अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और पंजाब में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल पर कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए उसपर जोरदार हमला किया. डॉ पात्रा ने कहा कि हम सभी ये देख रहे हैं कि पंजाब में किस प्रकार की स्थिति है। जो राजनीतिक सरगर्मियां वहां चल रही हैं,वो वास्तविक रूप में चिंताजनक है। क्योंकि पंजाब बॉर्डर राज्य है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पंजाब की राजनीति में स्थिरता रहना बहुत अनिवार्य और महत्वपूर्ण है. वर्तमान में पूरा देश यह देख रहा है कि अस्थिरता कांग्रेस पार्टी का पर्यायवाची बन चुका है.आश्चर्य की बात है कि जब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व सोनिया और राहुल यह समझ रहे थे कि उन्होंने पंजाब में एक बड़ी रणनीतिक जीत हासिल कर ली है, उसी बीच पंजाब में जिस प्रकार प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिद्धू के बीच सिर फुटव्वल हुआ है, वह देश की जनता से छिपी नहीं है.
ये घटनाक्रम कुछ और नहीं बस व्यक्तिगत महात्वाकांक्षाओं की लड़ाई है.पंजाब और वहां की जनता की चिंता इन्हें बिलकुल नहीं है.खुद कांग्रेस के आला नेता-चाहे मनीष तिवारी हों या फिर संदीप दीक्षित हों- अपने मन की पीड़ा देश की जनता के समक्ष रख रहे हैं. ये सभी आला नेता इस बात के लिए एकमत हैं कि पंजाब में राजनीतिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा महत्वपूर्ण है, इसके साथ खिलवाड़ नहीं होनी चाहिए. डॉ पात्रा ने कहा कि इन पूरे घटनाक्रम में जो एक सबसे महत्वपूर्ण बात उभर कर सामने आती है, वह है राहुल गाँधी की असाधारण असफलता.साथ ही, कहीं न कहीं राहुल गाँधी की असफलता को छिपाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने जिस प्रकार से पत्रकारिता और पत्रकारों पर हमला करना आरंभ किया है, यह अपने आप में दुखद, सोचनीय और चिंताजनक विषय है. कांग्रेस पार्टी के ही एक वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट के माध्यम से एक पत्रकार को धमकी देते हुए कहा है कि कान खोल कर मीडिया जगत सुन लें कि अगर वे राहुल गाँधी पर कोई सवाल उठाते हैं तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. भारतीय जनता पार्टी एक वर्तमान कांग्रेसी मुख्यमंत्री द्वारा मीडिया जगत पर की गई इस प्रकार की टिप्पणी की घोर निंदा करती है. यह कोई बोलने की आजादी का मामला नहीं है. राहुल गाँधी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गले मिलकर कहते हैं कि हम प्रेम की राजनीति करते हैं लेकिन किसी महिला पत्रकार के घर पर, जब उनकी वृद्धा मां घर पर मौजूद हों, हमला किया जाए या किसी मीडिया हाउस के कार्यालय पर हमला कर धमकी दी जाए, क्या उचित है? ये कैसी प्रेम की राजनीति है राहुल? कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी तो हमेशा कहते हैं कि हम सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति हैं, क्या यही सहिष्णुता है? गाली गलौज की बात की जाए, तो देश की राजनीति में यदि सर्वाधिक गाली गलौज किसी ने किया है तो वह कांग्रेस पार्टी ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ किया है. ये वही राहुल गाँधी हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो को कहा था कि थोड़े दिनों बाद उन्हें डंडे से मारा जाएगा. लेकिन यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सौम्यता और भद्रता ही है कि उन्होंने संसद में कहा कि कोई बात नहीं, आप मुझे डंडे से मारना चाहते हैं, मैं और सूर्यनमस्कार बढ़ा लूँगा ताकि मेरी पीठ डंडे की चोट सह सके. यहाँ उपस्थित सभी मीडिया बंधुओं को भारतीय जनता पार्टी की ओर से सलाम है और चूँकि मीडिया जगत लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है, अतः इस चौथे स्तम्भ पर जब भी हमला होता है तो यह हमारा कर्तव्य है कि हम मीडिया के साथ खड़े हों. मैं आज NBA और एडीटर्स गिल्ड से भी ये निवेदन करना चाहूंगा कि एक महिला पत्रकार पर हमला करना
और उनको धमकी देना उचित नहीं है। इस पर सवाल उठना अनिवार्य है. सोनिया गाँधी जी खुद एक महिला हैं, क्या एक महिला पत्रकार पर हमला को वो जायज ठहराती हैं? कांग्रेस पार्टी के ऐसे व्यवहार को देश कभी माफ़ नहीं करने वाली है.जहां तक राहुल गाँधी की बात है तो अक्सर यह समझ में नहीं आता कि आखिर राहुल गाँधी कहना क्या चाहते
हैं. राहुल वायनाड में भाषण देते हुए कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी देश की सीमा नहीं मानती. राहुल एक ओर बॉर्डर नहीं मानते, दूसरी ओर उनके विश्वासपात्र नवजोत सिद्धू पाकिस्तान जाकर वहां के आर्मी चीफ बाजवा से गले मिलते हैं. आखिर राहुल गाँधी कहना क्या चाहते हैं? डॉ पात्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधते कहा कि देश की जनता ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के खुद के नेता जिस प्रकार कांग्रेस को रिजेक्ट कर रही है, उससे कांग्रेस पार्टी हताश में है. जी-23 से लेकर उनके पंजाब के आला कांग्रेस नेता कैप्टेन अमरिंदर सिंह खुद राहुल गाँधी को पार्टी का कैप्टेन मानने से साफ़ नकार रहे हैं. इसी हताशा और खीज को अंततोगत्वा कांग्रेस पार्टी द्वारा पत्रकारों पर निकाला जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है.
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