अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश में 7 और स्थायी लोक अदालतों (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं) की स्थापना हेतु 3 करोड़ 87 लाख से अधिक और जन उपयोगी सेवाओं के लिए 35 लाख रूपये की राशि को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जन उपयोगी सेवाओं के लिए 7 और स्थायी लोक अदालतों की स्थापना के साथ, सभी जिलों में अपनी अलग स्थायी लोक अदालत (जन उपयोगी सेवाएं) होगी। वर्तमान में, फतेहाबाद, जींद, झज्जर, मेवात, नारनौल और पलवल में कैंप कोर्ट आयोजित किए जा रहे हैं। जबकि चरखी दादरी एकमात्र ऐसा जिला है, जहां कोई नियमित/कैंप कोर्ट आयोजित नहीं किया जा रहा है। इसलिए, चरखी दादरी, फतेहाबाद, जींद, झज्जर, मेवात, नारनौल और पलवल जिलों के लिए 7 और स्थायी लोक अदालतों की स्थापना की अनुमति दी गई है।
उन्होंने बताया कि स्थायी लोक अदालतों (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं) की स्थापना हेतु 3 करोड़ 87 लाख से अधिक और जन उपयोगी सेवाओं के लिए 35 लाख रूपये (प्रत्येक स्थायी लोक अदालत के लिए 5 लाख रुपये) की राशि को स्वीकृति प्रदान की गइ है। चरखी दादरी, फतेहाबाद, जींद, झज्जर, मेवात, नारनौल और पलवल में अध्यक्षों, सदस्यों और कर्मचारियों के पदों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। जिसमें इन 7 जिलों में स्थायी लोक अदालत के लिए 7 अध्यक्ष (प्रत्येक स्थायी लोक अदालत के लिए 1 अध्यक्ष), 14 सदस्य ( प्रत्येक स्थायी लोक अदालत के लिए 2 सदस्य), 7 रीडर, 7 स्टेनो टाइपिस्ट, 14 प्रोसेस सर्वर्स और 14 चपरासी के पद है।
गौरतलब है कि हरियाणा में 22 जिले हैं। हरियाणा सरकार ने समय-समय पर अंबाला, पंचकूला, रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार, करनाल, रेवाड़ी, पानीपत, सिरसा, भिवानी, कैथल, कुरुक्षेत्र, सोनीपत और यमुनानगर में 15 स्थायी लोक अदालतों, सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं की स्थापना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की हुई है।
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