अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आज गुरुवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद द्वारा बोको हरम और आईएसआईएस जैसे क्रूर आतंकी संगठन से हिंदुत्व की निंदनीय तुलना को लेकर कांग्रेस पार्टी पर जम कर हमला पूछा और सोनिया गाँधी एवं राहुल गाँधी से कुछ ज्वलंत प्रश्न पूछे। ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद द्वारा लिखी गई किताब “Sunrise Over Ayodhya: Nationhood in Our Times” के एक चैप्टर ‘The Saffron Sky में पृष्ठ संख्या 113 पर बोको हरम और आईएसआईएस जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से हिंदुत्व की तुलना की गई है।गौरव भाटिया ने कहा कि कल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की एक किताब का विमोचन था। जो बातें इस किताब में लिखी गई हैं और जो बातें विमोचन के दौरान कही गई, वह केवल हिंदुओं की भावनाओं को नहीं बल्कि भारत की आत्मा को भी गहरी ठेस पहुंचाती है। कांग्रेस नेता का यह कुकृत्य निंदनीय और भर्त्सनीय है। भारत में रहकर, इतना सम्मान मिलने के बाद भी कांग्रेस पार्टी ऐसा क्यों कर रही है, ये समझ से परे है। ये पंक्तियाँ और इतने कुत्सित विचार किसी एक कांग्रेसी नेता के नहीं, बल्कि ये आज कांग्रेस की विचारधारा बन गई है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकारें आजादी के बाद 55 साल देश में रहीं, उन्होंने केवल और केवल सांप्रदायिक राजनीति की है। कैसे समाज को बांटे, कैसे समाज में जहर फैलाएं, कैसे हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करें, कांग्रेस ने बस ये ही किया है।
सोनिया गांधी जी, ऐसा क्यों नहीं होता कि ऐसे नेताओं को तुरंत कांग्रेस से बर्खास्त किया जाए? इससे एक संदेश जाएगा कि राजनीति में आप हमारे विरोधी हो सकते हैं, लेकिन आप देश के दुश्मन नहीं हो सकते हैं। कांग्रस पर जोरदार हमला बोलते हुए भाटिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक मकड़ी की तरह हिंदुओं के खिलाफ नफरत का जाल बुन रही है। आखिर क्यों हिंदुओं को देश के दोयम दर्जे का नागरिक मानती है कांग्रेस? हिंदुत्व बोको हरम और आईएसआईएस जैसा है – ऐसा कह कर सलमान खुर्शीद ने हिंदुओं की आस्था को कुचला है। कांग्रेस की विचारधारा ही हिंदुओं से नफरत करना है। हिंदू समाज का बहुत बड़ा योगदान और बलिदान देश को आजादी दिलाने में उसकी एकता व अखंडता को अक्षुण्ण रखने में रहा है, उनकी भावनाओं को कुचल डालो, उनको बार-बार चोट दो, ये सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इशारे पर ही बार-बार होता है। कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि क्या ये सत्य नहीं है कि इससे पहले हिंदू आतंकवाद का आविष्कार कांग्रेस हेडक्वार्टर में किया गया। आपने तो यहां तक कह दिया था कि प्रभु राम काल्पनिक हैं। शशि थरूर को आप खुली छूट देते हैं कि वे कहें हिंदू तालिबान। क्या अब यूपी चुनाव में इच्छाधारी हिंदू राहुल गांधी और राजनीतिक पर्यटक प्रियंका वाड्रा की
हिम्मत होगी कि वो कहें कि हिंदुत्व की विचारधारा आईएस और बोको हरम की विचारधारा है? ऐसा क्यों नहीं होता कि आप कहें कि यह कांग्रेस कि विचारधारा नहीं, नेता जो कहते हैं वो गलत है। जो आतंकी संगठन की विचारधारा है, उससे आप तुलना कर रहे हैं कि उन 100 करोड़ हिंदू विचारधारा की, जिसने आजादी से पहले और बाद में पूरी तरह से सहिष्णु होने का प्रमाण दिया। हिंदू समाज संवेदनशील है, सहिष्णु है, सबको साथ लेकर चलता है लेकिन किसी राजनीतिक दल को यह अधिकार नहीं कि वह हिंदुओं की भावनाओं से छेड़छाड़ करे, उसे आहत करे। यहाँ मैं स्वामी विवेकानंद जी द्वारा कहे गए इन पंक्तियों को उद्धृत करना चाहूंगा जो हमारे मूल मंत्र को चरितार्थ करती है कि I am a Hindu, I am proud to belong to a religion which has taught the world both tolerance and universal acceptance.भाटिया ने कहा कि अभी सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा हैं। सोनिया गांधी जी, अगर आप हिंदुओं का सम्मान करती हैं तो आपको सामने आ कर अपनी चुप्पी तोड़नी होगी। क्या हिंदुओं की तुलना आईएस या बोको हरम से होनी चाहिए? आप कह सकती हैं कि यह निजी विचार हैं, लेकिन यह स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस की विचारधारा हिंदुओं से नफरत करने की है जिस तरह आपकी यूपीए सरकार में तत्कालीन पी चिदंबरम और सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि हिंदू आतंकवाद होता है। सोनिया गांधी , आप जिस तरह हिंदुओं के खिलाफ राजनीति कर रही हैं, यह भारत की पंथ निरपेक्षता का अपमान है। आपने भारत की आत्मा को चोट पहुंचाई है। इसलिए जरूरी है कि आप उठें, जागें और इस पर अपनी चुप्पी तोड़ें। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि सलमान खुर्शीद से जब पूछा गया था कि हिंदू तो वो हैं जिसको प्रताड़ित किया जाता है, विस्थापित किया जाता है जम्मू-कश्मीर से लेकिन तीन दशक तक इंसाफ के लिए वो कानून का रास्ता अपनाता है, फैसले का इंतजार करता है लेकिन हिंसा नहीं करता तो इस पर सलमान खुर्शीद का जवाब था कि ‘बाहर हो गए तो हो गए, हम क्या करें’। इसी तरह 1984 के सिख दंगों पर राहुल गांधी के चहेते कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने कहा था कि ‘हुआ तो हुआ’। इसी से कांग्रेस की मानसिकता का पता चलता हभाटिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में तुष्टिकरण, परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति का अंत हुआ है और विकास के एक नए युग की शुरुआत हुई है। कोविड संकट के बावजूद प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश विकास पथ पर तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आज विपक्षी दलों की भी मजबूरी बन गई है कि वे विकास
की बात करें। कांग्रेस को पता है कि उनकी नफरत की राजनीति को जनता नकार रही है क्योंकि चुनाव दर चुनाव, जनता ने उन्हें सच्चाई का आईना दिखाया है। आज देश में और उत्तर प्रदेश में शांति और सौहार्द्र है लेकिन जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब ही मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे। इसलिए, कांग्रेस केवल और केवल तुष्टिकरण की राजनीति के लिए दंगे और ध्रुवीकरण के लिए ऐसे अनाप-शनाप बयान दे रही है। कांग्रेस से सवाल पूछते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि एक ओर चुनाव के समय हिंदू वोट के लिए राहुल गाँधी और प्रियंका वाड्रा मंदिर-मंदिर जाने का स्टंट करते हैं तो दूसरी ओर मुस्लिम वोट के लिए कभी कहा जाता है कि कांग्रेस मुसलामानों की पार्टी है, कभी हिंदू आतंकवाद, हिंदू तालिबान, हिंदू पाकिस्तान शब्द गढ़े जाते हैं और अब तो हिंदुओं की तुलना बोको हरम और आईएसआईएस से कर दी गई है। हिंदुओं और हिंदू धर्म का अपमान करने पर कभी भी सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी ऐसे नेताओं पर कड़ा एक्शन क्यों नहीं लेते? क्या राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा सलमान खुर्शीद पर कोई एक्शन लेंगे या इस बुक पर कोई बयान जारी करेंगे? आखिर क्या ऐसी बात है कि कांग्रेस नेताओं द्वारा हर बार हिंदुओं को ही अपमानित किया जाता है और हिंदू धर्म को कलंकित करने का दुष्प्रचार किया जाता है?
श्री भाटिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश को बताये कि कांग्रेस पार्टी की सोच क्या है, उसकी विचारधारा क्या है? क्या कांग्रेस यह मानती है कि सहिष्णु हिंदू समाज की तुलना बोको हरम और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों से होनी चाहिए? सोनिया गांधी बताये कि हिंदू समाज और हिंदुत्व के खिलाफ किसी न किसी बहाने से ये जो जहरीले वक्तव्य दिए जा रहे हैं, इससे सोनिया गांधी सहमत हैं या नहीं? इस पर सोनिया गांधी चुप्पी क्यों साधे रहती हैं? ये सहूलियत की इच्छाधारी हिंदू की राजनीति आखिर क्यों? चुनाव आते ही राहुल गाँधी और प्रियंका वाड्रा चुनावी हिंदू बन कर मंदिर-मंदिर जाते हैं तो क्या ये आवश्यक नहीं है कि आप इसका भी ख़याल रखें कि हिंदुओं की भावनाएं आहात न हों और हिंदू धर्म का अपमान न हो? पर यदि राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को लगता है कि सलमान खुर्शीद का वक्तव्य सही है तो मैं चुनौती देता हूँ कि राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा
रैली में जहां भी जाएं, ये बात बार-बार उठायें कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व, बोको हरम और आईएसआईएस की कट्टरपंथी विचारधारा के समान है।