अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा के कोतवाली 58 पुलिस ने नोएडा में बैठकर विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है यह कॉल सेंटर विदेशियों को उनके ड्रग माफियाओं से संबंध होने की बात कहकर धमका कर वसूली करता था। पुलिस ने सेक्टर- 62 में चल रहे इस कॉल सेन्टर से 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड अभी फरार बताया जा रहा है। पुलिस ने इनके कब्जे से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेटर पैड 40 दस्तावेज 6 मोबाइल और कुछ ऐसी वॉइस रिकॉर्डिंग बरामद की है जिसमें यह धमकी दे रहे थे। पुलिस ने आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पुलिस कि गिरफ्त में खडे सुमित त्यागी, अरुण चौहान, विशाल तोमर, राहत अली, केशव त्यागी, सुनील वर्मा, प्रशांत लखेरा और सतेंद्र लखेरा को सेक्टर-62 स्थित आईथम टावर में एपी टैक्नोमार्ट के नाम से चल रहे अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मार पकडा गया है। नोएडा जोन के एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि ये लोग फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी के नागरिकों को इंटरनेट कॉलिंग करके अमेरिकी सोशल सिक्योरिटी के नाम पर धमकाते थे। ये लोग उनसे कहते थे कि हमें अमेरिकी कानूनी एजेंसियों से आपके बैंक खाते की जानकारी मिली है। आपने मेक्सिको और कोलंबिया में ड्रग माफिया से लेनदेन किया है। इसके बाद उनसे मामला रफा-दफा करने की कहते थे और गूगल गिफ्ट कार्ड के रूप में डॉलर वसूल लेते थे। रणविजय सिंह ने बताया की सेंटर का मुख्य संचालक और मास्टर माइंड पन्ना मध्य प्रदेश निवासी विनोद लखेरा अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। कॉल सेंटर रात में चलता था और इनके निशाने पर खास तौर पर अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिक होते थे। गिरोह का सरगना अमेरिका के वेंडरों से जुड़ा था। वेंडर डार्क वेब से अमेरिका के नागरिकों का डाटा प्राप्त करते थे। इसके लिए ये लोग टोल फ्री नंबर का इस्तेमाल करते थे. इनकी एक दिन की कमाई लगभग 3-4 हजार डॉलर थी जो भारतीय मुद्रा का लगभग 2.5 से 3 लाख रुपये होता है। आठों आरोपी हर दिन अलग-अलग पचास लोगों से बातचीत करते थे। प्रति व्यक्ति करीब 100 डॉलर मांगे जाते थे जो आसानी से मिल जाते थे. आरोपी डरा धमकाकर अब तक विदेशी लोगों से सात करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों से इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस, 99 लेटर पैड, 41 दस्तावेज और छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं।