अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी आदेशो की अनुपालना में पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी पुलिस आयुक्त, पुलिस अधीक्षकों, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों और आईजी को पत्र लिखकर आदेश दिए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि उनके अधिकार क्षेत्र में पराली न जलाई जाए। यदि प्रदेश में कहीं भी पराली जलाने का मामला सामने आता है तो संबंधित थाना प्रभारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इस बारे में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि आदेशों में पुलिस अधिकारियों को उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है।उन्होंने बताया कि प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कम करने के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है।
इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अन्य आदेश जिसमें दिल्ली और साथ लगते राज्यों में वाहनों पर प्रदूषण के स्तर के हिसाब से रंगीन कोड वाले स्टीकर चस्पा किए जाने है, के संबंध में भी पुलिस मुख्यालय द्वारा आईजी ट्रैफिक तथा हाइवे को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए है। इन आदेशो के तहत आईजी ट्रैफिक को परिवहन विभाग के साथ तालमेल स्थापित करते हुए उपरोक्त आदेशो की पालना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने सभी को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पर्यावरण में बढ़ता प्रदूषण का स्तर हम सभी के लिए चिंता का विषय है। दीपावली पर पटाखों से वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है और अस्थमा के रोगियों की संख्या बढ़ जाती हैं। साथ ही पटाखों से हानिकारक विषैली गैस निकलती हैं जिनका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और यह प्रभाव लंबे समय तक रहता है। पटाखों व आतिशबाजी से वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा श्वास संबंधी रोगियों के स्वास्थय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उनका मानना है कि ‘जगमगाहट सहित व आतिश बाजी रहित‘ सुरक्षित तरीके से मनाई जाने वाली दीपावली हर परिवार को खुशियां प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि हम सभी को इस दीपावली पर प्रदूषण रहित मनाने का संकल्प लेना चाहिए। लोग जनहित तथा पर्यावरण हित में दीपावली पर आतिशबाजी न चलाए और दीप जलाकर रोशनी के इस पर्व को खुशी से मनाएं।
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