अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रेवाड़ी के सिविल अस्पताल में तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को विकलांगता प्रतिशत बढ़ाने के एवज में 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। आउटसोर्स नीति के तहत चपरासी के पद पर कार्यरत आरोपी चिकित्सा अधिकारी के नाम से रिश्वत की मांग कर रहा था। एसीबी द्वारा चिकित्सा अधिकारी को भी गिरफ्तार किया गया है। एसीबी के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के नाम डॉक्टर साहिल यादव, चिकित्सा अधिकारी और राहुल, चपरासी है। दोनों आरोपियों को जिला रेवाड़ी निवासी अमित कुमार की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता ने एसीबी से संपर्क कर दी शिकायत में आरोप लगाया कि सिविल अस्पताल रेवाड़ी में चपरासी के पद पर तैनात राहुल उसकी माता की विकलांगता प्रतिशत को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के एवज में 20,000 रुपये रिश्वत की मांग कर रहा है। आरोपी द्वारा चिकित्सा अधिकारी की ओर से रिश्वत की मांग की जा रही है और इसके एवज में 5000 रुपये पहले ही ले चुका था।शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी की टीम ने रेड करते हुए आरोपी चपरासी को 15,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बाद में टीम ने चिकित्सा अधिकारी को भी गिरफ्तार कर लिया। इस संबंध में दोनों आरोपियों के खिलाफ एसीबी थाना गुरुग्राम में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच चल रही थी।
30,000 रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में पटवारी गिरफ्तार
इससे पहले एक अलग मामले में एसीबी की टीम ने अंबाला जिले के थरवा माजरी में तैनात हलका पटवारी को शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर प्रॉपर्टी की म्यूटेशन दर्ज करने के नाम पर 30,000 रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया। ऑडियो रिकार्ड साक्ष्य के आधार पर आरोपी पटवारी चरणजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया।