नई दिल्ली/ अजीत सिन्हा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के पैनल के खुलासे पर अरविन्द केजरीवाल सरकार पर जम कर हमला बोला। विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली सरकार ने कोरोना संकट के पीक पर जरूरत से 4 गुना ज्यादा ऑक्सीजन की डिमांड की। इससे 12 राज्यों की सप्लाई पर असर पड़ा। पैनल की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केजरीवाल सरकार ने भारी भूल की। पत्रकारों को संबोधित करते हुए डॉ पात्रा ने कहा –
● दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर जैसी राजनीति की गई, उस पर हमने सुप्रीम कोर्ट के पैनल की एक अंतरिम रिपोर्ट देखी है। इस रिपोर्ट को देखकर यकीन नहीं हो रहा कि ऑक्सीजन को लेकर कोई इस तरह का झूठ बोल सकता है? कोई इस तरह नीचे गिर कर दिल्ली के नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर सकता है?
● सुप्रीम कोर्ट के पैनल की रिपोर्ट में जो बात सामने आई है वह चौंकाती है। रिपोर्ट कहती है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की ऑक्सीजन की जरूरत को चार गुना बढ़ाकर दिखाया गया। यह पूरी तरह से षड्यंत्र के तहत किया गया और ऐसा इसलिए किया गया ताकि अपनी गलती का ठीकरा दूसरे पर फोड़ा जा सके।
● केजरीवाल ने ऑक्सीजन पर जो राजनीति की, उसका पर्दाफाश इस रिपोर्ट से हो गया।ऑक्सीजन पर भी कोई राजनीति कर सकता है क्या? पर केजरीवाल ने ऐसी छोटी राजनीति की। इस रिपोर्ट के आ जाने के बाद यह साफ हो गया है कि केजरीवाल ने झूठ बोला है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब पूरे देश में ऑक्सीजन की जरूरत थी तो दिल्ली सरकार की ज्यादा मांग आपराधिक लापरवाही है।
● सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा था कि जितनी डिमांड है, उतनी ऑक्सीजन केंद्र सरकार नहीं दे कर रही है। लेकिन रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ है कि केजरीवाल जी के झूठ की वजह से 12 अन्य राज्य जहां ऑक्सीजन की जरूरत थी, उन्हें कमी झेलनी पड़ी। केजरीवाल सरकार ने जघन्य अपराध किया है।
● केजरीवाल जी, आप नाकाम हो रहे थे इसलिए उनको ब्लेम शिफ्ट करना था, इसीलिए आपने ऑक्सीजन की किल्लत का बहाना शुरू कर दिया। केजरीवाल जी, आपने झूठा अलार्म बजाया और पूरे देश में झूठा संदेश फैलाया। आपने हरियाणा और यूपी सरकार को गाली दी।
● 6 मई को अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली के लिए 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की। उसके कुछ घंटे बाद राघव चड्डा कहते हैं कि उन्हें 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन चाहिए। एक ही दिन में दो-दो अलग आंकड़ा बताया गया। ये कहीं न कहीं एक साजिश के तहत किया गया है, दिल्ली सरकार ने अपनी गलती छिपाने के लिए केंद्र पर ठीकरा फोड़ दिया।
● खुलासे में पता चला है कि अरविंद केजरीवाल ने एक दिन 1140 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग रखी। जब बाद में सभी दिल्ली के अस्पतालों से आंकड़े इकट्ठे किए गए कि दिल्ली के अस्पतालों ने वास्तविक रूप में अपने चरण में कितनी ऑक्सीजन इस्तेमाल की तो पता चला कि वह सिर्फ 209 टन ऑक्सीजन थी। यह ऑक्सीजन सड़क पर पड़ी रही, स्टोरेज में पड़ी रही। अगर यही ऑक्सीजन उत्तर प्रदेश और हरियाणा में यूज होता तो कितने लोगों की जान बच सकती थी। ये जघन्य अपराध है, जो केजरीवाल ने किया है।
● दिल्ली में उस समय जितने ऑक्सीजन बेड थे, उसके हिसाब से दिल्ली को 289 मीट्रिक टनऑक्सीजन की ही जरूरत थी। रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य तौर पर दिल्ली में 284 से लेकर 372 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत थी, लेकिन ज्यादा सप्लाई की डिमांड करने के कारण दूसरे राज्यों पर इसका असर पड़ा।
● अरविंद केजरीवाल के झूठ के कारण 12 राज्यों में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित हुई क्योंकि सभी जगहों से ऑक्सीजन काटकर दिल्ली भेजनी पड़ी। अगर इन राज्यों को ऑक्सीजन मिल जाती तो कितने लोगों की जान बच सकती थी। इस झूठ के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट में दोषी ठहराया जाना चाहिए और उन्हें दंड दिया जाना चाहिये।
● केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उन्होंने आईसीएमआर की गाइडलाइंस के मुताबिक ऑक्सीजन की कैलकुलेशन की मगर जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने अरविंद केजरीवाल से आईसीएमआर की गाइडलाइन की कॉपी मांगी तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। इसका मतलब साफ है कि अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला।
● जो व्यक्ति ऑक्सीजन को लेकर इतना बड़ा झूठ बोल सकता है वह राशन को लेकर क्या करेगा? केजरीवाल केवल घर-घर अपना नाम पहुंचाना चाहते हैं। जिन लोगों ने जयपुर गोल्डन अस्पताल और बत्रा अस्पताल में अपने परिजनों को खोया उनके जिम्मेदार आप हैं अरविंद केजरीवाल जी। सुप्रीम कोर्ट के कमेटी की यह रिपोर्ट से यह साफ-साफ स्पष्ट है।