अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नईदिल्ली:भाजपा प्रवक्ता के मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी के संदर्भ में जयराम रमेश, संसद सदस्य, महासचिव, प्रभारी संचार, एआईसीसी द्वारा दिए गए अंग्रेजी वक्तव्य का हिंदी अनुवाद (केवल संदर्भ हेतु) सर्वोच्च न्यायालय ने आज भाजपा प्रवक्ता सुश्री नूपुर शर्मा के मामले में एक महत्वपूर्ण और दूरगामी टिप्पणी की हैन्यायालय ने उचित रूप से भाजपा प्रवक्ता को देश में भावनाओं को भड़काने के लिए एकमात्र रुप से जिम्मेदार ठहराया है, जिसके लिए उनको (सुश्री नूपुर शर्मा) पूरे राष्ट्र से माफीमांगनी चाहिए.सर्वोच्च न्यायालय ने तथाकथित रुप से यह भी टिप्पणी की है कि उनके द्वारा दिया गया भड़काऊ बयान ‘उदयपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ के लिए जिम्मेदार है।न्यायालय की पीठ द्वारा उन्हें उनके दंभी, हठी व्यवहार वाले तथा उनके बेपरवाह प्रकृति के माफीनामे के लिए भी चिन्हित किया।
गौर करने योग्य बात यह है कि सर्वोच्च न्यायालय ने उनके अधिवक्ता को पूछा कि क्या उनको खतरा है, अथवा उन्होंने पूरे राष्ट्र को खतरे में डाल दिया है.न्यायालय ने पुलिसअधिकारियों द्वारा भाजपा प्रवक्ता के साथ किए जा रहे विशेष व्यवहार को भी उजागर किया और पूछा कि क्या उनके लिए रेड कार्पेट बिछाया जा रहा है? सर्वोच्च न्यायालय की ये टिप्पणी सारे देश की भावनाओं को प्रतिबिंबित करती है, जिस से सत्तारूढ़ दल को अपना सिर शर्म से झुका लेना चाहिए.सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को आईना दिखाते हुए इसकी कार्रवाई की मौलिक कुरूपता को उजागर किया है।
यह किसी से छिपा हुआ नहीं है कि भाजपा सांप्रदायिक भावनाएं भड़काकर राजनीतिक लाभ प्राप्त करना चाहती हैआज सर्वोच्च न्यायालय ने उन सभी लोगों के संकल्प को सुदृढ़ किया है जो इन विनाशकारी, विभाजनकारी विचारधाराओं के विरुद्ध लड़ रहे हैं.भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ऐसी ध्रुवीकरण में संलिप्त राष्ट्रविरोधी ताकतों के खिलाफ संघर्ष करती रहेगी, जो कि राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्र को अराजकता के अंधेरे में झोंकना चाहते हैं और सभी भारतीय नागरिकों को इनके विकृत कारनामों के परिणामों को भुगतने के लिए मजबूर करना चाहते हैं।
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