अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने मंगलवार को केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आर्म्स डीलर संजय भंडारी के साथ रॉबर्ट वाड्रा के घनिष्ठ संबंध होने के खुलासे के बाद मीडिया में आए तथ्यों पर कांग्रेस पर जम कर निशाना साधा और कहा कि भ्रष्टाचार कांग्रेस शासन में कूट-कूट कर भरा हुआ है.भाटिया ने कहा कि आर्म्स डीलर संजय भंडारी और रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी जो ख़बरें मीडिया में आई हैं, वह बड़े सवाल खड़े करती है. संजय भंडारी और रॉबर्ट वाड्रा की आपस में इतनी घनिष्टता है कि यदि इसे दो जिस्म एक जान कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.भाटिया ने कहा कि संजय भंडारी ने लंदन में एक मुकदमा दायर किया. इसमें स्वयं शपथपत्र दायर कर उन्होंने स्वीकार किया है कि 2011 में इनका और लड़ाकू विमान के अपग्रेड करने का काम करने वाली एक कंपनी थेल्स के बीच करार हुआ था. दिलचस्प बात यह है कि जब मुकदमा दायर होता है तो संजय भंडारी स्वीकार करते हैं उनके और थेल्स कंपनी के बीच जो करार हुई थी उससे लगभग 170 करोड़ रूपये रिश्वत मिलनी थी. इस रकम में से 75 करोड़ रूपये तो उन्हें मिले लेकिन 90-95 करोड़ रूपये नहीं मिले. ज्ञात हो उक्त अवधि में केंद्र में यूपीए की सरकार थी. भाटिया ने मीडिया में आई खबर का हवाला देते हुए कहा कि 2008 में मिराज जेट के अपग्रेड की बिक्री हेतु तत्कालीन यूपीए सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ थेल्स कंपनी की बैठक कराई गई और दोनों के बीच यह अनुबंध 2011 में हुआ.
यह सर्वविदित है कि 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार आई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रक्षा सौदे हुए। सरकारी स्तर पर रक्षा डील हुई। भ्रष्टाचार पर जीरो टालेरेंस केंद्र की भाजपा सरकार की स्पष्ट नीति है। लेकिन मीडिया में आज आई खबर के बाद स्पष्ट होता है कि जहां कहीं भी भ्रष्टाचार है वहां तक कांग्रेस पार्टी के तार हैं। यूपीए सरकार में ब्रोकर, कमीशनखोरी का कल्चर सर्वव्यापक था। यूपीए सरकार में ऐसी व्यवस्था बनी हुई थी कि वो रक्षा सौदों में भी कमीशनखोरी करते थे। भ्रष्टाचार यूपीए सरकार में कूट कूट कर भरा हुआ था। भाटिया ने कहा कि हम सब जानते हैं कि आर्म्स डीलर संजय भंडारी, जो कांग्रेस के दामाद रॉबर्ट वाड्रा वाडा के खासमखास हैं, उनके खिलाफ प्रत्यापर्ण की कार्रवाई भाजपा सरकार ने ही शुरू की है। यह खुलासा तब हो रहा है जब लंदन की कोर्ट में आगामी फरवरी में अंतिम सुनवाई होनी है।भाटिया ने कांग्रेस पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी जब भी सत्ता में आती है तो उनकी प्राथमिकता अपनी तिजोरी भरनी ही क्यों होती है? आज ये सवाल उठता है कि कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में आती है तो उनकी प्राथमिकता अपनी तिजोरी भरना क्यों होता है? जवान जब बुलेटप्रूफ जैकेट मांग रहे होते हैं तो ये VVIP चौपर क्यों खरीद रहे होते हैं? यूपीए सरकार में गांधी परिवार ने संजय भंडारी को राजनीतिक संरक्षण दिया। साथ ही, सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और लड़ाकू विमान अपग्रेड करने वाली कंपनियों के बीच बैठक कराने का काम किया है। यह देश की सुरक्षा और सैन्य सेना के साथ गंभीर मसला है। यह भी दुखद है कि 75 करोड रूपये की रिश्वत संजय भंडारी को दी गयी । मिडल इस्ट की कुछ कंपनियों का जाल बुना गया। थेल्स कंपनी द्वारा इन कंपनियों को रकम अदा की गई। और उसके बाद संजय भंडारी के कहने पर एक और शेल कंपनी को एक बडी किस्त रिश्वत के तौर पर दी गई। भाटिया ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले में वे अपनी चुप्पी कब तोड़ेंगी? हम सब जानते हैं कि हमारी सेना के 42 क्वार्डन घटकर 36 हो गयी। केंद्र में 10 साल कांग्रेस की सरकार रही लेकिन लडाकू विमान नहीं आये। हमारे देश की सेना को कमजोर करने का काम यदि किसी ने किया तो वह गांधी परिवार ने ही किया। अगर विमानों का आधुनिकीकरण होना था तो उसमें भी रिश्वतखोरी हो रही थी। यह सौदा 2.4 बिलियन यूरो अर्थात 18 से 20 हजार करोड रूपये का था। 2011 में जो करार हुआ, वह इसलिये संभव था जो देश की जड़ों में दीमक का काम करते हैं, रिश्वतखोरी का काम करते हैं, उनके रिश्ते गांधी परिवार से होते हैं। भाटिया ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रियंका वाड्रा गांधी जी सार्वजनिक जीवन में आकर आजकल चुनाव प्रचार कर रही हैं. क्या प्रियंका वाड्रा जी को सामने आकर इसका स्पष्टीकरण नहीं देना चाहिए? भाटिया ने कहा कि जब राजस्थान और हरियाणा में जमीन घोटाले की बात सामने आई तो उस समय भी दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी और तब भी रॉबर्ट वाड्रा और संजय भंडारी का नाम सामने आया था। आज जो प्रश्न उठाए गए हैं, उम्मीद है कि राष्ट्रहित में पारदर्शिता और जवाबदेही को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और प्रियंका वाड्रा उनका जवाब दें.
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