अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और हिंदू धर्म एवं हिंदुत्व के खिलाफ नफरत, घृणा और दंगे फैलाने के लिए कांग्रेस पर जम कर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को तुष्टिकरण की राजनीति का प्रतीक बताया। दीपावली का पावन पर्व समाप्त हो चुका है। पटाखों पर प्रतिबंध था लेकिन पिछले कुछ दिनों से जान-बूझ कर कांग्रेस पार्टी द्वारा विचित्र-विचित्र प्रकार के धमाके किये जा रहे हैं। यदि आप इन सारे बिंदुओं को जोड़कर देखने का प्रयास करें तो आपको सच्चाई पता चलेगी। कभी कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद अपनी किताब में बोको हरम और आईएसआईएस जैसे क्रूरतम आतंकी संगठनों से हिंदू धर्म और हिंदुत्व की तुलना कर देते हैं तो कभी कांग्रेस नेता राशिद अल्वी भगवान् श्रीराम का नाम लेने वालों को निशाचर कह देते हैं और उन सब के ऊपर तथाकथित धर्म मर्मज्ञ राहुल गांधी हिंदू धर्म की व्याख्या करते हुए इस कदर घृणा की अभिव्यक्ति करते हैं कि मानो मनसा-वाचा-कर्मणा से उनके मन में हिंदुओं के प्रति असीम घृणा भरी हुई हो। कांग्रेस पार्टी की हिंदुओं के प्रति नफरत इतना तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे भी आगे बढ़कर है। झूठी ख़बरें फैलाई जाती हैं कि त्रिपुरा में मस्जिद तोड़ी गई जबकि जांच में यह पाया जाता है कि यह खबर निराधार और कोरा झूठ है लेकिन इस झूठी खबर के आधार पर महाराष्ट्र में महाअघाडी सरकार में सांप्रदायिक हिंसा होती है।
ऐसा लगता है हिंदू धर्म और हिंदुत्व के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का प्रोपेगेंडा षडयंत्र पूर्वक चलाये जा रहे एक अभियान का हिस्सा है अन्यथा राहुल गांधी के बयान, किताब, सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार और दंगे एक साथ ना होते। हम कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं से पूछना चाहते हैं कि आप अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं अथवा हिंदुत्व के प्रति अवमानना का प्रशिक्षण शिविर चला रहे हैं या फिर आप सांप्रदायिक विद्वेष, हिंसा और वैमनस्य उत्पन्न करने का व्यापक व व्यवस्थित अभियान चला रहे हैं? 2012 में भी कांग्रेस की सरकार में एक झूठी खबर के आधार पर मुंबई के आजाद मैदान में अमर जवान ज्योति को तोड़ दिया गया था। तब भी वहां उनकी सरकार थी और आज जब महाराष्ट्र में दंगे हो रहे हैं, तब भी वहां उनकी ही सरकार है। राहुल गाँधी ने जिस महाराष्ट्र की धरती पर हिंदू धर्म का अपमान किया और हिंदुत्व को बदनाम किया, उसी धरती पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस साम्राज्य की नींव रखी उसे हिंदवी साम्राज्य और बाद में उसे हिंदू पद पादशाही कहा गया। अब कांग्रेस पार्टी बताये कि उनसे संरक्षण पाए लेखकों के हिसाब से तब मुग़ल महान थे या मुगलों के अहंकार को चूर-चूर करने वाले शिवाजी महान थे? हिंदू धर्म वह है जिसने नक्षत्रों की संज्ञा से लेकर आकाश से आई गंगा तक और सागर पर सेतु से लेकर मुक्ति के हेतु तक, सब दिया। विश्व का एकमात्र धर्म है हिंदू धर्म जिसमें धर्मांतरण का कोई विधान नहीं है, जो दुनिया नहीं,मन को जीतना सिखाता है। बड़े-बड़े विद्वानों ने वेदों और उपनिषदों को ज्ञान का अथाह भंडार बताया है लेकिन ये बातें राहुल गाँधी और कांग्रेस के नेताओं को कभी समझ में नहीं आने वाली। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या नगरी हो, काशी विश्वनाथ की नगरी हो या बाबा केदारनाथ की नगरी, हिंदू धर्म हर जगह से विश्व कल्याण की अलख जगा रहा है। कभी हिंदू तालिबान तो कभी हिंदू पाकिस्तान, कभी सैफ्रन टेरर तो कभी हिंदू आतंकवाद, कभी ‘देश को हिंदुओं से खतरा है तो कभी हिंदू धर्म की तुलना बोको हरम और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों से करना, कभी यह कहना कि मंदिर जाने वाले छेड़खानी करते हैं तो कभी यह कहना कि भगवान् श्रीराम का अस्तित्व ही नहीं था, कभी कारसेवकों के हत्यारों से समर्थन लेकर सरकार बनाना तो कभी सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का विरोध, कभी वंदे मातरम् का विरोध तो कभी ये कहना कि देश के संसाधनों पर पहला हक एक विशेष समुदाय का है – ये सब कांग्रेस की विचारधारा को ही स्पष्ट करता है। ट्रिपल तलाक, मेहरम, हज़ सब्सिडी, तलाकशुदा को मुआवजा नहीं जैसे प्रावधानों का संविधान में स्थान हों और यदि शरिया के मामले पर सर्वोच्च न्यायालय आड़े आ जाये तो संविधान संसोधन करके शरिया को न्यायालय के ऊपर कर देना (शाहबानो केस) ऐसा सिर्फ मुस्लिम देशों में होता था, किसी सेक्युलर देश में नहीं होता था। अतः कहा जा सकता है कि नरेन्द्र मोदी सरकार से पहले अटल जी के दौर को छोड़ दिया जाये तो कांग्रेस के दौरे हुकूमत में भारत आंशिक रूप से मुस्लिम राष्ट्र था। शायद अब भारत का वास्तविक सेक्युलर होने का परिवर्तन उनमें छटपटाहट पैदा कर रहा है। कांग्रेस ने हिंदू धर्म के खिलाफ किये गए अपने किसी भी पाप के लिए कभी माफी नहीं मांगी, उल्टा गणित, योग,खगोल और आयुर्वेद देने वाले वेदों-उपनिषदों-पुराणों को ढोंग, पाखंड व शोषण का प्रतीक बताया। कांग्रेस के इस आचरण की जितनी भी निंदा की जाय, कम है। राहुल गांधी वेद-पुराण और उपनिषद-गीता कितना पढ़ेंगे और कितना समझ पाएंगे, ये तो हमारी समझ से परे है
लेकिन उन्हें कम से कम अपने नेताओं गाँधी, तिलक, मदनमोहन मालवीय और डॉ. संपूर्णानंद को तो पढ़ना और समझना चाहिए। श्रीराम भक्त हनुमान जी अपनी शक्ति भूल गए थे। जब उन्हें याद आया तो पता चला कि वे क्या-क्या कर सकते हैं। भारतीय समाज भी अपनी शक्ति का स्मरण कर रहा है और यह कांग्रेस पार्टी को अखर रहा है। आप हमें जितना कमजोर करने का प्रयास करेंगे, हम और आगे बढ़ेंगे। कांग्रेस पार्टी योजनाबद्ध और व्यवस्थित ढंग से अपने शासनकाल में हिन्दुओं में ग्लानी और अलगाव पैदा करना चाहती थी. आज वह हिंदुओं के प्रति घृणा उत्पन्न करना चाहती है। परम शिव भक्त, संकटग्रस्त भक्त, हिंदुत्व के कथित मर्मज्ञ, चिर-युवा, चिर-व्याकुल, चिर-व्यथित, चिर-कुपित राहुल गाँधी, आप हलाहल भी देंगे तो भगवान शिव की तरह हम कंठ में धारण करके जगत का कल्याण करते रहेंगे क्योंकि जिस विचार की बात करते हैं वह हिन्दू संस्कृति आदि और अनंत है।