अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस के विधायकों ने अमृत योजना के तहत प्रदेश में हुए घोटाले को लेकर सवाल खड़े किए। घोटाले को लेकर कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में विधायकों की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। जिसमें विधायक बीबी बत्रा, जगबीर मलिक, जयबीर वाल्मीकि,सुभाष गांगोली,बलबीर वाल्मीकि, इंदूराज नरवाल, हरियाणा कांग्रेस के मीडिया प्रभारी चांदवीर हुड्डा मौजूद रहे। इस दौरान विधायक बीबी बत्रा ने कहा कि साल 2017-18 में प्रदेश में अमृत-1 योजना के तहत 2700 करोड़ रुपए आए और जिनके कॉन्ट्रेक्ट भी 2017-18 में अलॉट कर दिए गए। DNIT के मुताबिक प्रोजेक्टों पर लागत 2286 करोड़ की आनी थी जबकि 2714 करोड़ रुपए के टेंडर अलॉट कर दिए गए।
और यह राशि सीवरेज सिस्टम, पेयजल आपूर्ति, ड्रेनेज ओर पार्कों के रख रखाव पर खर्च होनी थी। उन्होंने कहा कि यह काम जन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किए जाने चाहिए थे, ताकि सही तरीके से काम हो सके। लेकिन इस पैसे में भ्रष्टाचार करने के लिए इस काम को शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा करवाया गया। जिसमें 428 करोड़ का घोटाला हुआ है। विधायक बीबी बत्रा ने कहा कि 6 साल में 51 प्रोजेक्टों में से 18 प्रोजेक्ट ही पूरे हो पाए जबकि 33 प्रोजेक्ट अभी भी पेंडिंग पड़े हुए हैं। सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इन प्रोजेक्टों को राज्य की कंपनियों को न देकर दूसरे राज्यों की कंपनियों को दिए गए। और अमरूत-1 अभी पूरा भी नहीं हुआ था की अमरूत-2 आ गया। यहां तक की सिवरेज प्लांट बना भी नहीं और पाइप लाइनें पहले ही बिछा दी गई। उन्होंने कहा कि पाइपों के रेट हाई पावर परचेज कमेटी के रेट नंबर से 20 से 25 प्रतिशत ज्यादा दिखाए गए जोकि सरेआम घोटाले को दर्शा रहा है। उन्होंने कहा कि घोटाले का यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाया था। और रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा ने भी सीएम के सामने अमृत योजना के तहत हुए कार्यों में घोटाले के आरोप लगाए थे। बत्रा ने कहा सीबीआई से इस घोटाले की जांच होने से ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।वहीं जींद व अन्य जिलों का जिकर करते हुए विधायक जगबीर मलिक ने कहा कि कई जगह तो ऐसा भी मिला है कि जहां पर पाइप लाइनें बिछाई गई थी खोजने पर वहां पाइन ही नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि इस सारे घोटाले की जांच ईमानदारी के साथ होने चाहिए और उस समय के ULB के मंत्री व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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