अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़: हरियाणा पुलिस ने साइबर क्राइम के मद्देजनर एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे अपने ऋण की मासिक किस्तों (ईएमआई) के स्थगन को लेकर फोन पर ओटीपी साझा न करें क्योंकि कुछ धोखेबाज इसका सहारा लेकर उनकी मदद करने के बहाने उनके बैंक खातों से पैसे निकालने का प्रयास कर सकते हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 लॉकडाउन के बीच, सरकार द्वारा व्यक्तिगत या व्यावसायिक लोन की ईएमआई स्थगन की पेशकश के बाद साइबर अपराध का एक नया तरीका सामने आ रहा है। ऐसे घोटालेबाज अब भोलेभाले नागरिकों को ओटीपी के माध्यम से ठगने का एक नया तरीका लेकर आए हैं। धोखाधड़ी के तरीके बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के धोखेबाज बैंक प्रतिनिधि के रूप में फोन के माध्यम से नागरिकों को उनके ऋण की ईएमआई टालने के लिए फोन काल्स पर ओटीपी साझा करने के लिए कहते हैं। ओटीपी साझा करते ही इन घोटालेबाजों द्वारा राशि को धोखाधड़ी कर बैंक से निकाल लिया जाता है। विर्क ने लोगों को ऐसे साइबर अपराधियों के प्रति सचेत रहने और फोन कॉल पर ओटीपी साझा न करने की सलाह देते हुए कहा कि बैंकिंग दिशानिर्देशों के अनुसार ईएमआई टालने के लिए ओटीपी शेयर करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे जालसाजों से बचने के लिए श्री विर्क ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे ऐसे साइबर क्रिमिनल के बहकावे में न आएं और जब भी उन्हें ईएमआई के स्थगन संबंधीें ऐसी कोई फोन कॉल/ओटीपी प्राप्त हो तो किसी के साथ कोई जानकारी शेयर न करें। ऐसे साइबर अपराधियों को से बचने के लिए सचेत और जागरूक रहें।