अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि प्रदेश सरकार ने भर्ती के नाम पर एक बार फिर हरियाणा के युवाओं के साथ धोखा किया है। 5 साल से भर्तियों पर कुंडली मारकर बैठी बीजेपी -जेजेपी सरकार ने लंबे इंतजार के बाद ग्रुप-सी की भर्ती का रिजल्ट जारी किया। लेकिन ये रिजल्ट युवाओं के लिए खुशी की बजाए भद्दा मजाक साबित हुआ। क्योंकि भर्ती में भयंकर पैमाने पर धांधली सामने आई है। धांधली इस कद्र सरेआम थी कि रिजल्ट जारी होते ही हजारों की तादाद में युवा एचएसएससी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए। युवाओं ने आरोप लगाया कि धांधली करके ज्यादा अंकों वाले अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया गया और कम अंक वाले अभ्यर्थियों का सिलेक्शन कर लिया गया। अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर फेरबदल करके इस पूरे गड़बड़झाले को अंजाम दिया गया है।
अभ्यार्थी शिकायत कर रहे हैं कि दस्तावेजों में गड़बड़ी करके उनकी कैटेगरी ही बदल दी गई। शिकायत करने पर अधिकारियों ने कई अभ्यर्थियों को बताया कि उनके डॉक्यूमेंट जमा नहीं होने की वजह से उन्हें सेलेक्ट नहीं किया गया। जबकि डॉक्यूमेंट के जमा किए बिना ना तो अभ्यर्थी का फॉर्म सबमिट हो सकता है और ना ही उसका रोल नंबर जारी हो सकता है। बहुत सारे अभ्यर्थियों के तो पोर्टल से डॉक्यूमेंट ही गायब बताए जा रहे हैं। सवाल खड़ा होता है कि अभ्यार्थियों द्वारा जमा किए गए दस्तावेज आखिर कहां गए और किसने गायब किए? सरकार के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। इसीलिए इस गड़बड़झाले को अंजाम देने के लिए बिना डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के ही रिजल्ट जारी कर दिया गया। जबकि फाइनल रिजल्ट से पहले हमेशा अभ्यर्थियों की फिजिकल डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होती है, जो इस भर्ती में कारवाई ही नहीं गई। इसलिए इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच जरूरी है। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि ये वहीं ग्रुप-सी की भर्ती है, जिसके CET की मुख्य परीक्षा में भी धांधली हुई थी। ग्रुप-56 और ग्रुप-57 का पेपर कॉपी-पेस्ट करके लीक किया गया। 100 में से 41 सवाल ऐसे थे, जो 6 अगस्त के पेपर में आए और वो 7 अगस्त के पेपर में रिपीट कर दिए गए। इससे पहले भी मौजूदा सरकार के कार्यकाल कई भर्ती घोटाले उजागर हो चुके हैं। इस सरकार के दौरान भर्तियों के रिजल्ट से ज्यादा पेपर आउट होते हैं। बाकायदा अखबारों में एचएसएससी और एचपीपीएससी (HPPSC) की कई भर्तियों की रेट लिस्ट भी छपी है। क्योंकि खुद भर्ती करने वाले डिप्टी सेक्रेटरी HPSC ऑफिस में लाखों रुपये के साथ पकड़े गए। भर्तियों में धांधली के आरोप में खुद HSSC के कर्मचारी पकड़े गए। उनके हवाले से कई भर्तियों में घोटाले के खुलासे हुए, लेकिन सरकार ने सारे मामलों को दबा दिया। भर्तियों में गड़बड़ियों के चलते खुद कोर्ट कई बार सरकार की भर्ती करने वाली संस्थाओं को जुर्माना लगा चुकी है। बावजूद इसके गड़बड़ियों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि देश में सर्वाधिक बेरोजगारी से त्रस्त युवाओं के भविष्य के साथ मौजूदा सरकार लगातार खिलवाड़ कर रही है। इसीलिए युवाओं के सब्र का बांध अब टूट चुका है। वो मौजूदा सरकार को बदलकर फिर से हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनाना चाहता है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर सरकारी विभागों में खाली पड़े 2 लाख पदों पर योग्यतानुसार पक्की भर्तियां की जाएंगी। प्रदेश में गहरी जड़े जमा चुके भर्ती माफिया और पेपर लीक गैंग को जड़ से खत्म किया जाएगा। नौकरियों को बेचने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी ताकि योग्य युवाओं को उनका हक मिल सके।
नोट- इस सरकार के साढ़े 9 साल में 30 से ज्यादा पेपर लीक और भर्ती घोटाले सामने आए हैं… उनमें से कुछ मामलों की लिस्ट निम्नलिखित है:-
HCS (2023) CET (2023)SI भर्ती (मार्च 2022)डेंटल सर्जन (दिसंबर 2021) पुलिस कांस्टेबल भर्ती (अगस्त 2021)ग्राम सचिव भर्ती (12 जनवरी 2021)
क्लर्क भर्ती पेपर लीक (दिसंबर 2016) क्लर्क भर्ती (बिजली विभाग) एक्साइज इंस्पेक्टर (दिसंबर 2016) एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर (जुलाई 2017)कंडक्टर भर्ती पेपर (सितंबर 2017) ITI इंस्ट्रक्टर भर्ती पेपर लीक
आबकारी इंस्पेक्टर पेपर लीक नायब तहसीलदार भर्ती पेपर लीकPTI भर्ती परीक्षा पेपर लीक HTET पेपर लीक (नवम्बर 2015)
केंद्रीय विद्यालय संगठन प्राइमरी टीचर पेपर लीक (अक्टूबर 2015)असिस्टेंट प्रोफेसर कॉलेज पेपर भर्ती घोटाला (फरवरी 2017)B फार्मेसी पेपर लीक घोटाला (जुलाई 2017)
इत्यादि इत्यादि…
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