अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशासनिक सचिवों, जिला उपायुक्तों के साथ राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिए कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने में किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। जिला प्रशासन के अधिकारी अपने विभागों से संबंधित योजनाओं की निरंतर निगरानी करते रहें ताकि जनता को त्वरित सुविधाएं प्रदान की जा सकें। बैठक की सह-अध्यक्षता विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने की। बैठक के दौरान पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों की समीक्षा करने के दौरान जब पाइप लाइन बिछाने के कारण खराब हुई सड़कों और गलियों को ठेकेदारों द्वारा बनाने की जिम्मेदारी तय करने का विषय रखा गया तो जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा दिए गए जवाब से मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने ईआईसी आसिम खन्ना और ईसी राजीव बतिश को तुरंत ही दिशा कमेटी की बैठक से बाहर किया और साथ ही दोनों को 5 दिन की कंपलसरी लीव पर जाने के आदेश दिए। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने आगे से सही कार्य करने की चेतावनी भी दी।
मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि इस प्रकार की सड़कों और गलियों को ठेकेदारों द्वारा बनाया जाना सुनिश्चित किया जाए,क्योंकि यह नियम टेंडर दस्तावेज में पहले से ही उल्लिखित होता है।बैठक में लोकसभा सांसद धर्मबीर सिंह, राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार, कार्तिकेय शर्मा, विधायक हरविंद्र कल्याण, नयनपाल रावत, श्रीमती नैना चौटाला और श्रीमती सीमा त्रिखा भी मौजूद रहे। इनके अलावा, सांसद डॉ अरविंद शर्मा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। बैठक के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर दिशा कमेटी की त्रैमासिक बैठक अवश्य बुलाई जानी चाहिए। यदि किसी कारणवश स्थानीय सांसद बैठक के लिए समय नहीं दे पाते हैं, तो उस स्थिति में जिला उपायुक्त को बैठक बुलाने का अधिकार है। इसलिए सभी बैठक तय समयावधि में होनी चाहिए। मनोहर लाल ने कहा कि गरीब व जरूरतमंदों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के दृष्टिगत राज्य सरकार ने प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सिर पर छत उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को एक लाख मकान या प्लाट दिए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसी तर्ज पर अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी गरीबों को आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना की रूपरेखा तैयार की जाए। मनोहर लाल ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के अंतर्गत खनन क्षेत्र वाले जिलों में खनिज कोष से खनन क्षेत्र से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में शिवधाम योजना के तहत करवाए जाने वाले कार्यों का निष्पादन सुनिश्चित किया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि चरखी दादरी, भिवानी, यमुनानगर और महेंद्रगढ़ जिलों के पास खनन कोष के रूप में 17-17 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उपलब्ध है।मुख्यमंत्री ने भिवानी के जिला उपायुक्त को निर्देश दिए कि खनन के कारण खानक गांव में प्रदूषण की गंभीर समस्या है और ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए खनन क्षेत्र में पानी का छिड़काव करने के साथ-साथ क्रेशर जोन के आस-पास पानी छिड़काव के लिए विशेष संयंत्र लगाने की भी योजना बनाई जाए।बैठक के दौरान जन प्रतिनिधियों द्वारा बुनियाद कार्यक्रम के तहत शिक्षा ग्रहण करने के लिए लंबी दूरी तय करके स्कूल जाने के कारण बच्चों को हो रही परेशानी का विषय रखा गया। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए, यह हमारी जिम्मेवारी है। इसलिए बुनियाद कार्यक्रम के तहत शिक्षा ग्रहण रहे बच्चे, जो लंबी दूरी तय करके स्कूल में जा रहे हैं, उनके बस पास बनाये जाएं और परिवहन विभाग भी फील्ड अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर व्यवस्था को सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को स्कूल तक आने-जाने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होनी चाहिए, इसके लिए सरकार ने योजना बनाई है। गांव से 1 किलोमीटर की दूरी से अधिक पर स्थित स्कूलों में आने-जाने के लिए सरकार की ओर से बच्चों को परिवहन की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए प्रत्येक स्कूल में एक शिक्षक को स्कूल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर के रूप में नामित किया गया है, जिसका कार्य ऐसे बच्चों के साथ समन्वय स्थापित करना है, जिन्हें परिवहन सुविधा की आवश्यकता है।परंपरागत कृषि विकास योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसलिए किसान परंपरागत खेती से हटकर प्राकृतिक खेती को अपनाएं, इसके लिए उन्हें जागरूक करने के साथ-साथ उनकी ट्रेनिंग भी करवाई जाए। साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्राकृतिक खेती पोर्टल दोबारा से खोलने के भी निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक किसान जो प्राकृतिक खेती के लिए इच्छुक हैं, वे अपना पंजीकरण करवा सकें।मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान की सफलता के बाद आज बेटियों के लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पहले के मुकाबले आज 1 हजार लड़कों पर 923 लड़कियां हैं, जिसे हमें बढ़ाकर 950 तक लेकर जाना है। इसके लिए सभी संबंधित विभाग कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया को सख्ती से अपनाते रहें और जो लोग राज्य से बाहर जाकर लिंग जांच करवाते हैं, उन पर भी अन्य राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाएं। इतना ही नहीं, जो जिले अभी भी बेटियों की जन्म दर के मामले में कम हैं, उन जिलों में निरंतर जागरूकता कार्यक्रम चलाते रहें।मुख्यमंत्री ने टीकाकरण प्रोग्राम की समीक्षा करते हुए कहा कि बच्चों के टीकाकरण की जिम्मेवारी महिला एवं बाल विकास विभाग को दी गई है। विभाग आंगनवाड़ी वर्कर्स और एएनएम के साथ मिलकर बच्चों के टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करे। सॉयल हेल्थ कार्ड प्रोग्राम की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग किसानों को जागरूक करने हेतु विशेष जागरूकता अभियान चलाए और किसानों को अवगत करवाएं कि सॉयल हेल्थ कार्ड के क्या फायदे हैं और फसल पैदावार में यह किस प्रकार सहायक हैं, ताकि सॉयल हेल्थ कार्ड का धरातल पर पूर्ण उपयोग सुनिश्चित हो सके। बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त, राजस्व टीवीएसएन प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल सहित संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।
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