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गुडगाँव

ब्रेकिंग न्यूज़: राव इंद्रजीत सिंह ने गुरूग्राम की जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता की।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
गुरुग्राम: केंद्रीय सांख्यिकीय,कार्यक्रम कार्यान्वयन, योजना तथा कॉर्पोरेट कार्य राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मंगलवार को गुरूग्राम की जिला विकास  समन्वय और निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के प्रतिभागी अधिकारी लोक निर्माण विश्रामगृह के कॉन्फें्रस हॉल मंे उपस्थित रहे जबकि राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह दिल्ली स्थित नीति आयोग कार्यालय से ऑनलाईन माध्यम से बैठक से जुड़े। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम में घटते भू-जल स्तर और वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए जिला प्रशासन को भू-जल स्तर में सुधार करने और वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन दोनो समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन सिविल सोसायटी से अनुभवी व्यक्तियों और विशेषज्ञों को साथ लेकर कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि भू-जल को रिचार्ज करने के लिए पौधे लगाने, उनकी परवरिश करने और जलाशयों को पुनर्जीवित करने जैसे उपाय अपनाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, वन विभाग, नगर निगम गुरुग्राम व मानेसर इस पर संयुक्त रूप से कार्य करते हुए ऐसे स्थानों की पहचान करें जहां अगले दो महीनों में व्यापक स्तर पर पौधारोपण का कार्य किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें पौधारोपण के लिए मानसून के तहत जुलाई माह तक इंतजार करने के  आवश्यकता नहीं है।  इसी प्रकार प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली के कनॉट प्लेस की तर्ज पर गुरुग्राम शहर में स्मॉग टावर्स लगाने की संभावनाओं पर भी काम करने के निर्देश दिए।

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि विकास की दृष्टि से गुरुग्राम एक तेजी से विकसित होता हुआ जिला है, ऐसे में यहां भूजल स्तर में सुधार करने के गंभीर प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में जो पानी नजफगढ़ ड्रेन में छोड़ा जाता है, उसके लिए जिला में ही चेक डेम व अन्य उचित व्यवस्था कर, उसे भूजल स्तर को रिचार्ज करने के विकल्पों पर काम किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी के लिए आवास योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि गुरूग्राम में गरीबो के लिए आवासों की कमी है, नगर निगम तथा प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना अब हाउसिंग फॉर ऑल के अंतर्गत आ गई हैै। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए लाभार्थी को 1 लाख 80 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती है। स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रथम चरण में गुरुग्राम जिला के ग्रामीण क्षेत्र को 1 नवंबर 2016 से  खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत ठोस कचरा प्रबंधन के लिए जिला की 94 पंचायतों को 2 करोड़ 59 लाख रूप्ए की राशि कचरा प्रबंधन ईकाई निर्माण के लिए जारी की गई है। इसी प्रकार ग्रे वॉटर मैनेजमेंट अर्थात् बाथरूम आदि से निकलने वाले पानी के प्रबंधन के लिए जिला की 19 पंचायतों केे 1 करोड़ 26 लाख रूप्ए की राशि के अस्टिमेट स्वीकृत किए जा चुके हैं। सामुदायिक शौचालय निर्माण के संबंध में राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इनके उपयोग और रखरखाव को लेकर सर्वे करवाया जाए। बताया गया था कि वर्ष 2020-21 में जिला की 40 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से अभी तक 20 ग्राम पंचायतों को 40 लाख रूपए से अधिक की राशि जारी की गई है। स्वच्छ भारत मिशन शहरी की समीक्षा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने गुरूग्राम शहर की मुख्य सड़कों व व्यवसायिक स्थानों की सफाई के लिए लगाई गई 13 स्विपिंग मशीनों के बारे में विशेष रूप से पूछा, जिस पर नगर निगम आयुक्त मुकेश आहुजा ने बताया कि इनकी मॉनिटरिंग करवाई जा रही है। राव इंद्रजीत सिंह ने किराए की मशीनों से सफाई की बजाय नगर निगम को मशीन खरीदने की संभावनाओं का पता लगाने के निर्देश दिए। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम यह सुनिश्चित करें कि बंधवाड़ी में कचरे से निकलने वाला लीचेट भू-जल स्तर को दूषित ना करें। इसके लिए पर्याप्त प्रबंध किए जाने चाहिए। स्मार्ट सिटी स्कीम की समीक्षा के दौरान केंद्रीय मंत्री को बताया गया कि इस योजना का उद्देश्य गुरूग्राम में सुरक्षा सुदृढ़ करना और यातायात प्रबंधन मंे सुधार करना है। इसके लिए गुरूग्राम महानगर विकास प्राधिकरण में एक मजबूत आईसीटी बुनियादी ढांचा विकसित किया है। प्रथम चरण में जिला के 222 चौराहों पर लगे 1200 सीसीटीवी कैमरो मे से 1125 कैमरे इंटीग्रेटिड कमांड एण्ड कंट्रोल सैंटर में पुलिस विभाग द्वारा परिचालित और निगरानी में हैं। इन कैमरों की मदद से टैªफिक नियमों के उल्लंघनकर्ताओं को प्रतिदिन लगभग एक हजार चालान भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा, असामाजिक तत्वों पर भी इनसे नजर रखी जा रही है। बैठक में यह भी बताया गया कि जीएमडीए के क्षेत्र में लगभग 400 किलोमीटर लंबाई की ऑप्टिकल फाइबर बिछाई गई है। यह नेटवर्क पूरी तरह से चालू है। इसके लिए ‘ माई गुरूग्राम‘ ऐप भी बना हुआ है, जिसका प्रयोग करते हुए लोग अपनी शिकायतें व समस्याएं भेज सकते हैं। वर्तमान में 400 से 500 शिकायतें इस ऐप या अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से प्राप्त हो रही हैं, जो संबंधित विभागों को भेजी जाती है और उनका समाधान करवाया जा रहा है। साथ ही इन शिकायतों का जीएमडीए द्वारा फॉलोअप भी किया जाता है। बैठक में समग्र शिक्षा योजना की भी समीक्षा की गई जिसमें जिला परियोजना समन्वयक कल्पना रंगा ने बताया कि गुरूग्राम जिला में कुल 577 राजकीय विद्यालय हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की हिदायत अनुसार स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों का सर्वे करवाया गया था जिसमें जिला में 4417 बच्चे पाए गए हैं जो स्कूल नहीं जाते। इनमें से 387 बच्चे, जो 6 से 7 वर्ष की आयु वर्ग में थे, उनका सीधा स्कूलों में दाखिला करवाया गया है। बाकि 4030 बच्चों के लिए स्पेशल सैंटर चलाए जा रहे हैं, जिनमें इन बच्चों का ब्रिज कोर्स करवाया जा रहा है ताकि इनकी आयु के हिसाब से इन्हें कक्षाओं में दाखिल करवाया जा सके। गुरूग्राम में इस प्रकार के 136 सैंटर चलाए जा रहे हैं जिनमें एजुकेशन वॉलेंटियर 6 महीने तक बच्चों को बढाएंगे और उसके बाद अगले तीन महीने सैंटर के साथ-साथ स्कूल में भी इन बच्चों को भेजेंगे और उन्हें अपनी निगरानी मंे रखेंगे। इस योजना पर 28.10 करोड़ रूपए की राशि खर्च की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जिला के 25 राजकीय विद्यालयों को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए प्रत्येक को 2.18 लाख रूपए दिए गए हैं। समेकित बाल विकास योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि गुरूग्राम जिला में महिला एवं बाल विकास विभाग ने किशोरी सम्मान योजना के तहत 10 वर्ष से 45 वर्ष आयु तक की 51293 लड़कियों और महिलाओं को सैनेट्री नेपकिन का निःशुल्क वितरण किया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनैना ने बताया कि विभाग द्वारा आंगनवाड़ी में आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करवाई गई थी जिसमंे जिला में 2574 कुपोषित बच्चें पाए गए थे जिन्हें पोषाहार उपलब्ध करवाया गया। अब इनकी संख्या कम होकर  लगभग 100 से नीचे आ गई है। डिजिटल इंडिया-सार्वजनिक इंटरनेट उपयोग कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया जा रहा है, कॉमन सर्विस सेंटर, एनओएफएन, ई-पंचायत, ई-शिक्षा, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल, ई-हस्ताक्षर आदि स्कीमें शुरू की गई हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत गुरुग्राम जिला की सभी 166 ग्राम पंचायतों में फाइबर नेटवर्क की लाइन बिछा दी गई हैं और 162 पंचायतों में यह नेटवर्क सुचारू रूप से कार्य कर रहा है। इस नेटवर्क की मदद से पंचायतों में 295 कॉमन सर्विस सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्र में 89 साईट्स पर प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से 4500 कनेक्शन आवेदकों को दिए जा चुके हैं। समीक्षा बैठक में एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य लगभग 66 प्रतिशत पूरा किया जा चुका है और इस वर्ष के अंत तक इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि गुरूग्राम में एनएच-48 पर एंबीयेन्श मॉल के पास अंडर ग्राउंड यू-टर्न का निर्माण कार्य इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जिनमें अटल मिशन कायाकल्प  और शहरी परिवर्तन योजना, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, मिड डे मील योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, डिजिटल इंडिया, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, डिजिटल भारत भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, दीनदयान उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना, दूरसंचार बुनियादी ढांचा कार्यक्रम, रेलवे बुनियादी ढांचा कार्यक्रम, राजमार्ग बुनियादी सुविधा कार्यक्रम एकीकृत बिजली विकास योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, ई-नैम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम सहित 40 विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। बैठक में उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने जिला प्रशासन की तरफ से केंद्रीय मंत्री को विश्वास दिलाया कि सभी योजनाओं पर त्वरित गति से काम करते हुए लाभपात्रों को इसका लाभ पहुंचाया जाएगा। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, गुरूग्राम की एसडीएम अंकिता चौधरी, मेयर मधु आजाद, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनु श्योकंद सहित जिला प्रशासन के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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