अजीत सिन्हा रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में चल रही जल संरक्षण योजनाओं की समीक्षा करते हुए आज सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि चालू परियोजनाओं का तय समयावधि में क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसानों को इन परियोजनाओं का लाभ जल्द से जल्द मिल सके।मुख्यमंत्री आज यहां सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ बजट 2023-24 में घोषित विभिन्न परियोजनाओं, राज्य में जल संरक्षण के लिए जल निकायों और जन संवाद कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अब तक चिह्नित किए गए 1000 एकड़ क्षेत्रफल वाले लगभग 100 जल निकायों पर जल्द से जल्द काम शुरू करने और मानसून 2024 की शुरुआत से पहले इसे पूरा करने के निर्देश दिए ताकि बारिश के अतिरिक्त पानी के भंडारण हेतु पर्याप्त भंडारण क्षमता उत्पन्न की जा सके।मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जल संरक्षण के लिए अरावली की तलहटी में छोटे तालाब बनाये जाएं। इसके अलावा उन्होंने जन संवाद कार्यक्रमों में ग्रामीणों द्वारा दिए गए कार्यों को भी जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह ने बताया कि पहले मिकाडा और सिंचाई विभाग बजट का केवल 50 प्रतिशत ही खर्च कर सकता था, जबकि वर्ष 2023-24 में बजट आवंटन का लगभग 80 प्रतिशत तक खर्च कर सकता है, जोकि चालू वित्त वर्ष के लिए यह लगभग 2000 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-2016 की तुलना में वॉट कोर्स के निर्माण में 250 प्रतिशत की वृद्धि और सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सिंचाई कार्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करें और योजना की बाधाओं को कम करने और परियोजना निष्पादन में तेजी लाने के लिए बैंक ऑफ सेक्शन की निरंतर समीक्षा करें।
मिकाडा के प्रशासक डॉ सतबीर सिंह कादियान ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सूक्ष्म सिंचाई हेतु मिकाडा पोर्टल पर 1.5 लाख एकड़ के लिए 46,512 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 27,341 आवेदनों पर काम पूरा हो चुका है और 7,198 आवेदनों के लिए सहायता राशि जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने लंबित आवेदनों के लिए भी शीघ्र सहायता वितरण का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने जिला सिरसा में खरीफ चैनलों के विस्तार/निर्माण की मांगों के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में व्यवहार्यता की जांच कर आगामी कार्यवाही की जाए, ताकि मानसून के मौसम के दौरान अतिरिक्त बाढ़ के पानी का उचित उपयोग किया जा सके। बैठक में ओट्टू में 22 दिन से 54 दिन तक उपलब्ध पानी की मांग पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने इस पानी का भी समुचित उपयोग करने हेतु एक योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
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