अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: प्रदेश की भाजपा सरकार के राज में हरियाणा के कई जिलों में अवैध खनन हो रहा है लेकिन एक मंत्री और राज्य सरकार एक जिले में ओवरलोडिंग पर जांच की बात कर खानापूर्ति कर रहे हैं। ये बात आज जजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने चंडीगढ़ स्थित जजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हुई। प्रेस कॉन्फ्रेस को संबोधित करते हुए जेजेपी के वरिष्ठ नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भाजपा राज में खनन माफिया और गुंडोंका बोलबोला है जिसकी वजह से प्रदेश में आम जनता का जीना दूभर हो चुका है। उन्होंने कहा कि यमुनानगर, पंचकूला और करनाल जिलों में सरेआम सरकार की पनाह से अवैध खनन हो रहा है जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। दुष्यंत ने कहा कि गत दिन पहले खुद प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल यमुनानगर से पंचकूला आते वक्त खनन माफिया के ट्रकों के बीच फंस गए थे, मौके से ट्रक ड्राइवर फरार गया था लेकिन उस मामले की कोई जांच तक नहीं हुई।
दुष्यंत चौटाला ने कृषि मंत्री द्वारा सीएम को पत्र लिखकर ओवर लोडेड वाहनों के मामले में सीबीआई जांच की मांग करने का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले साढ़े चार साल सालों में कृषि मंत्री को प्रदेश की कोई एक समस्या को मुख्यमंत्री के सामने रखने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि इस तरह से सीबीआई जांच करवाने को केवल ओवरलोडेड व दक्षिण हरियाणा तकसीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि इससे बड़े और गंभीर मुद्दे अवैध खनन को प्रमुखता से रखते हुए इसकी सीबीआई जांच करवानी चाहिए क्योंकि अवैध खनन से यमुना नदी के साथ-साथ प्रदेश को करोड़ों रूपए के राजस्व की क्षति हो रही है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पूर्व में कांग्रेस सरकार और अब मौजूदा में भाजपा सरकार की पनाह से खनन माफियाओं की इतनी हिम्मत बढ़ गई कि वो विरोध करने पर खुलेआम पुलिस पर ट्रक चढ़ा देते, उनपर फायरिंग कर देते है। वहीं दुष्यंत चौटाला ने भाजपा सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि सूबे के मुखिया मनोहर लाल किसानों के खिलाफ चलते हुए उनपर लगाम लगाने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री किसानों को धान की खेती करने से रोक रहे है। दुष्यंत ने प्रदेश सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि जल संकट जैसे गंभीर मुद्दे को लेकर सरकार जहां किसानों पर तो पाबंदी लगा रही है लेकिन ये बताने का काम नहीं कर रही कि उन्होंने पिछले साढ़े चार सालों से प्रदेश को जल संकट की स्थिति से उभारने के लिए क्या-क्या ठोस कदम उठाए।
दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के लिए जल संकट को गंभीर बताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य में पिछले साढ़े चार सालों से भाजपा का राज है, सीएम मनोहर ने आजतक जल समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करके कोई हल नहीं निकाला। दुष्यंत ने हैरानी जताते हुए कई परियोजनाओं का जिक्र किया जो प्रदेश सरकार के ढीले रवैये के कारण अभी तक लटकी हुई है। उन्होंने कहा कि साल 2017 में केंद्र सरकार द्वारा रेणुका डेम प्रोजेक्ट के लिए 1500 करोड़ का बजट का निर्धारित किया गया था, लेकिन सरकार ने अब तक उस डेम पर कोई काम नहीं किया। इसी तरह किशाऊ और लख्वार बांधों की परियोजना को भी प्रदेश सरकार ने ठंडे बस्ते में डालते हुए केंद्र सरकार से सामने कोई प्रस्ताव नहीं रखा। दुष्यंत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी भाजपा सरकार ने प्रदेश हित में एसवाईएल (सतलुज यमुना लिंक नहर) को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। दुष्यंत चौटाला ने आगे कहा कि इन सभी परियोजनाओं को शुरू करवाने की बजाय भाजपा सरकार किसानों को लूटने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों को नहरी पानी नहीं मिलने के चलते मजबूरन उन्हें ट्यूबवेल का कनेक्शन लेना पड़ता है जिसके एवज में सरकार उनसे 2-2 लाख रूपए लूट रही है।
वहीं दुष्यंत चौटाला ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार खुद को ईमानदार बताते हुए रोजगार को लेकर झूठीपीठ थपथपाने मे लगी हुई है जबकि असलियत ये है कि इस भाजपा राज में सबसे ज्यादा युवा बेरोजगार है, सबसे ज्यादा नौकरियों में धांधलिया हुई और सबसे ज्यादा पेपर लीक हुए है। उन्होंने कहा कि ग्रुप डी में पारदर्शिता का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार में एचपीएससी की सभी भर्तियों में गड़बड़ी की भारी शिकायतें मिल रही हैं लेकिन सरकार की कान पर जूं नहीं रेंग रही। दुष्यंत ने सीएम मनोहर लाल से सवाल पूछते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि लोकसभा के चुनाव के बाद नायब तहसीलदार के पेपर हुए थे जिसमें बड़े स्तर पर धांधलिया देखने को मिली, पेपर लीक करने वालों के दो से ढाई लाख रुपए तक की रिश्वत लेते कई लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई। उन्होंने कहा कि इतना सब कुछ होने के बावजूद सरकार को इतनी क्या जल्दी थी कि उन्हें उस भर्ती का रिजल्ट आउट करना पड़ा। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ईमानदारी का झंडा का लेकर चलने वाली भाजपा सरकार ने रोजगार देने की बजाया सिर्फ ग्रुप डी की भर्तियों से युवाओं नौकरी दिलाकर जॉब सिस्टम को खराब किया है।