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अपराध हरियाणा

चंडीगढ़ ब्रेकिंग: मील का पत्थर साबित होगा सीसीटीएनएस का मेघराज क्लाउड में स्थानांतरित होना: ओ पी सिंह


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) को सफलतापूर्वक मेघराज क्लाउड में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रदेश पुलिस का यह कदम राज्य के कानून प्रवर्तन बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि सीसीटीएनएस एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न भागों को एक पोर्टल पर लाता है, जिससे सूचनाओं का आदान प्रदान करने, डेटा विश्लेषण और अपराध की रोकथाम की जाती है। मेघराज क्लाउड एक स्केलेबल और फ्लेक्सिबल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करता है जो सीसीटीएनएस पर डेटा और उपयोगकर्ताओं की बढ़ती मात्रा को संभाल सकता है, पीक पीरियड्स के दौरान भी सुचारू संचालन सुनिश्चित करता है। क्लाउड-आधारित आर्किटेक्चर की सहायता से उपलब्ध सूचनाएं एक ही प्लेटफार्म पर आसानी व तेजी से उपलब्ध रहेंगी।  

बढ़ेगी डेटा सुरक्षा, महत्वपूर्ण सुचना की रहेगी आसान उपलब्धता
                      
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि स्थानांतरण के फायदों में से एक बेहतरीन डेटा सुरक्षा है। मेघराज क्लाउड डेटा एन्क्रिप्शन, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और नियमित सुरक्षा ऑडिट सहित अत्याधुनिक सुरक्षा उपाय प्रदान करता है,जिससे गोपनीयता, अखंडता और आपराधिक रिकॉर्ड, जांच और मुकदमों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी की उपलब्धता सुनिश्चित होती है। मेघराज क्लाउड की मापनीयता और लचीलापन भी उपयोगकर्ताओं के कुशल संचालन को सक्षम बनाता है। यह क्लाउड-आधारित आर्किटेक्चर अन्य ऍप्लिकेशन्स के उपयोग के साथ आसान एकीकरण की अनुमति देता है, जिससे विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच पारस्परिक डेटा विनिमय और कार्य करने की सुविधा मिलती है।

प्रदेश पुलिस का खर्चा होगा कम, पुणे की कम्पनी से किया है अनुबंध
                    
सीसीटीएनएस को मेघराज में स्थानांतरित करने का निर्णय लेने से लागत भी कम होगी। मेघराज क्लाउड के उपयोग से हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और रखरखाव में निवेश की आवश्यकता समाप्त हो जाती है,जिसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार की लागत बचत होती है। क्लाउड का पे-एज-यू-गो प्राइसिंग मॉडल कम लागत प्रबंधन और संसाधन के उपयोग की अनुमति देता है,जिससे लम्बे समय के लागत बचत होती है। इस प्रोजेक्ट के लिए पुणे की कंपनी से अनुबंध किया गया है। मेघराज क्लाउड के कंप्यूटिंग संसाधन और डेटा केंद्र के सर्वोत्तम सिस्टम प्रदर्शन, सीसीटीएनएस की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं। यह प्रदेश पुलिस को वास्तविक समय में महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंचने में सक्षम बनाता है, जिससे अपराधों पर त्वरित प्रतिक्रिया होती है।

आम नागरिकों को भी मिलेगी बिना रुके सुविधाएं
                      
प्रवक्ता ने बताया कि मेघराज क्लाउड डिजास्टर रिकवरी तंत्र प्रदान करता है, जिससे अप्रत्याशित घटनाओं के मामले में भी डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित होती है। यह सीसीटीएनएस प्रणाली की सुविधा किसी भी व्यवधान से जल्दी उबरने और नागरिकों को निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। विदित है की आम नागरिकों के लिए सीसीटीएनएस पर शिकायतों को ऑनलाइन रजिस्टर करवाने, अपराध व् अपराधियों की जानकारी लेने, रोजगार, किरायेदार, नौकर आदि के सत्यापन करने, पुलिस से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के ऑप्शन उपलब्ध रहते है।  

सीसीटीएनएस प्रणाली से थानों पर हुआ है बोझ कम, क्लाउड पर आने से बढ़ेगी काम की रफ्तार
                        
मेघराज क्लाउड को सीसीटीएनएस के हस्तांतरण के साथ, प्रदेश पुलिस उन्नत तकनीकों और क्लाउड-आधारित बुनियादी ढांचे का लाभ उठा सकती हैं। विदित है कि सीसीटीएनएस प्रणाली से थाने के रजिस्टर पर हाथ से लिखने का काम कम होता है और सभी कार्य हिंदी व अन्य भाषाओं में होते हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न जिलों से फॉरेंसिक साइंस और फिंगर प्रिंट ब्यूरो इत्यादि से जानकारी प्राप्त करने में आसानी रहती है। प्रदेश पुलिस द्वारा सभी थानों में 10 एमबीपीएस की इंटरनेट स्पीड देने का निर्णय लिया गया है। सीसीटीएन एस प्रणाली जेल,अभियोजन विभाग, कोर्ट व फॉरेंसिक विभाग के साथ इंटीग्रेटेड है।  

सीसीटीएनएस प्रणाली है आईसीजेएस से एकीकृत, 50000 से अधिक अपराधियों का है डेटाबेस
                        
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में सीसीटीएनएस में क्राइम डेटा को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के स्टैण्डर्ड पर अपडेट करने की जिम्मेदारी स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो पर है। ‘एक राज्य एक डेटा’ के आधार पर काम किया जा रहा है। वर्तमान में वर्ष 2022 तक तकरीबन 50 हजार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है और उसका डाटा भी स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा अपलोड कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त आईसीजेएस  से एकीकृत होने के कारण प्रदेश पुलिस को लावारिस वाहनों व वांछित अपराधियों का डाटा मैच करने में कई केसों में सफलता मिली है।

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