अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: बिजनेसमैन चंद्र मोहन शर्मा की शुक्रवार देर रात ईएसआई हॉस्पिटल में इलाज के दौरान में मौत हो गई। मौत के कई घंटे बीत जाने के बाद भी परिजनों को अभी तक उनकी डेड बॉडी न तो दिखाया गया हैं,नाही उन्हें सौपा गया है। परिजन की माने तो चंद्र मोहन शर्मा को रात लगभग साढ़े 12 बजे डॉक्टरों ने डेड घोषित कर दिया था अब दिन के साढ़े 12 बज गए हैं और अभी तक उनकी डेड बॉडी को नहीं दी गई हैं। इससे पहले कई अस्पतालों में परिजन चंद्र मोहन शर्मा को लेकर शहर भर में घूमते रहे पर उन्हें किसी ने एडमिट नहीं किया समय पर उन्हें अगर इलाज मिल जाता तो वह अवश्य बच जाते।
रिश्तेदार सतीश कपूर का कहना है कि चंद्र मोहन शर्मा जोकि केएलटी प्लैटिनम सोसायटी,के फ्लैट नंबर-902, टावर -डी में रहते थे। उनका कैमिकल बनाने की एक फ़ैक्ट्री हैं। उनका कहना हैं कि चंद्र मोहन शर्मा की उम्र 50 साल हैं। उनका कहना हैं कि परसों ईएसआई हॉस्पिटल में बेड -वेंटीलेटर के लिए गाडी में तीन घंटों तक इंतजार करते रहे, पर उन्हें ना तो बेड ही मिला नाही वेंटिलेटर ही मिला। और उनकी हालात बिगड़ती चली गई। इसके बाद उन्होनें हॉस्पिटल में एक मैडम से किसी तरह से किसी से सिफारिश लगवाई तो उन्हें ईएसआई हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया गया हैं। और उनको वेंटिलेटर पर रखा गया था पर रात लगभग 12 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका कहना है कि इससे पहले वह लोग चंद्र मोहन शर्मा को इलाज के लिए लेकर एनएच-3 स्थित ईएसआई अस्पताल, फोर्टिस हॉस्पिटल में ले गए थे पर वहां सभी ने कहा इन्हें वेंटीलेटर की सख्त जरुरत हैं जोकि यहां पर खाली नहीं हैं,अंत में उन्हें बादशाह खान अस्पताल में इलाज के लिए ले गए पर वहां पर उन्हें किसी कह दिया कि इस अस्पताल में इस लिए किसी को लाते जब उन्हें मरने के लिए छोड़ देते हैं। और उनकी दिमाग में ये बाते बैठ गई। इसके बाद फिर से ईएसआई अस्पताल में ले गए और किसी से सिफारिश लगवाई फिर जाकर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। अब डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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