अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़:पशुपालन विभाग हरियाणा द्वारा प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप जारी है। केवल इंसान ही नहीं बल्कि पशु भी इससे परेशान है, जिसको देखते हुए विभाग द्वारा प्रदेश में शीतलहर से पशुओं के बचाव हेतु सभी जिलों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसके अलावा, विभाग ने पशु चिकित्सकों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए है।
विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि सभी पशुपालकों से आग्रह किया है कि वे शीतलहर से पशुओं के बचाव के लिए पशुपालन विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी की पालना करें और अपने पशुधन को शीतलहर से बचाकर रखे।
उन्होंने बताया कि शीतलहर में पशुओं का तापमान कम हो जाता है व सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इसके अतिरिक्त, खांसी व निमोनिया जैसी बीमारियां होने लगती है जिसके कारण पशु खाना पीना छोड़ देते हंै व दूध उत्पादन भी कम हो जाता है। शीत लहर से बचाव करके इन बीमारियों से पशुओं को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कमजोर व नवजात पशुओं पर शीत लहर का प्रभाव ज्यादा पड़ता है। इसलिए पशुओं को उचित खुराक, गुड़ व मिनरल मिश्रण अवश्य देना चाहिए।प्रवक्ता ने बताया कि धूप निकालने पर ही पशुओं को बाहर निकाले। पशुओं पर कंबल इत्यादि डाल कर रखे। यदि पशुओं में ठंड के कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें। शीत लहर से बचाव के लिए सभी पशुओं को कृमिनाशक दवाइयां दिलवाएं। गुड़ व खनिज मिश्रण नियमित तौर पर देते रहे। पशुओं को नहलाने के लिए गर्म/गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। पशुओं के बैठने का स्थान को सूखा रखे। पशुओं के टीन शेड को पराली से ढक कर रखें।
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