अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि प्रदेश में अपराधी खोज प्रणाली आईसीजेएस (इंटर ऑप्रेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) के तहत अब तक लगभग एक करोड़ अपराधियों की सर्चिंग की गई है। इस प्रणाली के माध्यम से अपराधियों को खोजने वाला हरियाणा देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। यह जानकारी आज पुलिस महानिदेशक ने करनाल रेंज में पुलिस अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता के दौरान दी। इस प्रकार की बैठक गुरूग्राम, फरीदाबाद तथा रोहतक जिलों में आयोजित की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आईसीजेएस प्रणाली अपराधियों को खोजने में काफी कारगर सिद्ध हो रही है। हरियाणा प्रदेश में इस प्रणाली के माध्यम से अपराधियों को खोजने में सहायता मिलती है और इस प्रणाली के माध्यम से अपराधियों की पहचान करने वाला हरियाणा प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने बताया कि नूंह जलाभिषेक यात्रा हिंसा मामले में प्रदेश भर के विभिन्न थानों में अब तक 179 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 595 लोगों को गिरफतार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस क्राइम करने वाले का जाति धर्म नहीं देखती है वह केवल अपराध और अपराधी पर उचित कार्रवाई करती है।
शत्रुजीत कपूर ने कहा कि गांव में लगाए गए प्रहरियों को प्रबंध योग्य क्षेत्र दिया जाएगा। अनेक गांवों तथा क्षेत्र ऐसे हैं जहां नाममात्र भी अपराध नहीं होता वहां प्रहरी की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही साइबर क्राइम को लेकर अधिकारियों द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। थानों के साथ-साथ चौंकियों को भी सीसीटीएनएस से जोड़ने का काम किया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए अक्टूबर माह से ट्रिप मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर को आवश्यकता अनुसार अपडेट किया जाएगा। रात्रि के समय यात्रा करने वाली महिलाएं यदि स्वयं को इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड करवाएंगी तो पुलिस की डायल 112 उनकी सुरक्षा की जानकारी मार्ग में भी प्राप्त करती रहेगी तथा 112 पर फेक कॉल करने वालो पर भी निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य भर में ऐसे हॉटस्पॉट क्षेत्रों को चिन्हित किया जाएगा जहां महिलाओं को सुरक्षा की आवश्यकता होती है। ईटिंग प्वाइंट, बस स्टैंड, स्कूल, कॉलेज इत्यादि स्थानों पर यूनिफॉर्म में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। ग्रामीण तथा शहरों क्षेत्र में ऐसे स्थानों की पहचान की जाएगी।उन्होंने कहा कि महिलाएं यदि स्वयं अपने नाम और लोकेशन शेयरिंग के साथ 112 और 1091 पर पंजीकृत करती हैं है तो उनकी एक कॉल पर पुलिस सहायता प्राप्त होगी जिसमें उन्हें अपना नाम और लोकेशन बताने की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही सभी ऑटो का भी डाटा बेस तैयार किया जा रहा है जिसमें सीट के सामने ड्राइवर का नाम, फोन नंबर तथा ऑटो नंबर लिखा होना अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिला सुरक्षा, अपराध नियंत्रण, सड़क सुरक्षा तथा तकनीकी सुधार पर उनका विशेष ध्यान रहेगा, ताकि राज्य के लोगों को पूर्णतया सुरक्षा प्रदान की जा सके। इस अवसर पर करनाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सतेंद्र कुमार गुप्ता, पुलिस अधीक्षक कैथल अभिषेक जोरवाल, करनाल पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन तथा पानीपत पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत व अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
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