अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़, 1 नवंबर: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 56वें हरियाणा दिवस पर राज्य के लोगों के लिए त्योहारों का तोहफा देते हुए आज कई जन कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की, जिससे हरियाणा दिवस कई मायनों में राज्य के लोगों के लिए यादगार बन गया। पुरानी कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन जारी करने, नए साइबर पुलिस थानों की स्थापना, पुलिसकर्मियों के लिए द्विवार्षिक चिकित्सा जांच, पंचायत संरक्षक योजना की शुरुआत करके मनोहर लाल ने हर वर्ग के कल्याण को सुनिश्चित करने के साथ-साथ अंत्योदय की भावना से अंतिम व्यक्ति की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। मुख्यमंत्री ने आज यहां हरियाणा दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह तथा अपनी सरकार के 7 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 से, सुशासन और प्रशासनिक सुधार लाना हमेशा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और अंत्योदय की भावना को कायम रखते हुए, पिछले साढ़े सात वर्षों में केवल परिवार पहचान पत्र जैसी प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाओं को ही लागू नहीं किया गया बल्कि सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए समर्पित प्रयास किए गए हैं। शिक्षा मंत्री कंवर पाल, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, बिजली मंत्री रणजीत सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे पी दलाल, सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा, खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री संदीप सिंह , प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ तथा जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह भी इस मौके पर मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अंत्योदय की भावना से पंक्ति में अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने की दिशा में शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना परिवार पहचान पत्र एक मील का पत्थर साबित होगी। हरियाणा दिवस के मौके पर उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि आज यानी 1 नवंबर 2021 से सरकारी विभागों की 456 सेवाएं परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही मिलेंगी। इसके माध्यम से अब योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पेपर वर्क खत्म हो जाएगा और परिवार पहचान पत्र आईडी के माध्यम से लाभार्थी की सारी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इस योजनाओं का लाभ आमजन सरल केंद्र, अंत्योदय केंद्र या सामान्य सेवा केंद्र पर जाकर ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने हरियाणा की विभिन्न जेलों में बंद 250 कैदियों या जो वर्तमान में पैरोल पर हैं, उनके परिवार के सदस्यों को दीपावली का तोहफा देते हुए आज ऐसे कैदियों जिनकी सजा छह महीने या उससे कम बची है, उनकी सजा माफ करने की घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह घोषणा जघन्य अपराधों में दोषी ठहराए गए कैदियों पर लागू नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य अपराधों में शामिल ऐसे कैदियों की रिहाई 2 नवंबर 2021 से शुरू होगी.मुख्यमंत्री ने निजी बिल्डरों द्वारा विकसित पुरानी कॉलोनियों, जहाँ बिजली के बुनियादी ढांचे की कमी की पहचान की जा चुकी है, में बिजली कनेक्शन जारी करने में बड़ी राहत दी है।मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बिजली के बुनियादी ढांचे की कमी के कारण बिल्डर कॉलोनियों में प्लॉट धारकों या निवासियों को बिजली कनेक्शन से वंचित नहीं किया जा सकता है। मुख्यमंत्री द्वारा घोषित नई नीति के तहत, बिजली वितरण कंपनियों (यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन) द्वारा कॉलोनियों के निवासियों से डेवलपमेंट एडवांस एकत्र करके आवश्यक बिजली के बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा डेवलपर्स से नकद जमा अथवा उनकी ऋणग्रस्त संपत्तियों को कुर्क कर बिजली के बुनियादी ढांचे की कमी की वसूली की जायेगी। डेवलपर्स से शुल्क की वसूली के बाद उपभोक्ताओं से वसूले गए डेवलपमेंट एडवांस को वापिस कर दिया जाएगा। उक्त नीति के अनुसार, राज्य में मुख्य रूप से गुरुग्राम और सोनीपत में स्थित लगभग 5,000 निवासियों को उनके बिजली कनेक्शन जारी करके तत्काल राहत प्रदान की जाएगी। भविष्य में, 25,000 से अधिक प्लाट धारक जिन्होंने अभी तक अपने घर का निर्माण नहीं किया है, उन्हें भी लाभान्वित किया जाएगा। इसके अलावा, ऐसी कॉलोनियों में मौजूदा 30,000 उपभोक्ता जिनके पास पहले से बिजली कनेक्शन है, वे निगम से गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति से लाभान्वित होंगे और उन्हें महंगे जनरेटर बैक-अप पावर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन और सोशल मीडिया एप्स के लिए इंटरनेट के उपयोग में बढोतरी से साइबर अपराधों की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। इस पर नियंत्रण के लिए साइबर अपराधों की शिकायतों को दर्ज करने के लिए राज्य में आज से सभी एफआईआर दर्ज करने वाले पुलिस थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे सभी साइबर अपराध दर्ज किए जाएंगे और समय पर जांच सुनिश्चित होगी। इसके अलावा, हमने साइबर अपराधों की जांच-क्षमता को बढाने के लिए अगले एक वर्ष की अवधि में हरियाणा के सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से साइबर अपराध पुलिस स्टेशन स्थापित करने का निर्णय भी लिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस विभाग ने पांच पुलिस रेंज मुख्यालयों और गुरुग्राम , फरीदाबाद व पंचकुला स्थित पुलिस आयुक्त कार्यालयों में साइबर अपराध पुलिस स्टेशन स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री ने हरियाणा दिवस के मौके पर आज से पुलिस विभाग के कर्मचारियों के लिए द्विवार्षिक स्वास्थ्य जांच योजना की शुरुआत की। यह योजना 35 वर्ष या उससे ज्यादा की आयु वाले कर्मचारियों के लिए है और यह 1 जनवरी, 2022 से लागू होगी। इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना से 32464 पुलिस कर्मचारियों (कुल बल का 62 प्रतिशत) के लाभान्वित होने की उम्मीद है। सामान्य बीमारियों के लिए स्वास्थ्य जांच करने हेतु पात्र कर्मचारियों को दो साल में एक बार पूरी तरह से स्वास्थ्य जांच करवानी होगी। इससे गंभीर स्वास्थ्य बीमारियों का शुरुआती चरण में पता लगाने और उनका इलाज करने में मदद मिलेगी। इस कदम से राज्य पुलिस बल के स्वास्थ्य, फिटनेस और मनोबल को एक बढ़ावा मिलेगा और उन्हें हरियाणा के लोगों की बेहतर सेवा करने में मदद मिलेगी।उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य जांच की जाएगी और उचित निगरानी और समय पर हस्तक्षेप के लिए पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का एक ऑनलाइन डेटाबेस बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत चिकित्सा जांच के लिए पुलिसकर्मियों को कोई पैसा नहीं देना होगा। चिकित्सा जांच का सारा खर्च सरकार वहन करेगी और इसके लिए एजेंसी को सीधे भुगतान किया जाएगा। पुलिस विभाग के कर्मचारियों को आमतौर पर कई-कई घंटे तक काम करना पड़ता है। कानून-व्यवस्था कायम रखने के साथ-साथ पुलिस कर्मचारियों के कंधों पर अपराध पर अंकुश लगाने का भी दायित्व होता है। उन्हें काम के सिलसिले में कई बार लंबे समय तक परिवार से भी दूर रहना पड़ता है। जिसके कारण उन पर मानसिक दबाव बढ़ जाता है। इससे उन्हें कई तरह की बीमारियां होने का अंदेशा बना रहता है, इसलिए इस स्वास्थ्य योजना से बीमारियों का समय रहते पता लगाया जा सकेगा जिससे बेशकीमती जीवन बचाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि हमने निर्णय लिया है कि आज हरियाणा दिवस से राज्य के सभी उपमंडल अधिकारी (नागरिक) और सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्येक जिले में संपत्ति के हस्तांतरण आदि के दस्तावेजों के पंजीकरण के प्रयोजनों के लिए उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक के रूप में नामित किए जाएंगे। तहसीलदार और नायब-तहसीलदार भी संयुक्त उप-पंजीयक बने रहेंगे। यह महत्वपूर्ण कदम आम जनता, विशेष रूप से किसानों और ग्रामीण जनता को इन सभी अधिकारियों के कार्यालयों में जाकर संपत्ति के हस्तांतरण व पंजीकरण के काम करवाने की सुविधा प्रदान करता है। जिस संपत्ति का काम करवाना है वह संबंधित जिले की सीमा के भीतर किसी भी स्थान पर स्थित होनी चाहिए। संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी उसी जिले से सम्बन्धित होने चाहिए । अधिक अधिकारियों के पास ऐसी शक्तियां होने से लोगों को अपना काम करवाने में आसानी होगी, क्योंकि यदि कोई अधिकारी दौरे पर होने के कारण कार्यालय में उपलब्ध नहीं होगा तो लोग दूसरे अधिकारी से काम करवा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों के अंतर्गत तीव्र व समग्र विकास का तंत्र बनाने के उद्देश्य से आज प्रदेश में हरियाणा पंचायत संरक्षक योजना-2021 का शुभारंभ किया जा रहा है। इसमें प्रथम श्रेणी अधिकारियों को ग्राम पंचायत के संरक्षक की भूमिका प्रदान की जाएगी। इस योजना का लक्ष्य गांव में सरकार की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन की सघन समीक्षा करना और ग्रामीणों के कल्याण से सम्बंधित मुद्दों की बेहतर समझ विकसित करना है। प्रत्येक संरक्षक अपने कर्तव्यों के अतिरिक्त उसे सौंपी गई ग्राम पंचायत का दौरा करेगा और संबंधित ब्लॉक एवं विकास अधिकारी को सूचित करके तीन महीने में कम से कम एक बार ग्रामीणों से विचार-विमर्श करेगा। उन्होंने कहा कि वह योजनाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों और पंचायत के सामाजिक-आर्थिक विकास के सुझावों पर एक रिपोर्ट तैयार करेगा और योजना के शुरू होने के एक महीने के भीतर उस रिपोर्ट को सरकार के पोर्टल www.intrahrygov.in पर डालेगा। उन्होंने कहा कि वह अधिकारी ग्रामीणों के कल्याण से संबंधित मुद्दों की निगरानी करेगा तथा ग्राम पंचायत के संबंध में सरकार द्वारा समय-समय पर सौंपे गए कर्तव्यों का पालन करेगा।हरियाणा पंचायत संरक्षक योजना, 2021 के लिए मानव संसाधन विभाग को नोडल विभाग बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरकारी विभागों और उपक्रमों में अनुबंध आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनाया है। आज नियुक्ति प्रक्रिया को सुगम और सुव्यवस्थित करने के लिए हरियाणा कौशल विकास निगम के वन-स्टॉप आई.टी. पोर्टल का शुभारंभ किया जा रहा है। अनुबंध आधार पर नौकरी के उम्मीदवार इस पर अपना पंजीकरण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर उम्मीदवार अपनी परिवार पहचान-पत्र आई.डी का उपयोग करके पंजीकरण कर सकते हैं। सरकारी विभाग व संस्थाएं इस पोर्टल पर कर्मचारियों की आवश्यकता के बारे अधिसूचित करेंगी। पोर्टल के माध्यम से कर्मचारियों की नियुक्ति योग्यता व निर्धारित मानदंडों के अनुसार की जाएगी। मौजूदा कर्मचारियों को भी इस पोर्टल पर दर्शाया जाएगा। मनोहर लाल ने कहा कि अनुबंध कर्मचारियों की शिकायत रही है कि ठेकेदार उनका शोषण करते हैं। समय पर वेतन और अन्य लाभों का भुगतान नहीं किया जाता और ई.पी.एफ व ई.एस.आई. की राशि भी जमा नहीं करवाई जाती। उनके द्वारा उम्मीदवारों का चयन भी पारदर्शी और निष्पक्ष नहीं है। राज्य आरक्षण नीति और अन्य सरकारी अधिसूचनाओं का अनुपालन भी नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, हमने कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के अंतर्गत ‘हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड‘ के नाम से एक कंपनी स्थापित की है। इसके द्वारा कर्मचारियों को नियुक्त करने में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। यह राज्य आरक्षण नीति का पालन सुनिश्चित करेगी। नियुक्त कर्मचारियों को वेतन और लाभ का समय पर भुगतान सुनिश्चित करेगी। यह सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित उम्मीदवारों के उत्थान पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न जिलों में लागू डीसी रेट को अब निगम रेट कहा जाएगा और यह रेट मुख्य सचिव के नेतृत्व में सामान्य प्रशासन विभाग तय करेगा। उन्होंने कहा कि यह रेट कौशल विकास निगम के माध्यम से अनुबंध आधार पर नियुक्त कर्मचारियों पर भी लागू होंगे।मनोहर लाल ने कहा कि इनके निर्धारण के लिए प्रदेश के जिलों की 3 श्रेणियां बनाई गई हैं। श्रेणी-। में जिला गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला और सोनीपत रखे गए हैं। श्रेणी-2 में जिला पानीपत, झज्जर, पलवल, करनाल, अंबाला, हिसार, रोहतक, रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, कैथल, यमुनानगर, भिवानी और जींद आते हैं। श्रेणी-3 में जिला महेंद्रगढ़, फतेहाबाद, सिरसा, नूंह और चरखी दादरी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में पेपरलेस, फेसलेस और पारदर्शी व्यवस्था के अपने विजऩ को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल https://works.haryana.gov.in लॉन्च किया गया है। इसका उद्देश्य प्रदेश सरकार के चार प्राथमिक इंजीनियरिंग विभागों लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी और शहरी स्थानीय निकाय के इंजीनियरिंग कार्यों में काम करने के इच्छुक ठेकेदारों को ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की सुविधा प्रदान करना है। इन विभागों की विभिन्न निविदाओं में भाग लेने के इच्छुक ठेकेदार इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कर सकते हैं। पोर्टल पर पंजीकरण के लिए आवश्यक विवरण प्रदान करने पर उन्हें बयाना जमा राशि (ईएमडी) से छूट दी जाएगी.यह पोर्टल इन विभागों के बोलीदाताओं (बिडर्स) को आवश्यक सूचनाएं प्रदान करने का सिंगल प्लेटफॉर्म होगा। इस पोर्टल के माध्यम से स्टार्टअप और नए उद्यमी को पंजीकरण करने का मौका दिया जाएगा ताकि वे भी आगे बढ़ सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2024 तक गांवों के हर घर में नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। हरियाणा में इसे वर्ष 2022 तक ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा अब तक 18 जिलों के घरों में नल से जल की आपूर्ति की जा चुकी है और शेष चार जिलों में इस वर्ष के अंत तक इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 6156 गांवों को नल से जल मिल रहा है। इस मिशन का उद्देश्य पीने के पानी की बर्बादी को रोकना और नागरिकों को घर पर ही पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना है।इस अवसर पर मुख्य सचिव विजय वर्धन, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, अतिरिक्त जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।