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सीएजी रिपोर्ट में हुआ उजागर: लाडली योजना को रोककर दिल्ली की बेटियों के साथ एक और पाप किया-अजय माकन

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने आप के पाप की चौथी श्रृंखला में 14 लंबित सीएजी रिपोर्ट में से एक रिपोर्ट में छिपे भ्रष्टाचार को उजागर किया। संवाददाता सम्मेलन में अजय माकन के साथ पूर्व सांसद  रमेश कुमार, कांग्रेस प्रवक्ता अभय दूबे, कम्युनिकेशन विभाग की श्रीमती रश्मि सिंह मिगलानी, डॉ. अरुण अग्रवाल, आस्मा तस्लीम, लीगल विभाग के चेयरमैन एडवोकेट सुनील कुमार, राजेश गर्ग मौजूद थे। अजय माकन ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति में बेटियों को न सिर्फ़ उसका हक़ दिया जाता है अपितु जीवन पर्यंत उसकी सेवा -सहायता का भाव मन में रहता है। हम हर मौक़े पर हमारी लाड़लियों के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते हैं । मगर जो बेटियों का हक़ खा जाए वो पाप और श्राप का भागी होता है। बेशर्म आप के पाप की कथा की यही है कहानी।

शीला दीक्षित ने लिंग अनुपात को बराबर रखने और बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली में 1 जनवरी 2008 को लाडली योजना शुरुआत की। लाडली योजना में घर में पैदा होने वाली बेटी को 10 हजार रुपये और अस्पताल में पैदा होने वाली बेटी को 11 हजार रुपये सरकार देती थी। पहली कक्षा में 5000 रुपये, छठी कक्षा में 5000 रुपये, 9वी में 5000 रुपये, 10वी पास करने पर 5000 रुपये और 12वीं कक्षा में पहुंचने 5000 रुपये और 18 वर्ष की आयु में 1 लाख रुपये दिए जाते थे। लाडली योजना दिल्ली की चर्चित योजना थी, जिससे दिल्ली लिंग अनुपात को समानांतर लाने में बहुत बड़ा योगदान दिया और दिल्ली में भ्रूण हत्या पर लगाम लग सकी। सी.ए.जी. रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी की अरविन्द केजरीवाल सरकार ने लाडली योजना को लागू नहीं कर पाई । कांग्रेस शासन में 2008-2009 में जन्म लेने वाली बेटियों का 20242 पंजीकरण हुआ और इस वर्ष कुल पंजीकरण 125337 हुए। 2009-2010 में जन्म का पंजीकरण 23871 था और कुल 139773 बेटियों का पंजीकरण हुआ। केजरीवाल सरकार की लाडली योजना के प्रति असंवेदनशीलता के कारण 2019-20 में जन्म लेने वाली बेटियां का 6299 पंजीकरण हुआ।2020-21 में जन्म लेने वाली बेटियां का 3153 पंजीकरण हुआ और कुल बेटियों 43415 पंजीकरण हुआ। लाडली योजना में 700 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि 2013 में यह 139346 था। सीएजी रिपोर्ट में उजगार हुआ है कि 320272 लाभार्थी बेटियों का 618 करोड़ रुपया केजरीवाल सरकार वितरित नही कर पाई। दिसम्बर 2022 तक 884000 लाभार्थी बेटियां थी जिनमें से 320272 की 618 करोड़ की राशि नही दी। 18 वर्ष की आयु में लाडली को 1 लाख मिल जाना चाहिए था लेकिन रिपोर्ट में उजागर हुआ कि 26 वर्ष तक की लाडली लाभार्थी को 1 लाख अभी तक नही दिया गया।शीला दीक्षित की कांग्रेस सरकार ने 2007 में ओल्ड एज होम वरिष्ठ नागरिक एक्ट बनाया था। जिसमें हर जिले में एक ओल्ड ऐज होम बनाने का प्रावधान था और एक ओल्ड एज होम में 150 वरिष्ठ नागरिक रखने की क्षमता निश्चित की गई थी। कांग्रेस सरकार ने 26 जुलाई 2013 को सरिता विहार में 779.52 वर्ग मीटर की जमीन दिल्ली विकास प्राधिकरण से ओल्ड एज होम बनाने के लिए ली।
2 बीघा जमीन मई 2013 में छतरपुर में ग्राम पंचायत से ली।
1009.54 वर्ग मीटर जमीन जून 2013 में गीता कॉलोनी में ओल्ड एज होम बनाने के लिए ली।
आश्चर्यजनक है अरविन्द केजरीवाल सरकार ने 2013-2025 तक एक भी ओल्ड एज होम नही बनाया। समाज कल्याणकारी सरकार होने का दावा करने वाली केजरीवाल सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनने वाले ओल्ड एज होम को बनाने में एक ईंट तक नही लगाई।

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