Athrav – Online News Portal
राजनीतिक हरियाणा

चंडीगढ़ ब्रेकिंग: बिजली के रेट बढ़ाकर महंगाई से त्रस्त जनता पर सरकार ने मारी एक और मार- हुड्डा

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: बिजली के रेट बढ़ाकर बीजेपी-जेजेपी सरकार ने महंगाई से त्रस्त जनता पर एक और मार मारने का काम किया है। निजी बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार जनता पर नाजायज बोझ डाल रही है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा अपने आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि एक तरफ राजस्थान में कांग्रेस सरकार 500 रुपये में गैस सिलेंडर देकर जनता को महंगाई से राहत दे रही है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी-जेजेपी बिजली की दरों में 52 पैसे (47+5 पैसे) की बढ़ोत्तरी करके गरीब और मध्यमवर्ग पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है। उदहारण के तौर पर 600 यूनिट तक खर्च करने वाले सामान्य परिवार को अब हर महीने 300 रुपये से ज्यादा अतिरिक्त का भुगतान करना पड़ेगा।

हुड्डा ने बताया कि निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए आम जनता पर बोझ डाला जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस कार्यकाल में अडाणी ग्रुप के साथ हुए बिजली खरीद समझौते के तहत 2.94 पैसे प्रति यूनिट की दर से 25 साल तक हरियाणा को बिजली मिलनी थी। लेकिन पिछले गर्मी सीजन में कंपनी ने बिजली देने से मना कर दिया। निजी कंपनी पर कानूनी कार्रवाई करने की बजाए, सरकार ने बाहर से 10-11 रुपए की दर से महंगी बिजली खरीदी। पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि निजी कंपनियों पर निर्भरता खत्म करने के लिए कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में 4 पावर प्लांट (1. खेदड़, हिसार, 2. दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर, यमुनानगर, 3. इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर, झज्जर, 4. महात्मा गांधी सुपर थर्मल पावर, झज्जर) स्थापित किए गए। साथ ही  पानीपत थर्मल पावर में 250 मेगावाट की स्टेज-6 यूनिट लगाई गई। साथ ही फतेहाबाद के गांव गोरखपुर में 2800 मेगावाट के पहले परमाणु बिजली संयंत्र की स्थापना हुई।  इसके अलावा यमुनानगर में 660 यूनिट के एक और पावर प्लांट को मंजूरी देने का कार्य भी कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था। लेकिन पिछले साढ़े 8 साल से भाजपा सरकार ने इस प्रोजेक्ट को लटकाए रखा। नया कोई पावर प्लांट लगाने की बजाए मौजूदा सरकार ने पहले से स्थापित प्लांट्स को भी ठप कर दिया और निजी कंपनियों पर निर्भरता बढ़ा दी।कांग्रेस सरकार ने 10 साल में लगातार बिजली के रेट कम किए और किसानों को देश में सबसे सस्ती 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली दी। इतना ही नहीं कांग्रेस कार्यकाल में ही 1600 करोड रुपए के बिजली बिल माफ करने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया। लेकिन बीजेपी और गठबंधन सरकार के दौरान लगातार रेट में बढ़ोत्तरी, मीटर खरीद में घोटाले, बार-बार मीटर बदलकर व निजी कंपनियों से महंगी बिजली खरीदकर जनता को लूटने का काम हुआ।  हुड्डा ने मंडियों में गेहूं की खरीद नहीं होने को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने बताया कि प्रदेश की मंडियों का दौरा करके उन्होंने किसान, मजदूर व आढ़तियों से बात की। खरीद व उठान नहीं होने के चलते सभी परेशान हैं। सरकार के इसी ढुलमुल रवैये के चलते किसानों को सरसों का एमएसपी भी नहीं मिल पाया था। किसानों को एमएसपी से 500-1000 रुपए प्रति क्विंटल कम रेट पर अपनी फसल बेचनी पड़ी थी। अब यहीं हाल गेहूं का हो रहा है। कई जगह मंडियों में खरीद का काम व ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ पोर्टल बंद पड़ा है। हर फसली सीजन में जरुरत के वक्त पोर्टल काम करना बंद कर देता है। हमारी मांग है कि मौसम की मार को देखते हुए किसानों को फूटे दाने, छोटे दाने, नमी और लस्टर लॉस की लिमिट में और छूट दी जाए। लेकिन सरकार ने छूट के साथ गेहूं में भारी वैल्यू कट लगाने के आदेश दे दिए। पहले से भारी घाटा झेल रहे किसानों के साथ यह ज्यादती है। हरियाणा सरकार को वैल्यू कट खुद वहन करना चाहिए और किसान को उसकी फसल का पूरा रेट मिलना चाहिए। पिछले दिनों हुई बारिश के चलते किसानों ने 17 लाख एकड़ से ज्यादा फसल खराबे की शिकायत की है। लेकिन बमुश्किल 10% फसल की ही गिरदावरी हो पाई है। गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है, ऐसे में कब तक गिरदावरी होगी और कब किसानों को मुआवजा मिलेगा। हुड्डा ने किसानों के नुकसान को देखते हुए 25,000 से लेकर 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि किसानों को प्रति क्विंटल 500 रुपये बोनस दिया जाए। पीएम फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को भी मिलना चाहिए। क्योंकि अबतक यह योजना मात्र कंपनियों के लिए लाभकारी साबित हो रही है। 5 साल के भीतर कंपनियों को 40 हजार करोड़ का लाभ हो चुका है। लेकिन किसानों को हमेशा घाटा ही उठाना पड़ता है।  नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि किसानों के साथ आढ़ती भी सरकार की कुनीतियों से नाराज हैं। उनकी आढ़त को भी 53 से घटाकर 46 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। कोरोना काल में सरकार ने लेट पेमेंट पर ब्याज के साथ भुगतान का वादा किया गया था। आज तक भी आढ़तियों के करोड़ों रुपये की पेमेंट नहीं हुई है। इसी तरह सरकार ने लेट पेमेंट पर किसानों को ब्याज देने का वादा किया था। उसका भी सरकार ने भुगतान नहीं किया। प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी करते हुए हुड्डा ने बताया कि सरकार जनता को गुमराह करने के लिए कर्ज और जीएसडीपी के गलत आंकड़े पेश कर रही है। अपने एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि 2014-15 में हरियाणा की जीएसडीपी मात्र 3 लाख करोड़ थी, जबकि सच्चाई यह है कि उस समय जीएसडीपी 4,48,537 करोड़ थी। बीजेपी कार्यकाल के दौरान जीएसडीपी मात्र 2.2 गुणा बढ़ी है जबकि कर्जा 4 से 5 गुणा बढ़ा है। आज प्रदेश पर तमाम देनदारियों को मिलाकर 4 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है।  भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आबकारी महकमे में जमकर अनियमितताएं हो रही हैं। सरकार द्वारा हर बार आय के बड़े लक्ष्य रखे जाते हैं, जबकि हमेशा उससे कम आय होती है। इतना ही नहीं, सरकार के पास डिस्टलरी से निकलने वाली शराब, शराब के उत्पादन, उसकी लागत और उसकी गुणवत्ता का भी पूरा रिकॉर्ड व मॉनिटरिंग नहीं है। सीएजी की यह रिपोर्ट बड़ी आर्थिक अनियमितता की तरफ इशारा कर रही है। इसलिए हाईकोर्ट की निगरानी वाली कमेटी से पूरे मामले की जांच करवाई जानी चाहिए।

Related posts

दिल्ली ब्रेकिंग: विपक्ष की आवाज दबाकर सरकार के प्रवक्ता की भूमिका निभा रहे सभापति-मल्लिकार्जुन खरगे 

Ajit Sinha

डीजीपी पी. के. अग्रवाल ने राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के कामकाज की समीक्षा, ब्यूरो के कार्य में तकनीकी सुधार को लेकर दिए आदेश

Ajit Sinha

मैं टायर्ड और रिटायर्ड नहीं, 80 साल की उम्र तक देश और प्रदेश के विकास के लिए करता रहूंगा काम – डिप्टी सीएम

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x