अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ई गवर्नेंस से सुशासन की दिशा में बढ़ते हुए राज्य सरकार ने लोगों को बड़ी राहत प्रदान करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी की फर्द यानी ई-फर्द प्रणाली की शुरुआत की है। अब लोगों को अपनी जमाबंदी की हस्ताक्षर युक्त फर्द निकाल ने के लिए पटवारियों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते, बल्कि www.jamabandi.nic.in पोर्टल के माध्यम से लोग डिजिटल हस्ताक्षर युक्त फर्द अर्थात् नकल प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पारिवारिक जमीनों के झगड़ों से निपटान के लिए सांझी खेवट की तकसीम हेतु प्रदेश सरकार नया कानून ला रही है। इस कदम से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और अदालतों में लंबे समय तक चलने वाले जमीनी झगड़ों से भी निजात मिलेगी।
मुख्यमंत्री आज ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई- फर्द सुविधा का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों से सीधा संवाद कर रहे थे।
लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने ई- फर्द प्रणाली लागू करके आम जनमानस को बहुत बड़ी राहत दी है। क्योंकि पहले फर्द प्राप्त करने के लिए पटवारियों के चक्कर काटने पड़ते थे, यहां तक कि महीनों महीनों का समय लगता था लेकिन अब यह काम घर बैठे मिनटों में ही हो जाता है। लाभार्थियों ने कहा कि मुख्यमंत्री जिस प्रकार आप लोगों की सुविधा के लिए ऐसे ऐसे कार्य कर रहे हैं, हमने कभी नहीं सोचा था कि ये काम ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे ही होने लगेंगे। सरकार का यह कदम क्रांतिकारी कदम है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 25 दिसम्बर,2022 को www.jamabandi.nic.in पोर्टल शुरू किया था और यह खुशी की बात है कि पिछले 4 माह में लगभग 10 हजार लोगों ने डिजिटल हस्ताक्षर युक्त ई – फर्द ऑनलाइन डाउनलोड की है। उन्होंने कहा कि एक फर्द के लिए सर्विस चार्ज मात्र 100 रुपये है और पहले खेवट के लिए 10 रुपये तथा इसके बाद के प्रत्येक खेवट के लिए 5 रुपये फीस देनी होती है। उन्होंने कहा कि पहले इस काम के लिए दलाल कमीशन लिया करते थे, लेकिन अब ऐसे दलालों से मुक्ति मिली है और इस प्रकार के काम घर बैठे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब हम सत्ता में आए, तो उस समय हमारा उद्देश्य यही था कि किस प्रकार आम जनता की समस्याओं को दूर कर उनके जीवन को सरल बनाया जाए। इसके लिए डिजिटल सिस्टम खड़े किए गए।उन्होंने कहा कि जमाबंदी पोर्टल लैंड रिकॉर्ड सम्बन्धी जानकारी के लिए सिंगल विंडो का काम करता है। इस पोर्टल पर ही ई – फर्द के अलावा भूमि डेटा से संबंधित सभी जानकारियां जैसे कि खसरा , खतौनी जमीन का नक्शा , प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन , स्टाम्प शुल्क कैलकुलेटर आदि सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशभर की सभी 143 तहसीलों / उप तहसीलों में वैब- हैलरिस प्रणाली का उपयोग करते हुए भूमि अभिलेख प्रबंधन कार्यों का कम्प्यूटरीकरण किया है। सभी राजस्व रिकॉर्ड रूम का भी कम्प्यूटरीकरण कर दिया है। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों तथा राज्य मुख्यालय पर डिजिटल राजस्व रिकॉर्ड रूम स्थापित किए गए थे। इस नई पहल के तहत महत्वपूर्ण राजस्व रिकॉर्ड और दस्तावेजों को स्कैन व सूचीबद्ध करके आधुनिक रिकॉर्ड रूम में डिजिटल बॉक्स में रखा गया है । इसके लिए 18 करोड़ 50 लाख दस्तावेजों को स्कैन किया गया है। आई.टी. की सहायता से अब रिकॉर्ड को मेंटेन करना और जरूरत पड़ने पर इसे ढूंढ़ना आसान हो गया है। मनोहर लाल ने कहा कि जमीन सम्बंधी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया है। रजिस्ट्री करवाने अथवा तहसील के अन्य कार्यों के लिए लोगों को इंतजार न करना पड़े यह सुनिश्चित करने के लिए ई – पंजीकरण प्रणाली की शुरुआत की है। इससे एक कदम और आगे बढ़कर यह व्यवस्था की है कि कोई भी व्यक्ति प्रदेश के एक जिले के किसी भी तहसील कार्यालय में जाकर अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करवा सकता है। अब तो सरकार एक कदम और आगे बढ़ते हुए ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी जमीन की रजिस्ट्री किसी भी तहसील में करवा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के समय से चली आ रही लाल डोरा प्रथा के तहत पहले गांवों में लाल डोरा के भीतर रजिस्ट्री नहीं होती थी। इस कारण जमीन के कारण काफी झगड़े होते थे। राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान करने के लिए गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के अभियान की शुरुआत की। इस योजना के तहत सभी गांवों को लाल डोरा मुक्त किया गया और लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिया गया। लाल डोरा मुक्त होने से गांव की सम्पत्ति को विशेष पहचान मिलने के साथ – साथ भूमि मालिकों को मालिकाना हक मिला है। जमीन की खरीद फरोख्त व उस पर ऋण लेने का अधिकार मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के रूप में पूरे देश में लागू किया है। उन्होंने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा के माध्यम से किसान फसल आसानी से बेच सकते हैं। इतना ही नहीं, अब पैसा सीधा किसानों के बैंक खातों में जाता है। इसके अलावा, फसलों को प्राकृतिक नुकसान होने की स्थिति में भी किसान स्वयं अपने नुकसान की जानकारी दें, इसके लिए ई फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल बनाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार परिवार पहचान पत्र के माध्यम से पात्र परिवारों को सभी प्रकार के लाभ दे रही है। हालांकि, विपक्ष के लोग इन सुविधाओं को देखकर परेशान हो रहे हैं, कि कैसे सरकार जन कल्याण के लिए कार्य कर रही है। विपक्ष के लोग कहते हैं कि वे इन पोर्टल को खत्म कर देंगे। जबकि वास्तविकता तो यह है कि लोगों को इन पोर्टल से काफी लाभ हो रहा है। जनता सब समझती है, लोगों को उनकी बातों से भ्रमित नहीं होना है।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments