अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :सेक्टर -10 इलाके से कार सवार करीब आधा दर्जन बदमाशों ने वीरवार रात करीब पौने 9 बजे कार सवार एक व्यापारी का गाडी में से अपहरण कर 10 लाख रुपए की फिरौती वसूलने का ताजा मामला प्रकाश में आया हैं। अपहरकर्ता कौशल गैंग के सदस्य थे इस बात से पुलिस साफ़ इंकार कर रहीं हैं। इस प्रकरण में सेक्टर -7 थाना पुलिस ने सभी बदमाशों के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता की धारा 341 ,386 ,365 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया हैं। एसीपी क्राइम अनिल यादव का दावा हैं कि जल्द ही इस केस का खुलासा कर दिया जाएगा।
एसएचओ योगेंद्र सिंह का कहना हैं कि एनआईटी निवासी हेमंत ने पुलिस को लिखित शिकायत दी हैं कि उसका स्क्रेप का बड़ा कारोबार हैं। रात तक़रीबन पौने 9 बजे अपने कार में सवार होकर सेक्टर -11 के रास्ते कहीं जा रहा था कि उस दौरान दो गाड़ियों में तक़रीबन चार से पांच बदमाश दो आए और उन्हें रोक कर जबरन अपने गाडी में बिठा लिया और कहने लगे कि वह लोग कौशल गैंग के लोग हैं। अपने जान की सलामती चाहता हैं तो एक करोड़ रुपए इस वक़्त देने होंगें पर वह लोग बाद में 10 लाख रुपए लेने पर मान गए। इसके बाद शिकायतकर्ता हेमंत ने अपने किसी दोस्त को फोन कर 10 लाख रूपए मंगवा लिए और डीएवी के समीप उन लोगों को 10 लाख रुपए दे दिए और फिर उसे गांव मांगर के पास छोड़ कर चले गए। इसके बाद हेमंत सेक्टर -थाने में पहुंचा गया और पुलिस को आपबीती सारी बातें बताई और एक लिखित शिकायत थाने में दे दी। इसके बाद पुलिस ने भारतीय दंड सहिंता की धारा 341, 386 व 365 के तहत मुकदमा दर्ज कर, इस मुकदमे की जांच शुरू कर दी हैं। उनका कहना हैं कि वारदात के आस पास में लगे सीसीटीवी कैमरे को भी खंगाला गया हैं. अभी तो इस केस की जांच चल रहीं हैं। सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि अभी तक की जांच में कौशल गैंग का हाथ होना नहीं पाया गया हैं.उधर,एसीपी क्राइम अनिल यादव का कहना हैं कि जल्द ही इस केस का खुलासा कर दिया जाएगा। यह मामला कुछ और भी हो सकता हैं। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता हेमंत ने दो शादियां की हुई हैं और उसकी दो पत्नियां हैं,उसकी एक पत्नी एनआईटी के कोतवाली थाना क्षेत्र में रहती हैं, जबकि दूसरी पत्नी सेक्टर -10 इलाके में रहती हैं।
इस केस में कई सवाल ऐसे हैं कि जिसका असल जवाब आरोपी पकड़े जाने के बाद ही मिलेगा पर इस वक़्त इतना तो जरूर कहा जा सकता हैं कि कौशल गैंग का हाथ यदि इस वारदात होता तो वह एक करोड़ रूपए की फिरौती मांग कर, तुरंत 10 लाख रुपए में वह कैसे मान गया,जब उसका दोस्त एक फोन पर 10 लाख रुपए लाकर बदमाशों को दे सकता हैं तो वह लोग इससे ज्यादा रूपए उससे मंगवा सकता था पर ऐसा क्यों नहीं हुआ.क्या 10 लाख रूपए इकठ्ठे उसके पास रात के वक़्त कहा से आए। उसे किडनेप करने के लिए बदमाशों ने एक एस्टीम कार का इस्तेमाल किया जोकि कंपनी ने उसे काफी साल पहले ही बनाने बंद कर दिए थे. स्वाभिक हैं कोई भी बदमाश करोड़ की फिरौती व व्यापारी शख्स अपहरण के लिए कोई कंडम एस्टीम कार का इस्तेमाल कैसे कर सकता । यदि किसी ने ऐसा किया हैं तो फिर तो वह बदमाश नहीं हो सकता हैं या तो यह केस एक ड्रामें की ओर इशारा करता या तो कोई नया बदमाश होगा। जिसे अपहरण जैसे कांड को अंजाम देने का अनुभव नहीं हैं. जब शिकायतकर्ता को एस्टीम गाडी का पता हैं तो दूसरे गाडी का नाम पता क्यों नहीं हैं, ऐसी बहुत सी बातें हैं जिसका जवाब तलाशने में पुलिस लगी हुई हैं। पूरे मामले को जानने के बाद पुलिस ने कौशल गैंग का इस वारदात को अंजाम देने से साफ़ इंकार किया हैं। क्यूंकि विकास चौधरी हत्याकांड के बाद चर्चा में आए कौशल गैंग के नाम का संभवता हैं कि गलत इस्तेमाल किया गया हैं पर पुलिस इस पर से जल्द ही पर्दा उठा देगी.माना यह भी जा रहा हैं कि यह केस जहां से शुरू हुई हैं लगता हैं कि वहीँ आकर खत्म होगी। क्यूंकि सारा पेंच इसके आसपास ही घूम रहीं हैं।