अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़ः नागरिकों के जानमाल की सुरक्षा करना प्रत्येक सरकार की पहली जिम्मेदारी होती है। लेकिन हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार अपनी इस जिम्मेदारी को निभाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा सामाजिक प्रगति सूचकांक में हरियाणा के पिछड़ने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।
हुड्डा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी सूचकांक में नागरिक सुरक्षा के मामले में हरियाणा महज 33 अंकों के साथ सबसे निचले पायदान पर रहा है। हत्या, अन्य जघन्य वारदातों, महिलाओं व बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों और साइबर क्राइम जैसे पैमानों पर बनाई गई यह रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा की जनता खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती। केंद्र सरकार की रिपोर्ट ने इस बात पर मोहर लगा दी है कि कानून व्यवस्था को संभालने में गठबंधन सरकार पूरी तरह फिसड्डी साबित हुई है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मौजूदा सरकार के दौरान प्रदेश में अपराध, अपराधी, नशा, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पूरी तरह बेकाबू हैं। जो हरियाणा कांग्रेस कार्यकाल के दौरान 2014 से पहले प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन, खुशहाली और विकास के तमाम पैमानों पर अव्वल था, उस हरियाणा को बीजेपी-जेजेपी ने बेरोजगारी, अपराध और नशे में नंबर वन बना दिया है। एसपीआई से पहले सीएमआईई ने अपनी रिपोर्ट में बताया गया था कि हरियाणा बेरोजगारी में टॉप पर है। लेकिन सच्चाई को देखने की बजाए प्रदेश सरकार ने रिपोर्ट को मानने से ही इंकार कर दिया था। लेकिन क्या प्रदेश सरकार अब केंद्र की रिपोर्ट को भी खारिज कर देगी? भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ने की वजह से उद्योग लगातार पलायन कर रहे हैं। प्रदेश को नया निवेश मिलना भी मुश्किल हो गया है। इसकी वजह से बेरोजगारी विकराल रूप ले चुकी है। गठबंधन सरकार ने हरियाणा को बेरोजगारी और अपराध के भयानक कुचक्र में फंसा दिया है। यही वजह है कि आज सूबे की जनता इस सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए बेकरार है। लोग बेसब्री से चुनाव का इंतजार कर रहे हैं।