अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुजरात भाजपा नेता भूपेंद्र झाला द्वारा किए गए छह हजार करोड़ रुपये के पोंजी घोटाले की सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने खुलासा किया कि झाला ने वरिष्ठ भाजपा नेताओं से अपने संबंधों का इस्तेमाल किसानों, पेंशन भोगियों, गरीब व मध्यम वर्ग के आम लोगों को पोंजी योजना में निवेश करने को लुभाने के लिए किया। इस योजना में निवेश किए गए पैसे दो साल के अंदर दोगुने करने का वादा किया गया था।
गोहिल ने इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ झाला की तस्वीरें भी दिखाईं। उन्होंने कहा, ये तस्वीरें उन आम लोगों का विश्वास जीतने के लिए पर्याप्त थीं, जिन्होंने दो साल के भीतर अपने पैसे दोगुने करने की उम्मीद में इस भूपेंद्र झाला की कंपनी में निवेश किया था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने झाला द्वारा आयोजित एक समारोह के निमंत्रण कार्ड की प्रति भी दिखाई, जिसमें मंत्रियों, सांसदों, विधायकों समेत तमाम वरिष्ठ भाजपा नेताओं का उल्लेख किया गया था। उन्होंने कहा कि इस समारोह में एक केंद्रीय मंत्री और गुजरात के दो मंत्री मुख्य अतिथि थे। गोहिल ने कहा कि छह हजार करोड़ रुपये के घोटाले का मास्टरमाइंड अब फरार है और पुलिस अभी तक उसका पता नहीं लगा पाई है। उन्होंने इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की। गोहिल ने नीट पेपर लीक कांड का भी जिक्र किया, जिसमें पाया गया कि गुजरात में एक स्कूल चलाने वाला भाजपा नेता इसका मास्टरमाइंड था। उन्होंने कहा कि गुजरात पुलिस के एक डीएसपी ने हलफनामे में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि एक अन्य घटना में सूरत में ड्रग्स की तस्करी मामले में मुख्य आपूर्तिकर्ता और सरगना भाजपा का नेता निकला। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, भाजपा को लोगों को यह बताना चाहिए कि चोर और धोखेबाज उसके नेता और सदस्य क्यों बन रहे हैं और भाजपा उन्हें क्यों संरक्षण दे रही है। भाजपा को यह जवाब देना चाहिए कि भूपेंद्र झाला नाम के इस ठग की अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेताओं तक आसान पहुंच कैसे थी, जिनके साथ उसने अपनी तस्वीरें भी खिंचवाईं। गोहिल ने कहा कि गुजरात में अगर मुख्यमंत्री या मंत्री को किसी सार्वजनिक समारोह में जाना होता है तो खुफिया विभाग आयोजक की पृष्ठभूमि की जांच करता है। उन्होंने पूछा कि क्या खुफिया विभाग ने सरकार को नहीं बताया था कि भूपेंद्र झाला ने लोगों के साथ छह हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।
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