Athrav – Online News Portal
दिल्ली नई दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय

ब्रेकिंग न्यूज़: केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू और राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया की संयुक्त प्रेसवार्ता में क्या कहा-जानने के लिए पढ़े

अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू और राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आज भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और असम, नागालैंड और मणिपुर के प्रमुख हिस्सों से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट को हटाने के केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पूरे नार्थ ईस्ट भारत में अब शांति लौट आई है और यह हिस्सा भी देश की मुख्यधारा से जुड़ चुकी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही जिस तरीके से नार्थ ईस्ट भारत को तवज्जो दी गई वह सराहनीय है. विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ‘लुक ईस्ट पालिसी’ को ‘एक्ट ईस्ट पालिसी’ में तब्दील कर जिस प्रकार द्रुत गति से वहां काम होने शुरु हुए, उसकी वजह से आज पूरा नार्थ ईस्ट ट्रांसफॉर्मेशनल मोड में आ खड़ा हो चुका है. आज पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि नॉर्थ ईस्ट देश के मेनस्ट्रीम में शामिल हो चुका है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शान्ति और विकास, दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. अगर किसी क्षेत्र का विकास ही न हो तो शांति विशेष महत्व नहीं रखता और बिना शांति के उस क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विगत सात वर्षों में विकास और शांति के साथ नार्थ ईस्ट भारत जिस तेज गति से आगे बढ़ा है, उसे देखते हुए यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं कि आने वाले दिनों में नार्थ ईस्ट देश का एक महत्वपूर्ण इकनोमिक हब बनने जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा हाल फिलहाल लिए गए निर्णय के अनुसार असम, नागालैंड और मणिपुर के प्रमुख क्षेत्रों से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट को हटाने का जो फैसला लिया गया है,वह एक क्रांतिकारी निर्णय है। आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट हटाने का मतलब ये है कि वहां शांति लौट आई है। 1958 में नार्थ ईस्ट के नागा क्षेत्रों में हुए विद्रोह की वजह से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट लाया गया था. इतने लम्बे अर्से बाद, अब वहां शांति का दौर लौट चुका है. कुछ जगह बच गए हैं, वहां भी जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी। पूरे नार्थ ईस्ट भारत से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट हटाने का प्रधानमंत्री का जो विजन है, वो भी जल्द पूरा होगा. 2015 के बाद, त्रिपुरा से पूरी तरह से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट हटाया गया, फिर असम के कुछ जिलों से यह एक्ट हटाया गया और सिर्फ तीन जिलों को छोड़ कर पूरे अरुणाचल प्रदेश से यह एक्ट हटाया गया.केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे नार्थ इस्ट के लोग चाहे सिविल सोसायटी के मेम्बर हो या पालिटीकल लीडर हों,सबने आफसा को हटाने का स्वागत किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कैबिनेट के सदस्य और पूर्वोत्तर राज्य के एक सांसद होने के नाते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन करता हूँ जिनके प्रयासों से नार्थ ईस्ट के लोगों का सपना साकार होता दिख रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी जितने बेहतर तरीकों से प्रधानमंत्री मोदी के विजन को कार्यान्वित किया है, इसके लिए उन्हें भी धन्यवाद देता हूँ। केंद्रीय गृहमंत्री ने जिस प्रकार नार्थ ईस्ट के मुख्यमंत्रियों से संवाद स्थापित कर वहां शांति लाने और विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है, वह सराहनीय है। अमित शाह के नेतृत्व में पूरा गृह मंत्रालय काम कर रहे हैं उसका भी लोग सराहना कर रहे है। नार्थ ईस्ट में अंतरराज्यीय सीमा की समस्याएं हैं ।

हाल ही में, असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद के पहले हिस्से का समाधान हुआ है और इसके दूसरे हिस्सा का भी जल्द ही समाधान हो जाएगा। अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच सीमा विवाद लंबे अरसे से चल रहा था। हिंसक विवाद तक हुए है और कई लोग मारे गए हैं। गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ वार्ता हुई और इनके सीमा विवाद के पहले हिस्सा का समाधान हो चुका है। हमलोग चाहते हैं कि जितना जल्दी हो सके राज्यों के सीमा विवाद समाप्त हो जाएं। असम और नागालैंड के बीच अक्सर हिसंक झडपें होती रहती थीं। केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने विश्वास में लेकर केंद्रीय बल के माध्यम से यहाँ शांति स्थापित किया। मिजोरम और असम के बीच भी झड़प हुए , इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री ने दोनो राज्यों के सरकारों से बातचीत कर शांति स्थापित करने का सफल प्रयास किया। आज के दिन पूरे नार्थ इस्ट में शांति स्थापित हुए है। जबकि पहले नार्थ इस्ट हिंसा और झड़प के लिए बदनाम होते थे। पहले लोग नार्थ इस्ट जाने से डरते थे। लोग पूछते थे कि नार्थ इस्ट घुमना चाहते है सुन्दर जगह है वहां जाना सेफ है क्या। आज देश के नागरित हो या विदेशी पर्यटक हो वहां सभी लोग आराम से जा सकते है घुम सकते है और प्राकृतिक सौंदर्य का अनांद उठा सकते है। क्योंकि वहां अब कोई तनाव और हिंसा नहीं है, शांति है। इसके लिए देशवासियों और पूर्वोत्तर के राज्यों की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुनः अभिनंदन करना चाहता हूँ ।
पूरे नार्थ ईस्ट भारत में शांति स्थापित करने के दो प्रमुख कारण हैं-

पहला, नरेन्द्र मोदी सरकार के जो भी कल्याणकारी कार्यक्रम हैं, वह विकास के माध्यम से लोगों तक पहुंचना और दूसरा, लोगों के मुद्दों को- वहां जो असंतुष्ट लोग हैं, जो विरोध की घटना को अंजाम देते है, उनसे संवाद स्थापित कर मुददे को सुलझाना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नार्थ ईस्ट भारत में शांति स्थापित करने के लिए कई पहल किये गए.जनवरी 2020 में बोडो समझौता हुआ, 4 सितम्बर 2021 को कार्बी आंलगोंग समझौता हुआ. अगस्त 2019 में त्रिपुरा के एनएलएफटी के साथ समझौता किया गया । 23 साल पुराना ब्रुरियांग संकट को सुलझाया सुलझाते हुए 37 हजार विस्थापितों को पुनस्थापित किया गया। इस तरह से एक के बाद एक समझौता हुआ और मसला हल किया जिसकी वजह से आज नार्थ ईस्ट भारत के इतने बड़े इलाके से आफसा को हटाने में मदद मिली है.लोगों में विश्वास आया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कार्यकाल में अब तक 50 बार से अधिक नार्थ ईस्ट भारत विजिट कर चुके हैं। जो पहले किसी ने नहीं सोचा और भविष्य में कोई कर सकता है। ऐसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही कर सकते है जिन्होंने नार्थ ईस्ट, जिसे अष्टलक्ष्मी भी कहते हैं, का बार बार दौरा कर लोगों से व्यक्तिगत संवाद स्थापित कर ‘एक्ट इस्ट पालिसी’ के तहत नार्थ ईस्ट में विकास का जो दौर लाए हैं उससे वहां के लोगों में आत्मविश्वास बढ़ा है। केंद्रीय मंत्री ने केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नार्थ ईस्ट के लिए, 2022-23 में बजटीय आवंटन 76 हजार करोड़ रूप्ये किया गया जो पिछले बजट से 7500 करोड़ रूप्ये अधिक है जो अपने आप में ऐतिहासिक है. प्रधानमंत्री विकास पहल- पीएम-डिवाइन के तहत इस नई योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन किया जाएगा। यह आवंटन पीएम गतिशक्ति की भावना के अनुरूप बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और पूर्वोत्तर की जरूरतों के आधार पर सामाजिक विकास परियोजनाओं की फंडिंग के लिए है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत नार्थ ईस्ट राज्यों को मदद पहुँचाने का काम कर रहे हैं, मैं समझता हूँ कि अब नार्थ इस्ट के 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की यह जिम्मेदारी है कि इन योजनाओं को अपने अपने राज्यों में लोगों तक पहुंचाएं । केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नार्थ ईस्ट के लोगों ने सपना नहीं देखा था कि उनके गांवों मे रास्ता होगा, लेकिन वहां रास्ता पहुंचा, जिन्होंने कभी बल्ब नहीं देखा था आज उनके घर बिजली से रोशन हो रहे हैं, दूरदराज के क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क मिल रहा है। जहां केबल नेटवर्क भौगोलिक परिस्थिति के कारण नहीं पहुंचा सकते हैं, 2024 तक वहां टावर लगाकर 4 जी नेटवर्क हर गांवों तक पहुँचाने का कम शुरु हो चुका है। हमारे दूरदर्शी नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नार्थ ईस्ट का जो विकास हो रहा है और वहां जो शांति स्थापित
हुए हैं, यह देश के लिए गर्व का विषय है। देश की सुरक्षा और शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है। आज चौतरफा विकास की योजनाओं को कार्यान्वित कर नार्थ ईस्ट में शांति और विकास का काम किया जा रहा ही। पहले नार्थ ईस्ट के साथ जो सौतेला व्यवहार किया जाता था, वह अध्याय समाप्त हो चुका है। अब नार्थ ईस्ट भी देश की मुख्यधारा से जुड चुका है। राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी पूर्वोत्तर भारत में शांति बहाल करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार किए काम की सराहना करते हुए कहा कि इसने नार्थ ईस्ट क्षेत्र और देश के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों को सुलझा लिया गया है. भाटिया ने कहा कि नार्थ ईस्ट से आफसा हटाना एक ऐतिहासिक कदम है। असम में तीन दशक से अधिक समय से आफसा लगी हुई थी। असम, नागालैंड और मणिपुर आफसा का हटना बताता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी केंद्र सरकार की नीतियां बिल्कुल स्पष्ट हैं। यह इस बात को भी दर्शाता है कि नरेन्द्र मोदी जी का नार्थ इस्ट के राज्यों से किस प्रकार विशेष लगाव और जुड़ाव है। भाटिया ने कहा कि एक नीति निर्धारित करने का जो तरीका होता है, उसमे पिछले सात वर्षों में बड़ा बदलाव आया है. चाहे धारा 370 का संशोधन हो, जिसे पिछले सात दशकों में किसी सरकार में हिम्मत नहीं थी कि इसे बदल दें, या फिर, आफसा को नार्थ ईस्ट क्षेत्रों से हटाना हो। वर्तमान केंद्र सरकार का मूल मंत्र है- जिस क्षेत्र में कोई समस्या हो तो उसे समझकर फ़ौरन सुलझाने का। चाहे कितना बड़ा मसला हो, उसका हल संवाद स्थापित कर निकालेंगे । यही मूल मंत्र है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का.भाटिया ने कहा कि विरोध प्रदर्शन ही पहले नार्थ ईस्ट भारत की पहचान थी लेकिन आज प्रोग्रेस और इंटीग्रेशन नार्थ ईस्ट की पहचान बन चुकी है. यह बदलाव महज नार्थ ईस्ट के लिए नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए महत्वपूर्ण है.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार की मोनिटरिंग करने, नीतियां बनाने और उसे कार्यान्वित करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है। इससे पहले नार्थ ईस्ट डिस्टर्ब एरिया हुआ करता था और उसके साथ एक तरह से सौतेला व्यवहार किया जाता था। पहले देश के जिन भागों में कोई परेशानी होती थी तो उसे अलग थलग कर दिया जाता था लेकिन अब उसे बातचीत कर उन परेशानियों का निराकरण कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की प्राथमिकता दी जाती है । यह संभव इस कारण हुआ कि पूर्वोत्तर के राज्यों में अराजकता और विरोध एक कार्यशैली बन गया था, अब वहां पर प्रगति और मुख्यधारा से जुड़ना कार्यशैली बन गया है। यह बदलाव आया है नार्थ ईस्ट में और इसका लोगों ने स्वागत भी किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह संदेश दिया है कि नार्थ ईस्ट अब देश के विकास इंजन बन रहा है । आफसा को लेकर हर तरह की राजनीति हुई। किन्तु केंद्र सरकार ने इस पर विराम लगा दिया है। केन्द्र सरकार स्पष्ट ने संदेश दिया कि लोगों की स्वतंत्रता और देश की सुरक्षा में एक संतुलन स्थापित किया गया है। 30 दिसंबर 2021 को केंद्र सरकार ने नागालैंड में छह महीने के लिए आफसा बढ़ाने का निर्णय लिया था। अभी तीन महीने बचे है। मोदी सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया कि संविधान में प्राप्त स्वतंत्रता का अधिकार नागरिकों को देने के लिए तीन महीने में ही नागालैंड से आफसा हटाया गया है। भाटिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नार्थ ईस्ट में शांति स्थापित की गयी और क्षेत्रीय विकास पर जोर दिया गया. वहां उग्रवाद की घटनाओं में 74 प्रशित की कमी आयी है। उग्रवादी संगठन और लोगों ने 7 हजार हथियारों के साथ समपर्ण किया है। उन लोगों ने सरकार इस बात पर भरोसा किया कि अब वे भी देश की विकास की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। पूर्वोत्तर भारत के सन्दर्भ में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन लक्ष्य रहे हैं। पहला, पूर्वोत्तर के लिए ऐसी नीतियां हों जिससे वहां की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा हो। दूसरा, बड़े मुद्दों का हल हो और विवादों का निस्तारण प्रभावी तरीके से किया जाए। तीसरा, पूर्वोत्तर के राज्यों में प्रगति हो और वे भी मुख्यधारा में शामिल हों।

Related posts

नरवाना नगरपरिषद की नवनिर्वाचित चेयरपर्सन और 23 पार्षदों ने भारतीय जनता पार्टी में जताई आस्था

Ajit Sinha

ऐश्वर्या राय बच्चन का थ्रोबैक वीडियो हुआ वायरल, स्टेज पर डांस परफॉर्मेंस से मचाई थी धूम

Ajit Sinha

अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर है चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद में दो अंकों की वृद्धि हुई है-बीजेपी

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x