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दिल्ली नई दिल्ली

भाजपा की केंद्र सरकार ने दिल्ली में 53 मंदिरों को तोड़ने की मांगी अनुमति, दिल्ली विधानसभा में निंदा प्रस्ताव पास

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:भाजपा की केंद्र सरकार ने दिल्ली में 53 मंदिरों को तोड़ने की अनुमति मांगी है, जिसको लेकर दिल्ली विधानसभा में आज आम आदमी पार्टी के विधायकों ने निंदा प्रस्ताव पास किया है। आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडे ने निंदा प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण, हनुमान जी, शंकर भगवान, दुर्गा मां, साईं बाबा के एक-दो नहीं बल्कि कुल 53 मंदिरों को तोड़ने के लिए चिठ्ठी लिखी है। भाजपा ने बनारस, अयोध्या में मंदिर तोड़े और उसके बाद दिल्ली में भी भाजपा 53 मंदिरों को तोड़ने की कोशिश में लगी है। अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने दिल्ली की जनता और देश की जनता से माफी मांगने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं है। इस निंदा प्रस्ताव का समर्थन करते हुए विधायक आतिशी ने कहा कि भाजपा के भ्रष्टाचार की हवस इतनी ज्यादा है कि यह मकान, दुकान और छज्जे पर नहीं रूके बल्कि जिस तरह के नोटिस दुकानों, मकानों को दे रहे थे, उसी तरह के नोटिस मंदिरों को दिए हैं।

भाजपा के नेताओं ने मदिरों को कहा कि अगर तुमने हमें अपने दान पात्र से पैसा नहीं दिया तो हम तुम्हारे मंदिर पर भी बुलडोजर चला देंगे। इसके पीछे सिर्फ वजह ये थी कि एमसीडी में भाजपा की सत्ता जा रही थी। आखिरी कुछ महीनों में ज्यादा से ज्यादा पैसे बनाने का इनका प्रयास था। भाजपा की पैसे की हवस लेंटर डालने पर वसूली करने से पूरी नहीं हो रही है, अब ये 53 मंदिर तोड़ने पर आ गए हैं। विधायक वीरेंद्र सिंह कादियान ने कहा कि भाजपा के किसी भी विधायक-सांसद ने मंदिरों का निर्माण नहीं कराया है। मैंने अपनी विधनसभा में कई मंदिरों को बनवाने का काम किया है। आम आदमी पार्टी के विधायक मंदिर बनाते रहेंगे और भाजपा वाले तुड़वाते रहेंगे। जिस आस्था के साथ मंदिरों में हम पूजा करते हैं, उनको तोड़ने की निंदा करते हैं। मैं प्रस्ताव का समर्थन करता हूं कि मंदिरों को न तोड़ा जाए।

दिल्ली विधानसभा में विधायक दिलीप पांडे ने केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में 53 मंदिरों को तोड़ने की अनुमति मांगने पर निंदा प्रस्ताव पेश किया। विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि यह एक गंभीर विषय है जो भारतीय जनता पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे को उजागर करने वाला है। मुझे यह प्रस्ताव बहुत मजबूर और आहत होकर रखना पड़ा। मुझे लगता है कि सदन में मौजूद हर एक व्यक्ति को दूषित मानसिकता के साथ जो किया गया है उस दुर्घटना का आभास होगा। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को चिठ्ठी भेजकर, दिल्ली के 53 मंदिरों को तोड़ने की अनुमती मांगी है।उन्होंने कहा कि सता का नशा जब सर चढ़कर बोलता है तो आवाजें कैसे निकलती हैं। केंद्र सरकार भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण, हनुमान जी, शंकर भगवान, दुर्गा मां, साईं बाबा के एक-दो नहीं बल्कि कुल 53 मंदिरों को तोड़ने के लिए चिठ्ठी लिखी है। जब यह मामला मेरे संज्ञान में आया तो मुझे लंदन में रहने वाले परिचित की एक बात याद आई। उनके कनाडा के एक मित्र ने कहा कि तुम हिंदू हो तो मेरे दोस्त ने कहा कि जी हां मैं हिंदू हूं। कनाडा वाले मित्र ने पूछा कि क्या तुम्हें हिंदू होने पर गर्व है? तो उसने कहा कि हां बिल्कुल मुझे हिंदू होने पर गर्व है। कनाडा के इस मित्र ने पूछा कि तुम भारत माता की जय कह सकते है तो बोला हां भारत माता की जय, वंदेमातरम कह सकता हूं। तब उस कनाडा वाले व्यक्ति ने जो भारतीय जनता पार्टी का समर्थक था कहा कि क्या तुम जय श्रीराम का नारा लगा सकते हो। तो बोला कि बिल्कुल एक बार क्या सुबह शाम लगा सकता हूं जय श्री राम। उसने कहा कि फिर तो तुम्हें निश्चय ही भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करनी चाहिए। क्योंकि तुम हिंदू हो। यहां मेरा जो परिचित व्यक्ति था वो असहमत हुआ। उसने कहा कि मैं गौरवशाली हिंदू हूं, मैं सनातनीय हूं, मैं सुबह शाम पूजा-पाठ करता हूं। इसका मतलब यह कैसे हो गया कि मुझे भाजपा का सदस्य होना चाहिए। उसने फिर उस कनाडा वाले व्यक्ति से एक लंबी चौड़ी बात कही जो सीधे-सीधे भाजपा के दोहरेपन को उजागर करती है।विधायक ने कहा कि सुशांत सुप्रिय नाम के एक बड़े अच्छे कवि हैं, उनकी कविता की चार पंक्तियां में पढ़ना चाहूंगा कि तुम भी अच्छे हम भी अच्छे, दोनों अच्छे ढेंचू-ढेंचू और जो भी हमसा राग अलापे वो भी अच्छा ढेंचू-ढेंचू। भाजपा भी यह कहना चाहती है कि हमारी तरह तुम अगर खाल ओढ़ लोगे.. हमारी तरह तुम भी ढेंचू-ढेंचू कहोगे तो तुम भी बड़े अच्छे आदमी हो। तुम भी हिंदू हो तुम भी सही मायने में तभी हिंदू हो अगर तुम भाजपा के सदस्य हो। लेकिन जो चिठ्टी लिखी है भाजपा का यह पहला वाकया नहीं है, जिसमें भाजपा ने अपने फर्जीवाड़े को उजागर किया। इसके पहले ढाई सौ साल पुराने तकरीबन 296 स्ट्रक्चर को, जिसमें दर्जनों मंदिर हैं उनको एक शॉपिंग कॉप्लेक्स बनाने के लिए, देश की आध्यात्मिक राजधानी बनारस में दर्जनों मंदिर और तमाम पुराने ढांचों को तोड़ दिया। ये हिंदू बनते हैं जबकि ये मंदिर तोड़ रहे है। बनारस पहली घटना नहीं है। बनारस के बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम जिनके अनन्य भक्त थे, भगवान शिव, उनके 176 मंदिर विकास के नाम पर तोड़ दिए गए। भाजपा ने बनारस, अयोध्या में मंदिर तोड़े और उसके बाद दिल्ली में भी भाजपा 53 मंदिरों को तोड़ने की कोशिश में लगी है। यह सीधे- सीधे भाजपा के फर्जी हिंदुत्व के एजेंडा को उजागर करती है। हम सभी ने कल सदन में एक श्रद्धांजली सभा रखी थी, उसमें भी भाजपा का उतावलापन सामने आया। उदयपुर में हुई घटना के मामले में भी जो व्यक्ति पकड़ा गया था वो भाजपा का सदस्य है। लश्कर-ए-तैयबा के कनेक्शन के साथ जो आतंकवादी पकड़ा गया है वह जम्मू-कश्मीर का भाजपा का मीडिया सेल का इंचार्ज रहा है। देश में क्या हो रहा है। देश को मजबूत बनाए रखने वाली एकता की नीव, सामाजिक सद्भाव की नींव हैं, उसमें अगर कोई छेद कर रहा है तो वो सीधे-सीधे भाजपा के लोग सामने निकलकर आ रहे हैं। भाजपा के लोग ये काम कर रहे हैं। पहले हम सब केवल कहते थे लेकिन अब प्रमाण के साथ यह साबित हो रहा है कि भाजपा सिर्फ फर्जी हिंदुत्व का फटा हुआ ढोल बजाने वाली और ढेंचू-ढेंचू करने वाली पार्टी है। ऐसी परिस्थिति में मुझे लगता है कि अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को सामने आकर दिल्ली की जनता और देश की जनता से माफी मांगने के अलावा और अपना पक्ष स्पष्ट करने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं है।उन्होंने कहा कि भाजपा को अब ये बताना पड़ेगा कि इस देश में जो एकता और अखंडता की बात कही जाती हैं, सबको साथ लेकर चलने की बात कही जाती हैं, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को उससे नफरत क्यों है। वो क्यों देश के सामाजिक सदभाव के वातावरण को बिगाड़ने में लगे हुए हैं। उनकी पार्टी के पदाधिकारी क्यों कानून हाथ में लेकर देश का साम्प्रदायिक सौहार्द खराब करने में लगे हुए हैं। उनकी पार्टी के प्रवक्ताओं पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आने के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि अगर कोई एक पार्टी है जो हिंदूओं के हक में नहीं सोचती और जो हिंदू-मुस्लमान किसी समाज का भला नहीं चाहती है, वो पार्टी भाजपा है। भाजपा के नेताओं को इस संबंध में अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।अपनी बात रखनी चाहिए। भाजपा वाले हिंदूओं के हितों की रक्षक पार्टी बताते हैं जबकि यही उनका सत्यनाश कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का असली चेहरा देश के सामने आय़ा है। मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार को चिट्ठी भेजकर कहा है कि हमें 53 मंदिरों को तोड़ने के लिए धार्मिक समितियों की अनुमति चाहिए। भाजपा के लोग देशभर में धर्म के नाम पर ड्रामा करते हैं जबकि दिल्ली में 53 मंदिरों को तोड़ने की योजना बना रहे हैं। दिल्ली विधानसभा में निंदा प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कालकाजी से विधायक आतिशी ने कहा कि आखिरकार केंद्र सरकार को क्या आन पड़ी कि 53 मंदिर तोड़ने हैं। इसके पीछे एक बहुत छोटी सी और साधारण सी बात है। मसला यह है कि पिछले 15 साल से एमसीडी में भाजपा कि सरकार है। पिछले 15 साल में जब से भाजपा कि सरकार है भाजपा के नेता, भाजपा के पार्षद, इनके अलग-अलग कार्यकर्ता, गली-गली जाकर सिर्फ उगाही करने का काम करते है। भारतीय जनता पार्टी के पार्षद और नेता, लेंटर पर प्रति स्क्वायर फुट के पैसे की उगाही पूरी दिल्ली में करते आए हैं। ये बात आपको दिल्ली का बच्चा- बच्चा बता देगा। पहले भाजपा के नेता अवैध निर्माण करवाते है। अब हुआ ये कि अब एमसीडी के चुनाव आने वाले थे तो भाजपा को यह समझ आ गया कि 15 साल हमारी गुंडागर्दी और उगाही से परेशान होकर हमें एमसीडी से निकालकर दिल्ली की जनता बाहर फेंकने वाली है। तो अब पैसा कहां से आएगा, अब उगाही कैसे होगी। उन्होंने उगाही की एक नई स्कीम बनाई कि जो इतने सालों से पैसा लेकर अवैध निर्माण उन्होंने करवाया, अब वो वापस उन्हीं लोगों के पास पहुंचे। अब लोगों से कहा कि फिर से पैसा दो, वरना जो अवैध निर्माण कराया है उसपर हम बुलडोजर चलवा लेंगे। दुकनदारों के पास गए कि पैसा निकालो, पैसा नहीं दोगे तो हम तुम्हारी दुकान पर बुलडोजर चलवा देंगे। इसके अलावा अलग-अलग कॉलोनियों में गए और कहा कि जो ये छज्जा निकाला है, इसका पैसा 5 साल पहले हमें ही दिया था, अब फिरसे पैसा दो वरना हम छज्जा तुड़वा देंगे। ये दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों में गए, कहा कि जो आपने ये मकान, दुकान बनाई है जिसके पैसे कुछ साल पहले हमने ही लिए थे,अगर फिरसे पैसे नही दिए तो उसपर बुलडोजर चलवाएंगे। ये पिछले कुछ महीनों से भाजपा के नेता दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में करते आए हैं। अब भाजपा के भ्रष्टाचार की और इनके पैसे की हवस उतनी ज्यादा है कि ये मकान, दुकान और छज्जे पर तो रूके नहीं क्योंकि इन्हें और पैसा चाहिए था। इनकी पैसे की हवस इनतनी ज्यादा है कि जिस तरह के नोटिस दुकानों, मकानों को दे रहे थे ये मंदिरों में भी पहुंच गए। मदिरों को भी कहा कि अगर तुमने हमें अपने दान पात्र से पैसा नहीं दिया तो हम तुम्हारे मंदिर पर भी बुलडोजर चला देंगे। ये इनकी राजनीति है।
उन्होंने कहा कि मेरी विधानसभा में अप्रैल माह में श्री निवासपुरी इलाके के कुछ लोग मेरे विधायक कार्यलय में आए। उन्होंने कहा कि हमारे यहां एक नीलकंठ महादेव मंदिर है। जहां पिछले 20-25 साल से हम पूजा करते हैं। जहां पर इलाके की महिलाएं भजन-कीर्तन करने जाती हैं। जहां नवरात्रों के समय हर साल भंडारा होता है। वहां पर नोटिस लगा है कि बुलडोजर चलने वाला है। मुझे भी अचंभा हुआ। मैंने सोचा कि दुकान-मकान पर बुलडोजर चला रहे हैं। भाजपा इतनी बेवकूफ तो नहीं होगी कि ये मंदिर पर बुलडोजर चलवा देंगे। हम वहां पर गए और वहां यह नोटिस लगा था। जिसमें यह स्पष्ट लिखा था कि निलकंठ महादेव मंदिर पर भाजपा की केंद्र सरकार बुलडोजर चलाने वाली थी और मंदिर को तोड़ने वाली थी। वहां के लोगों और आम आदमी के कार्यकर्ताओं ने वहां पर प्रदर्शन किया। इसके बाद भाजपा के पार्षद और नेता आते है और कहते हैं कि हमने ये नोटिस नहीं दिया है, ये झूठ बोल रहे हैं। पत्रकारों ने पूछा कि यह मिनिस्ट्री आफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स,लैंड एंड डेवेलपमेंट आफिस निर्माण भवन, नई दिल्ली का नोटिस है। तो बोले कि ये कोर्ट का आदेश है। कोर्ट के अदेश पर हम ये नोटिस दे रहे हैं। पता चलता है कि जिस कोर्ट का ये हवाला दे रहे है वो कोर्ट का आदेश 10 साल से ज्यादा पहले आया था। 2011 के कोर्ट के आदेश का हवाला देकर उन्होंने श्री निवासपूरी के निलकंठ महादेव मंदिर के बाहर ये नोटिस लगा दिया। आखिर ऐसा क्या हो गया कि 11 साल पुराना कोर्ट का आदेश याद आ गया। इसके पीछे सिर्फ वजह ये थी कि एमसीडी में भाजपा की सत्ता जा रही थी तो आखिरी कुछ महीनों में जितने ज्यादा से ज्यादा पैसे बना सके, उनका इनका प्रयास था।विधायक आतिशी ने बताया कि हमारे इलाके की महिलाओं ने कहा कि हमें तो पता है कि भाजपा कितना भ्रष्टाचार करती है। हमें तो मालूम है कि कितनी उगाही करते हैं लेकिन हमारे मंदिर पर तो हाथ न डालें। भगवान श्री राम की गुल्लक पर तो हाथ न डालें। हम अपने मंदिर में गुल्लक बनाकर रखदेंगे, उसमें लिख देंगे कि भाजपा के लिए। हम सीधे उसमें पैसा डाल देंगें लेकिन हमारी आस्था पर तो आप बुलडोजर न चलाओ। जब हमने यह मुद्दा उठाया तो दो दिन के बाद श्री निवासपुरी के पास सरोजनी नगर इलाके के कुछ लोग आ गए कि हमारे मंदिर के बाहर भी नोटिस लगा है। इसके बाद पता चला कि प्राचीन शिव मंदिर, साईं मंदिर, शनि मंदिर, वहां पर भी नोटिस लगा है। इसके बाद भी भाजपा वाले कहते हैं कि आम आदमी पार्टी वाले झूठ बोल रहे हैं, हमने ऐसा कुछ नहीं कहा है। हम मंदिर नहीं तोड़ना चाहते। कुछ दिनों बात पता चलता है कि भाजपा के केंद्र सरकार के लोग दिल्ली सरकार को एक चिट्ठी लिखते हैं, जिसमें 53 मंदिरों की लिस्ट है। जिसपर वो बुलडोजर चलाकर तोड़ना चाहते हैं। भाजपा की यह कैसी पैसे की हवस है। लेंटर लगाने पर पैसे से पूरी नहीं होती है कि अब ये 53 मंदिर तोड़ने पर आ गए है। हम इस सदन में भाजपा और उनकी केंद्र सरकार की कड़ी निंदा करते हैं। भाजपा से एक आग्रह है कि आपकी जो ये पैसों की हवस है इससे हमारी आस्था को तो छोड़ दीजिए। उससे दिल्ली के मंदिरों को छोड़ दीजिए। दिल्ली कैंट से विधायक वीरेंद्र सिंह कादियान ने कहा कि दिल्ली सरकार को एक पत्र प्राप्त हुआ है कि 53 मंदिरों को तोड़ा जाना है। हम सब किसी न किसी धर्म को मानते हैं। सभी धर्मों की भगवान में आस्था होती है। सभी धर्म एक ही चीज सिखाते है- मानवता, दयाभाव, प्रेमभाव। ये सारी बातें लगभग सभी धर्मों में एक है। भारतीय जनता पार्टी जब भी चुनाव में जाती है तो इन्हीं धर्मों का प्रयोग करती है। चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सभा में कहा कि अगर मैंने दिल्लीवासियों के लिए काम किया, दिल्ली की जनता के विकास के लिए उनकी भावनाओं की कद्र करते हुए काम किए तो मुझे वोट दो अन्यथा मत दो। वहां साइड में भाजपा के कुछ लोग खड़े थे। एक व्यक्ति ने उनके पास जाकर धीरे से कान में कुछ कहा तो मैंने पूछा कि क्या कह रहे थे। बोले कि अगर हिंदू हो तो भाजपा को वोट दे देना। मैंने चुनाव जीतने के बाद उन पंडित जी को बुलाया। मैंने कहा कि मैंने दिल्ली कैंट विधानसभा में दो मंदिरों को निर्माण कराया। एक बाबू धाम में भगवान वाल्मिकी मंदिर और दूसरा शंकर विहार के तरफ से जाता हुआ एयरपोर्ट रोड के लेफ्ट साइड में एक जर्जर हालत में मंदिर था। मैंने भाजपा से भी मंदिर के पुन निर्माण का निवेदन किया था, क्योंकि रक्षा मंत्रालय का एरिया होने के चलते अनुमति लेनी होती है। लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। मैंने मंदिर का दोबारा निर्माण कराया। फिर लोग आए कि हमारा भी मंदिर बनाना है। मैंने काम शुरू किया, लेकिन भाजपा ने शिकायत करके अधूरा ही रख लिया। मैंने अनेकों मंदिरों में काम किया। वर्तमान में तीन-चार मंदिरों का काम चल रहा है और पूरा होने वाला है। जहां भी मैं भाजपा से टकराता हूं वो एक ही बात कहते हैं कि तुम हिंदू हो? मैं कहता हूं कि हां मैं हिंदू हूं। इसके लिए तुमसे सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि भाजपा के किसी भी विधायक या सांसद ने मंदिरों का निर्माण नहीं कराया है। मैंने अपनी विधनसभा में 4-5 मंदिरों का काम शुरू कर रखा है। अब पूछकर देख लो कि कौन हिंदू है। आज जब मैंने लिस्ट पढ़ी कि मेरी विधासभा में 10-15 मंदिरों को तुड़वाया जा रहा है, तो बेहद दुख हुआ। मुझे लगा कि आम आदमी पार्टी के विधायक मंदिर बनाते रहेंगे और भाजपा वाले तुड़वाते रहेंगे। फिर कहते है कि हिंदू हो तो भाजपा को वोट दो वरना मत देना। यह बेहद दुख और शर्म की बात है। भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण के लिए लोग मेरे पास आए। मैंने कहा कि मुझसे जो सहयोग हो सकेगा वो करूंगा। श्री राम का भव्य मंदिर बनना चाहिए। साथ ही छोटे-छोटे मंदिर भी बनने चाहिएं, क्योंकि सभी लोग अयोध्या नहीं जा सकते है। हम सभी अपने घरों या मोहल्ले के आसपास जाकर पूजा करते हैं। हम सभी धर्मों का आदर करते हैं। क्योंकि धर्म एक ही चीज सिखाता है। जिस आस्था के मंदिर में हम पूजा करते हैं उनको तोड़ने की हम निंदा करते है। मैं प्रस्ताव का समर्थन करता हूं कि मंदिरों को न तोड़ा जाए।
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