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चंडीगढ़ हरियाणा हाइलाइट्स

चंडीगढ़ ब्रेकिंग: विधायिका लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ, इसे सशक्त बनाना सभी सदस्यों का कर्तव्य–मुख्यमंत्री



अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधायिका लोकतंत्र का एक मजबूत स्तंभ है और सभी सदस्यों का कर्तव्य है कि इसे और अधिक सशक्त बनाएं। निर्वाचित सदस्यों की भूमिका केवल कानून बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि सभी सदस्यों को अपने क्षेत्र के नागरिकों की आवाज को बुलंद करने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी प्रयास करने की भी जरूरत है। मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा में संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) लोकसभा के सहयोग से हरियाणा विधान सभा के सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा उद्घाटन करने उपरांत सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण, पंजाब विधानसभा अध्यक्ष सरदार कुलतार सिंह संधवां, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण लाल मिड्ढा, विधानसभा सदस्य बी.बी. बत्रा उपस्थित रहे। 
नायब सिंह सैनी ने कहा कि जनता ने हम सभी को एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपकर सदन में भेजा है। सभी सदस्य भिन्न पार्टियों और मतों के होते हुए भी हरियाणा प्रदेश की जनता के प्रतिनिधि हैं। इसलिए इस सदन में प्रवेश करते ही सदस्यों की निष्ठा सदन को चलाने और इसकी गरिमा को बनाए रखने तथा इसके गौरव को बढ़ाने के प्रति होनी चाहिए। सदन को सुचारू ढंग से चलाने की जिम्मेदारी व कर्तव्य हम सबका है। उन्होंने कहा कि जब सदस्य सदन में बोलते हैं, तो याद रखिए कि वे केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि लाखों नागरिकों की आवाज हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन का नेता होने के नाते वे विश्वास व्यक्त करते हैं कि इस सदन में स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन किया जाएगा। सदन को ‘मैं’ के भाव से नहीं ‘हम’ के भाव से चलाया जाएगा। हर सदस्य की बात को गंभीरता से लिया जाएगा। 

नायब सिंह सैनी ने कहा कि हम पक्ष-विपक्ष के सदस्य बाद में हैं, इस गरिमामयी सदन के सदस्य पहले हैं। हरियाणा विधानसभा में स्वस्थ विधायी रीति-नीतियों और परम्पराओं को तो अपनाया ही जाएगा, कुछ नए सिद्धांतों और मर्यादाओं को भी स्थापित किया जाएगा। जिस प्रकार हरियाणा विकास व जन कल्याण के क्षेत्रों में आज अपनी पहचान रखता है, उसी प्रकार विधायी कार्यों के क्षेत्र में भी हमारी अलग पहचान बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हित में कानून व प्रक्रियाएं बनाने के लिए यह आवश्यक है कि हरियाणा विधानसभा की ज्यादा से ज्यादा सीटिंग हो। 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन उपरांत हमने यह संकल्प लिया था कि हम सब राजनीति से ऊपर उठकर सदन में काम करने पर बल देंगे। इसके लिए अधिक से अधिक प्रश्नों का जवाब तलब हो और अधिक से अधिक सार्थक विषयों पर चर्चा हो, बहस हो, असहमति भी हो, लेकिन सबका लक्ष्य जनता की भलाई हो। उन्होंने कहा कि 14वीं विधानसभा में 16 सत्रों में 76 सीटिंग हुईं। इससे पहले भी 13वीं विधानसभा में 15 सत्र और 84 सीटिंग, 12वीं विधानसभा में 11 सत्र और 56 सीटिंग, 11वीं विधानसभा में 12 सत्र और 70 सीटिंग तथा 10वीं विधानसभा में 14 सत्रों में 66 सीटिंग हुई थी। सदन में यह सकारात्मक माहौल केवल इसलिए संभव हुआ है कि सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी सदन को चलाने में रुचि दिखाई है। अब 15वीं विधानसभा में भी हम सब इसी प्रकार प्रदेश हित में खुलकर सकारात्मक चर्चा करेंगे और एक-दूसरे की बात को सम्मान देंगे। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी विधायक मर्यादित आचरण का पालन करेंगे और अनुशासन के साथ सदन की गरिमा को बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन संवाद में शालीनता और सकारात्मकता बनी रहनी चाहिए। जब ‘देश पहले’ की भावना से काम किया जाएगा, तो हर निर्णय देशहित में होगा। 
इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप मे निर्वाचित होने के बाद एक राजनेता की भूमिका बदल जाती है, इसलिए सभी जनप्रतिनिधियों को अपनी – अपनी विचारधारा से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण, प्रदेश की प्रगति और जन कल्याण की सोच के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) लोकसभा के सहयोग से यह प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में विधायी संस्थाओं को मजबूत करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली की सफलता में जनता के प्रतिनिधियों की मुख्य भूमिका है। विधानमंडलों की कार्य क्षमता पर जनता व देश के हित सुरक्षित हैं। इन संस्थाओं की सफलता, सदस्यों की कार्यशैली पर निर्भर करती है। इसलिए जनप्रतिनिधि को संविधान; नियम; संसदीय प्रणाली के तरीके, विधि व प्रथाओं का ज्ञान; शासन-प्रशासन सम्बन्धी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों की जानकारी व सूचनाऐं; जनता की समस्याओं की जानकारी व उनको दूर करने के तरीकों का ज्ञान; तथा नेतृत्व जैसी क्षमता का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विधानसभा वो संस्था है जो जन-प्रतिनिधियों से बनती है और जन-प्रतिनिधियों के माध्यम से जनता के लिए कार्य करती हैं।  संसदीय कार्यों को करने के लिए संसद व राज्य विधानमंडलों को विशेष शक्ति व अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि 2 माह पहले ही हरियाणा विधानसभा के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए 2 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। आने वाले समय में भी प्राइड लोकसभा व हिपा, हरियाणा सरकार के सहयोग से इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहेगा। हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि आज पर्यावरण व युवाओं को नशे से दूर रखना एक महत्वपूर्ण विषय हैं। आगामी समय में इन विषयों के मद्देनजर हरियाणा विधानसभा में युवा मामलों तथा पर्यावरण को लेकर समितियां बनाने का काम किया जाएगा, जो सरकार के साथ मिलकर इन विषयों को आगे बढ़ाएगी और इन क्षेत्रों में युवाओं के उज्जवल भविष्य की दृष्टि से तथा वातावरण के क्षेत्र में सुधार की तरफ कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें विधानसभा के माध्यम से जनसेवा का अवसर मिला है। इसलिए हम सभी मिलकर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में सहभागी बनें। उन्होंने इस प्रबोधन कार्यक्रम के आयोजन के लिए लोकसभा की प्राइड, विधानसभा सचिवालय तथा सरकार के योगदान की भी प्रशंसा की। इस अवसर पर संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि विधानमंडल का सदस्य होना गौरव की बात है। हमारा सम्मान व प्रतिष्ठा विधान मंडल का सदस्य होने से है, इसलिए निर्वाचित सदस्यों को सदन की गरिमा की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदस्यों को कभी भी ऐसे बर्ताव या ऐसा आचरण नहीं करना चाहिए, जिससे विधायी संस्थाओं पर प्रश्न चिह्न लगे। सदस्यों को विधायी संस्थाओं का सम्मान करते हुए अपना आचरण जनता के हित में करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता हमें जनप्रतिनिधि के रूप में चुनती है, ताकि हम सभी मिलकर प्रदेश हित का काम करें। उन्होंने आग्रह किया कि 5 वर्ष की अवधि बहुत तेजी से खत्म हो जाती है, इसलिए आपको अभी से सतर्कता बरतते हुए लोकतंत्र में लग जाना है। प्रबोधन कार्यक्रम को हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण लाल मिड्ढा ने संबोधित करते हुए सदन व समितियों को प्रभावी बनाने पर जोर दिया। इनके अलावा, विधानसभा सदस्य बी.बी. बत्रा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

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