अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज, बुधवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा कार्यसमिति बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया और पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से पश्चिम बंगाल में सुख, शांति और समृद्धि लाने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील करते हुए भ्रष्टाचारी, अराजकता वादी और तुष्टिकरण एवं हिंसा की राजनीति की पराकाष्ठा पार करने वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। नड्डा ने कहा कि मुझे यहां इस कार्यसमिति की बैठक में आने का सौभाग्य मिला। कल जिस गर्मजोशी के साथ आपने मेरा एयरपोर्ट पर स्वागत किया, वह मुझे पश्चिम बंगाल की एक नई बहती हुई हवा का संदेश दे रहा है।
राजनीति में कभी भी कोई चीज ठहरी नहीं रहती है, जो आज है वो कल नहीं, जो कल है वो परसों नहीं रहती है। हमें राजनीतिक दृष्टि से किन ताकतों से अपने आप को समावेश करके आगे बढ़ना है ये हमेशा तय रखना पड़ता है। इसलिए हमको अपनी ताकत का अंदाजा भी होना चाहिए। देश में भाजपा को छोड़कर किसी भी राजनीतिक पार्टी में कार्यकर्ता हैं तो नेता नहीं है नेता है तो नीयत नहीं है अगर नीयत है तो नीति नहीं है। सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नेता, नीति, नीयत, कार्यकर्ता और वातावरण है। टीएमसी की तो नीति ही करप्शन और कमीशन का मिशन है। टीएमसी में कोई नीति नहीं है, कार्यकर्ता के नाम पर केवल सिंडिकेट है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आज से 20 वर्ष पहले कोई सोचता तक नहीं था कि बिहार से लालू यादव का राज जाएगा। लेकिन वहां राजद को नेस्तनाबूद करके भाजपा आई है और पूरी ताकत के साथ आई है। उत्तर प्रदेश में कोई नही सोचता था कि मुलायम सिंह का राज जाएगा।
आज वहां भाजपा ने सबको साफ कर दिया है। हर जगह भाजपा की सरकार बन रही है। आने वाले समय में हम आंध्र प्रदेश में, तेलंगाना में और बहुत जल्द पश्चिम बंगाल में भी प्रजातांत्रिक तरीके से सरकार बनाएंगे। मैं आपको एक ही बात कहना चाहता हूं कि अपने रास्ते चलते रहो, अडिग रहो, अच्छी तरह से चुनावी लड़ाई लड़ो इससे भाजपा यशस्वी होगी ही। किसी ने नहीं सोचा था कि हम कांग्रेस मुक्त हो जाएंगे, अब तो कांग्रेस मुक्त तो छोड़ो, कांग्रेस लुप्त हो रही है।
सभी क्षेत्रीय पार्टियां परिवार की पार्टियां बन गयी है। भाजपा का मुकाबला आज परिवारवादी पार्टियों से है। तृणमूल कांग्रेस भी परिवारवादी पार्टी बन चुकी है। ये अपने आप को क्षेत्रीय पार्टी कहते थे आज तृणमूल कांग्रेस फुआ और भतीजे की पार्टी बन गई है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में न तो भारतीयता है और न ही राष्ट्रीयता। ये तो भाई-बहन की पार्टी है। इसके नेता भी भारत में नहीं, लंदन से बोलते हैं।
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