अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने आज नारनौल जिले के कोर्ट परिसर में सरेंडर करने के बाद रिश्वत लेने के आरोप में फरार चल रहे जेल अधीक्षक अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि रेवाड़ी जेल अधीक्षक आरोपी अनिल कुमार जिसके पास नारनौल जेल का भी अतिरिक्त कार्यभार था, को अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में 18 अप्रैल 2022 को उद्घोषित अपराधी घोषित किया था।
इससे पहले उसने अग्रिम जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ और यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय में भी आवेदन किया था, लेकिन सतर्कता ब्यूरो द्वारा इस हाई प्रोफाइल मामले में उचित ‘पैरवी‘ और फाॅलो-अप कार्रवाई के कारण इसे खारिज कर दिया गया था और तब से आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए रेड की जा रही थी।
अनिल कुमार पर जेल परिसर, रेवाड़ी में जेल के कैदियों को सुविधा मुहैया कराने के लिए दो अधीनस्थों के माध्यम से रिश्वत मांगने का आरोप था। नारनौल और रेवाड़ी दोनों जेलों में अपराधियों से पैसे लेने की व्यवस्था लंबे समय से चल रही थी, जिसकी जानकारी विजिलेंस ब्यूरो को मिली थी। इसी सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए ब्यूरो की टीम ने 9 दिसंबर 2021 को नारनौल जेल परिसर में छापेमारी कर जेल वार्डन राजन को कुख्यात गैंगस्टर के गुर्गे संदीप के भाई हंसराज से 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ काबू किया था। छापेमारी के दौरान, एक अन्य जेल वार्डन गजे सिंह को भी रिश्वतखोरी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
जांच के दौरान पता चला कि दोनों जेल वार्डन ने जेल अधीक्षक अनिल कुमार के निर्देश पर कैदियों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पैसे लिए थे। यह भी पता चला कि नारनौल और रेवाड़ी में जेल अधिकारी पसंदीदा बैरक, मोबाइल फोन और यहां तक कि ड्रग्स की सुविधा सहित कई सेवाएं प्रदान करने के लिए मोटी रकम वसूल रहे थे।
भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के बाद आरोपी का पुलिस रिमांड कोर्ट से मांगा जाएगा ताकि आरोपी द्वारा भ्रष्टाचार की काली कमाई से अर्जित की गई संपत्तियों का ब्योरा का पता लगाया जा सके।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments