अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध करवाने में केंद्र की भाजपा सरकार के लचर रवैये पर सवाल उठाया। और राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध करवाने के बजाय केंद्र सरकार सरकार द्वारा राज्यों को ग्लोबल टेंडर करने की नसीहत देने पर भाजपा की भर्त्सना की।उपमुख्यमंत्री ने बताया कि भाजपा कोरोना से लड़ने का नया मॉडल लेकर आई है। भाजपा के अनुसार सारे राज्य अपना ग्लोबल टेंडर निकाले और अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक दूसरे से लड़े। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सवाल किया है कि वैक्सीन के लिए दिल्ली ने ग्लोबल टेंडर क्यों नहीं दिया। इन्हें पता होना चाहिए कि केंद्र सरकार ने तो राज्यों के हिस्से की वैक्सीन विदेशों में बेच दी लेकिन अब अपने राज्यों को नसीहत दे रही है कि राज्य खुद से ग्लोबल टेंडर के द्वारा विदेशों से वैक्सीन खरीदे और उसकी आपूर्ति के लिए आपस में प्रतियोगिता करके लड़े।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज जब संकट के समय सभी राज्यों को साथ मिलकर इस महामारी से लड़ना है तो केंद्र में बैठी भाजपा राज्यों को आपस में लड़वाने पर तुली हुई है। केंद्र की भाजपा सरकार का कोरोना मैनेजमेंट मॉडल अपने राज्यों को वैक्सीन न देकर पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों को वैक्सीन उपलब्ध करवाने का है। और यदि राज्य वैक्सीन की मांग करे तो उन्हें ग्लोबल टेंडर का हवाला देकर गलाकाट प्रतियोगिता में झोंकना है ताकि राज्य आपस में लड़े और केंद्र सरकार से सवाल न करे। उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि आज केंद्र सरकार का काम सभी राज्यों को संगठित कर पूरे भारत के लिए ग्लोबल टेंडर द्वारा भारत के लिए वैक्सीन लाना है न कि राज्यों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में वैक्सीन के लिए लड़ना छोड़ना। उन्होंने कहा कि भारत के कोरोना मैनेजमेंट की पूरी दुनिया में धज्जियां उड़ाई जा रही है, अब राज्यों को आपस में लड़वाकर केंद्र में बैठी भाजपा सरकार दोबारा ऐसा न करें। उन्होंने बताया कि अगर राज्य स्वयं वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर करेंगे तो जल्दी से वैक्सीन पाने के लिए सभी राज्य वैक्सीन अलग-अलग कीमतों पर खरीदेंगे और ज़्यादा कीमत देने वाले राज्यों को पहले वैक्सीन मिलेगी इससे राज्यों में आपस में प्रतिद्वंदिता की स्थिति उत्पन्न होगी और पूरे ग्लोबल मार्केट में भारत की खिल्लियां उड़ेंगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केंद्र सरकार अपने देश के युवाओं को वैक्सीन लगाने का निर्णय मार्च में लेकर विदेशों को 6.5 करोड़ वैक्सीन नहीं बेचती तो वो वैक्सीन हमारे युवाओं को लग चुकी होती लाखों ज़िंदगियां बच जाती। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी गलती मानने के बजाय रोज़ नए बेतुके तर्क दे रही है। कभी केंद्र सरकार झूठ बोलती है कि दिल्ली ने वैक्सीन आर्डर नहीं कि तो कभी अंतरराष्ट्रीय संबंधों का हवाला देती है।उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के लचर रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिका या अन्य यूरोपीय देशों ने पहले अपने सभी नागरिकों के लिए वैक्सीन सुनिश्चित की उसके बाद कही जाकर वैक्सीन का निर्यात किया। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व अपनी गलती स्वीकार करने, ये स्वीकार करने की वो कोरोना मैनेजमेंट में पूरी तरह फ़ेल हो चुकी है इसके बजाय रोज़ नए झूठ और तर्क दे रही है।उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से ये अपील भी की, कि केंद्र इस संकट को गंभीरता से ले और पल्स पोलियो अभियान की तरह सर्वव्यापी फ्री वैक्सीन अभियान चलाए। दिल्ली के वैक्सीनेशन अभियान पर उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यदि दिल्ली को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन मिलती है तो प्रतिदिन 3 लाख वैक्सीन लगाकर दिल्ली में 3 महीने के भीतर सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाई जा सकती है।
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