अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
मुआवजे समेत अन्य मांगों के समर्थन में एक माह से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे 81 गांवों के किसानों पर कोतवाली सेक्टर-20 में एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा समेत डेढ़ हजार से अधिक लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़कर प्राधिकरण दफ्तर के गेट पर ताला लगा दिया। प्राधिकरण गेट पर किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। पुलिसकर्मियों से मारपीट भी की. करीब एक घंटे तक किसानों का प्राधिकरण के गेट पर कब्जा रहा और प्राधिकरण के अधिकारी दौरान दफ्तर में बंद रहे। भारतीय किसान परिषद का कहना है कि पुलिस की लाठीचार्ज किया जिसमें छह किसानों को भी चोट लगी है।
आबादी, मुआवजे समेत अन्य मांगों को लेकर लम्बे समय से संघर्ष कर उग्र हो गए और बैरिकेडिंग तोड़कर प्राधिकरण दफ्तर के गेट पर ताला लगा दिया। इस दौरान प्राधिकरण गेट पर किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। पुलिसकर्मियों से मारपीट भी की. जिसमें डीसीपी नोएडा, एडीसीपी, एसीपी समेत 12 से अधिक पुलिसकर्मी चोटिल हो गए। करीब एक घंटे तक किसानों का प्राधिकरण के गेट पर कब्जा रहा और प्राधिकरण के अधिकारी दौरान दफ्तर में बंद रहे। भारतीय किसान परिषद का कहना है कि पुलिस की लाठीचार्ज किया जिसमें छह किसानों को भी चोट लगी है। इस दौरान प्राधिकरण के अंदर व बाहर अफरा तफरी मची रही। प्राधिकरण के वर्क सर्किल एक के सहायक प्रबंधक रामचंद्र की तहरीर पर कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने धारा-144 का उल्लंघन, कोविड-19 महामारी एक्ट, सरकारी कार्य में बाधा, सरकारी संपत्ति नुकसान करने की धाराओं में भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा समेत डेढ़ हजार से अधिक लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।
इनमें सुखबीर के अलावा 36 लोग नामजद हैं। इस मामले में भारतीय किसान परिषद की तरफ से कोतवाली सेक्टर-20 में रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई है। किसान नेता सुखबीर खलीफा का कहना है कि प्राधिकरण की ओर कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया और लाठीचार्ज किया। इसके कई किसान भाई-बहनों को चोट आई है। उनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। पुलिस प्रशासन भी अब प्राधिकरण की भाषा बोल रहा है। चाहे डंडा चलाओ या जेल भेजो हम मांगें मनवा कर ही वापस जाएंगे। एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह नोएडा किसानों के आंदोलन के नाम पर पुलिसकर्मियों से अभद्रता की गई है। कई पुलिस अधिकारी चोटिल हुए हैं। किसी भी कीमत पर हिंसक आंदोलन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कानून व्यवस्था तोड़ने वाले लोगों को चिह्नित कर वैधानिक कार्यवाही की गई है।