पुख्ता ट्रायल के बाद ही बच्चों को वैक्सीन दी जा सकती है ताकि यह क्लियर हो जाए कि वैक्सीन बच्चों के लिए भी पूर्णतः सुरक्षित है। हम बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते। अरविंद केजरीवाल जी, कृपया अपनी ओछी राजनीति के लिए बच्चों को बीच में मत लाइए।
अरविंद केजरीवाल से कुछ प्रश्न
अरविंद केजरीवाल हर रोज टीवी पर आकर जनता को गुमराह करते हैं और झूठ फैलाते हैं। आज मैं
उनसे कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूँ।
अब तक केंद्र ने राज्यों को 20,01,61,350 वैक्सीन डोज फ्री ऑफ़ कॉस्ट मुहैया कराया है। दिल्ली को अब तक केंद्र की ओर से 45,46,070 वैक्सीन डोज मुफ्त मिले हैं। दिल्ली सरकार ने जो वैक्सीन डोज डायरेक्ट प्रोक्योर किया है, उसकी संख्या 8,17,690 है। प्राइवेट अस्पतालों ने अपने बूते 9,04 ,720 वैक्सीन डोज प्रोक्योर किया है। मेरी समझ में तो दिल्ली सरकार की क्षमता प्राइवेट हॉस्पिटल्स की तुलना में अधिक होना चाहिए लेकिन ये आंकड़े देख कर तो समझ ही नहीं आता कि दिल्ली सरकार बड़ी है या प्राइवेट हॉस्पिटल्स? प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने दिल्ली सरकार से कहीं
अधिक वैक्सीन डोज अपने बूते प्रोक्योर किया है।
अभी तक दिल्ली सरकार ने 52,25,240 लोगों को ही एडमिनिस्टर किया है अपने बूते। इसका मतलब दिल्ली में कुल वैक्सीनेटेड लोगों का केवल 13% वैक्सीनेशन दिल्ली सरकार ने अपने दम पर किया है। अरविंद केजरीवाल ने वैक्सीनेशन तो केवल 13% लोगों का किया है लेकिन 1300 प्रतिशत ज्यादा प्रेस कांफ्रेंस किया है।
27 अप्रैल 2021 को श्रीमान केजरीवाल ने एक स्टेटमेंट दिया था कि दिल्ली में हम एक महीने में 44 ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित कर देंगे। इसमें आठ प्लांट्स केंद्र सरकार देगी जबकि 36 प्लांट्सदिल्ली सरकार लगाएगी। आज एक महीना हो गया अरविंद केजरीवाल जी, उन 44 ऑक्सीजन प्लांट्स में से कितने बने, ये तो बताइये?
पहले ब्लैक फंगस के इलाज में मददगार इंफोटेरिसिन B इंजेक्शन को देश में 4 कंपनियां ही बनाती थी देश में लेकिन अब पांच और कंपनियां बना रही है। इतना ही नहीं,प्रधानमंत्री ने विश्व भर में भारत के दूतावासों को एक्टिव करते हुए विश्व में जहाँ भी ये इंजेक्शन बनते हैं,उसे बड़ी ताताद में भारत पहुंचाने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।
एमबीसोम इंजेक्शन को लेकर भी केंद्र सरकार पूरी तरह एक्टिव है। जिलेट साइंसेज ने अपने सारे डोजेज भारत भेजने का निर्णय लिया है। अब तक इसके 1.21 लाख वायल्स भारत आ चुके हैं,85,000 वायल्स रास्ते में है। दिल्ली को अब तक इसकी 4550 वायाल्स मिल चुकी है लेकिन जानकारी मिली है कि दिल्ली में यह हॉस्पिटल्स तक पहुँच नहीं रहा। मैं पूछना चाहता हूँ अरविंद केजरीवाल से कि इसके वितरण का रोडमैप क्या है और अब तक किस किस हॉस्पिटल्स को कितनी डोज आपूर्ति की गई है।
कल शाम तक कोविड वैक्सीन की डेढ़ लाख से अधिक डोज जो दिल्ली के पास थी, उसका कितना खपत हुआ और कितना बाकी है? साथ ही, दिल्ली सरकार यह भी बताये कि स्पूतनिक वैक्सीन के कितने ऑर्डर उसने प्लेस किये हैं और इसके के लिए कितना एडवांस पेमेंट किया है। 26 जनवरी की हिंसा पर अरविंद केजरीवाल माफी मांगें: विगत 26 जनवरी को कुछ उपद्रवियों ने लाल किले पर संविधान का अपमान किया था, हुड़दंग किया था और हिंसा की थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट फ़ाइल की है जिसमें यह तथ्य सामने आया है कि उपद्रवियों का प्लान यह था कि तथाकथित
किसान आंदोलन की प्रोटेस्ट साइट को लाल किला शिफ्ट कर दिया जाय। अरविंद केजरीवाल जी, आपने हुड़दंगियों को प्रश्रय दिया था, क्या आपको नहीं लगता कि इस तथ्य के बाद आपको देश की जनता से माफी
मंगनी चाहिए?