अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने घिनौनी हरकत की है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा को खतरे में डाला गया है, इसकी मैं घोर निंदा करता हूं। राष्ट्रपति को भी निवेदन कर चुका हूं कि इस सरकार को भंग किए जाए, ताकि चुनाव निष्पक्ष हो सकें और आगे भी ऐसी चीजों को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से सामने आया है कि एक एसएचओ बता रहे हैं कि किस तरह उनके पास निर्देश आए हैं और कैसे भीड़ और रास्ते रोके रखने हैं। उन्होंने इस निर्देश को अंजाम दिया। सीआईडी का भी खुलासा हुआ है। सीआईडी ने पहले से बता दिया था कि मौसम खराब है, वैकल्पिक रूट की तैयारी हमें करनी पड़ सकती है। हमें पुख्ता इंतजाम करने हैं। पंजाब सरकार ने इंतजाम करने तो दूर उन्होंने किसान नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए कि कैसे प्रधानमंत्री का रास्ता रोकना है । ऐसा करके उनकी जान को खतरे में डाला है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बारे में जस्टिस इंदु मल्होत्रा की देखरेख में 5 सदस्यों की कमेटी बनाई है। इसकी जांच जल्द होगी और कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। निश्चित रूप से सच्चाई सामने आएगी और पंजाब के सीएम चन्नी व उनकी सरकार का पटाक्षेप होगा। इस घटना की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री चाहे राष्ट्रीय कार्यक्रम में जाए या प्रदेश के किसी भी कार्यक्रम में जाएं। वे देश के प्रधानमंत्री हैं। पीएम पंजाब में तो बहुत बड़े प्रयोजन को लेकर जा रहे थे। उन्होंने वहां जाकर हजारों करोड़ रूपये के प्रोजेक्ट जनता को समर्पित करने थे। वहां बहुत बड़ी भीड़ भी जुटनी थी, लेकिन इससे घबराकर कांग्रेस सरकार ने ऐसा किया। राज्य में प्रदेश सरकार का शासन होता है, जब वे इसका दुरुपयोग करने की ठान लेते हैं तो ऐसा करते हैं। प्रधानमंत्री किसी भी कार्यक्रम में जाएं, उनकी सुरक्षा करना प्रदेश सरकार का काम होता है। पंजाब सरकार इसमें निश्चित तौर पर विफल रही है। इसकी कड़े शब्दों में निंदा होनी चाहिए।
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