अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा है कि कोविड- 19 के दौरान किन्हीं कारणों से अपने बिजली बिल न भरने वाले सभी घरेलू श्रेणियों के उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक बड़ी सौगात देते हुए सरचार्ज न लगाने की अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है।बिजली मंत्री ने आज यहां अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब उपभोक्ता सरचार्ज की बजाए 10 प्रतिशत साधारण ब्याज की वार्षिक दर से गणना कर बिलों की अदायगी कर सकेंगे। एक मुश्त बिल भरने वाले उपभोक्ताओं को ब्याज दर में पांच प्रतिशत की अतिरिक्त छूट होगी । उन्होंने बताया कि यह योजना तीन महीने तक जारी रहेगी। उपभोक्ता तीन किश्तों में भी अपनी राशि जमा करवा सकते हैं। यह एक मुश्त सरचार्ज माफ योजना ग्रामीण घरेलू शहरी घरेलू कृषि तथा मुर्गी पालन श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए लागू होगी। पहले बिल पर सरचार्ज लगाने के बाद राशि दो तीन गुणा बढ़ जाती है ।
चौधरी रणजीत सिंह ने बताया कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का मौके पर ही समाधान करने के लिए विभाग बिजली पंचायतों का आयोजन करेगा जिसकी शुरुआत वे स्वयं हिसार जिले के आदमपुर पावर हाऊस आगामी 6 सितम्बर को करेंगे। उन्होंने बताया कि पांच शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर कार्य चल रहा है। 10 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने के निर्देश दिए गए थे जिसमें से साढ़े तीन लाख स्मार्ट मीटर खरीदे जा चुके हैं। उन्होंने बताया उपभोक्ता अपने बिजली बिलों का भुगतान ई-पे के माध्यम से करें, इस दिशा में अध्ययन किया जा रहा है। पंचायत चुनाव के सम्बन्ध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में बिजली मंत्री ने कहा कि सरकार इसके लिए तैयार है जैसे ही न्यायालय से इस सम्बन्ध में आगामी टिप्पणी आएगी हम चुनाव कराने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सत्ता का विकेन्द्रीकरण हमारे लोकतंत्र की पहचान है। विधान सभा भी लोगों की संपत्ति होती है, ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक चुने हुए जनप्रतिनिधि ही लोगों की समस्याओं को उठाकर समाधान करवाते है।
चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि जेल विभाग का प्रभार भी उनके पास है पिछले लगभग तीन वर्षों में जेल स्तर को सुधारने के लिए अनूठी पहल की गई है। विगत दिनों जेल अधीक्षकों व उप-अधीक्षकों की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जेल महानिदेशक, पूर्व डीजीपी के.पी.सिंह, तिहाड़ जेल के डीजीपी को भी बुलाया गया था। बैठक में इस बात पर भी सहमति हुई थी कि जेल अधीक्षकों व उप-अधीक्षकों को स्कॉर्पियो गाड़ी दी जाएगी। इसी प्रकार बन्दियों को दिए जाने वाले रात्रि भोजन के समय में भी बदलाव किया गया है, पूर्व में सूर्यास्त के समय बन्दियों को खाना दिया जाता था जो वर्ष 1947 से चला आ रहा था क्योंकि उस समय जेलों में बिजली की व्यवस्था नहीं थी लेकिन अब आधुनिक जेलों की अवधारणा आ चुकी है। अब रात्रि भोजन का समय ग्रीष्म ऋतु में सात से आठ तथा सर्दियों में यह समय सांय छ: से सात बजे का होगा।
उन्होंने कहा कि भिवानी, नारनौल व हिसार जेलों में सालासर बाबा जी को चढ़ाये जाने वाले सवामणी प्रसाद भी तैयार करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार जैविक खेती भी जेलों में करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र जेल की भूमि पर आरम्भ किया गया पेट्रोल पंप पर 12 लाख लीटर तेल की बिक्री प्रतिदिन हो रही है। अम्बाला, हिसार जेल जो शहर के अन्दर आ गई हैं उन्हें भी बाहर शिफ्ट किया जाएगा। फतेहाबाद व चरखी दादरी में नई जेलों का निर्माण किया जा रहा है।
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