अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़:पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने टीडीआई सिटी कुंडली के एल-ब्लॉक में नो प्रोफिट नो लोस के मूलमंत्र के साथ स्थापित किए जा रहे समर्पण हार्ट एंड कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखते हुए इस पवित्र प्रयास के लिए बधाई दी। साथ ही, उन्होंने संस्थापकों का आहवान किया कि वे अस्पताल में ऐसी सुविधा बनाएं कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति पैसों के अभाव उपचार से वंचित न रहे। जरूरतमंदों के लिए निःशुल्क उपचार सुविधा देते हुए मध्यमवर्गीय परिवारों को उपचार में छूट का लाभ देना चाहिए, जबकि समर्थ लोगों से पूर्ण उपचार शुल्क वहन कर सकते हैं।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके मॉडल का लोकार्पण करते हुए शारदीय नवरात्रों की बधाई दी। साथ ही उन्होंने एक रूपया एक ईंट का संदेश देने वाले महाराजा अग्रसेन की जयंती की भी बधाई देते हुए कहा कि अस्पताल का शिलान्यास अत्यधिक विशेष दिवस पर किया गया है। अस्पताल की शुरुआत 50 बिस्तरों की सुविधा से की जाएगी, जिसे निकट भविष्य में 500 बिस्तरों की सुविधा वाले अस्पताल में तब्दील किया जाएगा।पूर्व राष्ट्रपति ने संस्कृत के श्लोकों के साथ स्वास्थ्य के महत्व से अवगत करवाते हुए कहा कि निरोगी होना परम सौभाग्य की बात है। जीवन में सफलता के लिए अच्छा स्वास्थ्य बेहद जरूरी है। हमारी परंपराओं का भी मूल मंत्र है कि अपने नहीं बल्कि पूरे विश्व के कल्याण की कामना करो। उन्होंने कहा कि जन-जन तक चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी सरकार निभाती है,जिसमें सामाजिक संस्थाओं एवं औद्योगिक इकाइयों व समाज को भी सहयोग देना चाहिए। समर्पण संस्था ने इस दिशा में अपने उत्तरदायित्वों की अनुकरणीय पूर्ति की है, जिसके तहत रक्तदान शिविर, कोरोना काल में लोगों को भोजन व ऑक्सीजन सिलेंडरों की मदद, मेडिसिन बैंक आदि का संचालन भी शामिल है।कोविंद ने चिंता जताई कि प्रति वर्ष कैंसर व हृदय रोग से लाखों लोग ग्रसित हो रहे हैं, जिससे बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। उचित प्राथमिक उपचार से ऐसे रोगियों की प्राणों की रक्षा की जा सकती है। यह अस्पताल भी निःशुल्क एवं रियायती दरों पर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा। सेवा परम धर्म है। देश की सेवा व राष्ट्र निर्माण में सहयोग के लिए चिकित्सा सेवाएं बेहतरीन अवसर है, जिससे जीवन रक्षा की जा सकती है। स्वास्थ्य सेवाएं हर किसी के लिए सुलभ होनी चाहिए। जीवनघातक रोगों के पीड़ितों के लिए अस्पताल केवल ईंटों से बनी इमारत नहीं अपितु आशा की किरण के रूप में स्थापित होना चाहिए। जरूरतमंदों की पीड़ा कम करके उन्हें स्वस्थ व खुशहाल जीवन के लिए सशक्त बनाना है। वित्तीय स्थिति कमजोर हो तो उन्हें उपचार का विकल्प मिलना चाहिए। किसी भी मरीज के लिए उपचार में वित्तीय सीमाएं कभी आड़े नहीं आनी चाहिए। लोगों की जेब पर नहीं बल्कि उनकी स्थिति व बीमारी पर ध्यान देना चाहिए। कोई बीमार रोता हुआ आता है तो वह हंसता हुआ जाना चाहिए।पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हमें लग्जरी लाइफस्टाइल को त्यागना होगा अन्यथा अस्पताल पहुंच जाएंगे। स्वास्थ्य सतत यात्रा है। शारीरिक व्यायाम के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए जो जीवन की लंबाई व गुणवत्ता के लिए एक प्रकार से निवेश होगा। अच्छा स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। शारीरिक, मानसिक व सामाजिक कल्याण के लिए स्वास्थ्य पहली आवश्यकता है। इस दिशा में हमें आगे बढ़ना होगा। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की धर्मपत्नी श्रीमती सविता कोविंद, विधायक मोहनलाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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