अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग की कर अनुसंधान इकाई ने राज्य के 138 नए पंजीकृत करदाताओं को उनके संदिग्ध लेन-देन के लिए जीएसटी के तहत शून्य (जीरो) कर दिया है। इन करदाताओं की पहचान टैक्स रिसर्च यूनिट की डेटा विश्लेषणात्मक क्षमताओं द्वारा की गई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि इन संदिग्ध करदाताओं को विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा भौतिक सत्यापन (फीजिकल वैरीफिकेशन) के अधीन किया गया था, जिसमें बताया गया कि 138 मामलों में से 69 मामले फर्जी या गैर-मौजूद हैं ।
उन्होंने बताया कि इन संस्थाओं के अभिलेखों के सत्यापन से पता चला है कि इन करदाताओं की 1182.23 करोड़ रुपये की क्रेडिट राशि पारित (पास) हुई हैं। इन मामलों को संबंधित जिला कार्यालयों को आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा गया है। प्रवक्ता ने बताया कि कर अनुसंधान इकाई में एक डेडीकेटिड सेल नियमित अंतराल पर इन मामलों की प्रगति की निगरानी करेगा।
अब तक, विभाग द्वारा 15 करदाताओं को रद्द (कैंसिल) कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इन 69 करदाताओं से 28.54 लाख रूपए की वसूली प्रभावित हुई और 31.63 करोड़ रूपए का क्रेडिट अवरुद्ध (ब्लाक) हुआ है। उन्होंने बताया कि विभाग उन लाभार्थियों की भी जांच कर रहा है, जिनके द्वारा इन फर्जी/गैर-करदाताओं द्वारा क्रेडिट पारित (पास) किया गया। ये लाभार्थी संस्थाएँ फर्जी लेनदेन से उत्पन्न होने वाली वसूली के लिए भी उत्तरदायी होंगी।