अरविंद की रिपोर्ट
नॉएडा:कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन नौकरी पेशा लोगों के लिए विकराल संकट बन कर आई है। जहां उद्योग-धंधे चौपट हो गए, वहीं रोजगार छिन गए और बेरोजगारी बढ़ गई रोजगार छिनने के कारण बड़ी संख्या में लोगों ने पीएफ निकासी का सहारा लिया। खातों में जमा पूंजी निकाल कर काम चलाना पड़ा। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के अनुसार कोरोना के लॉकडाउन पीरियड के दौरान एक अप्रैल से 31 अगस्त तक लगभग एक लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों ने 442 करोड़ से ज्यादा की राशि निकाली है। कोरोना काल के दौरान नोएडा की लगभग ढाई हजार कंपनियों ने कर्मचारियों की पीएफ की राशि जमा नहीं कराई है।
नोएडा के क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय पर अपने पीएफ़ निकालने के लिए चक्कर काट रहे धर्मेद्र दोशा पहले ग्रेटर नोएडा स्थित होंडा सीएल में 15 हज़ार की नौकरी करते थे कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण नौकरी चली गई और लॉकडाउन के कारण घर की जमा पूंजी, अब छोटी मोटी नौकरी कर किसी प्रकार गुजारा चल रहा है। अब पीएफ़ से पैसे निकालने आए जिससे की कार फाइनेन्स कर उसे कैब में चला सके जिससे वे आत्म निर्भर बन सके।
हालांकि लोगों की तकलीफ के बीच ईपीएफओ कार्यालय ने लोगों को जल्द मदद पहुंचाई है। क्षेत्रीय कार्यालय नोएडा ने कुल एक लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों को एडवांस क्लेम का निपटारा किया। इस श्रेणी में लगभग 442 करोड़ से ज्यादा की राशि करोड़ रु की राशि का भुगतान किया गया। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-2 सुशांत कण्डवाल बताते है कि साल -2020 में एक जनवरी से 31 मार्च के बीच तकरीबन 70 हजार लोगों ने लगभग 218 करोड़ की जमा राशि निकाली। जबकि लॉकडाउन पीरियड के दौरान ये आंकड़े और भी चौंकाने वाले हैं। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से 31 अगस्त तक लगभग एक लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों ने 442 करोड़ से ज्यादा की राशि निकाली है। कोरोना काल के दौरान नोएडा की लगभग ढाई हजार कंपनियों ने कर्मचारियों की पीएफ की राशि जमा नहीं कराई है। जिसके कारण उन्हे नोटिस भेजा गया है।