अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व तथा स्वास्थ्य मंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में नशा तस्करों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है। पुलिस विभाग द्वारा की जा रही इस कार्यवाही से नशा तस्करों की बड़े पैमाने पर धरपकड़ करते हुए मादक पदार्थ को जब्त किया जा रहा है।पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों में अवैध तस्करी की रोकथाम अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत 35 नशा तस्करों के खिलाफ प्रिवेंटिव हिरासत में लेने के आदेश जारी किए है। विदित है कि इन नशा तस्करों में 29 को प्रदेश पुलिस द्वारा पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है और बाकी आरोपियों पर भी जल्द ही पीआईटी एनडीपीएस के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई प्रदेश सरकार के नशे के व्यापार को खत्म करने की अटूट प्रतिबद्धता दर्शाती है। यह कारवाई विशेष रूप से आदतन अपराधी के खिलाफ है, जिन पर मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने के लिए कई बार मामला दर्ज किया गया है और जो बार बार कानून का उल्लंघन कर रहे है। प्रदेश में नशे के नेक्सस को तोड़ने के लिए प्रदेश पुलिस के डीजीपी हरियाणा स्वयं अधिकारियों के साथ इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्रवाई में हिरासत में लिए गए व्यक्ति नौ सिखिए अपराधी नहीं हैं। वे अनुभवी, आदतन अपराधी हैं जिन पर मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने के लिए कई बार उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पिछली गिरफ्तारियों और आरोपों के बावजूद, ऐसा अक्सर देखने में आता है कि नशे के कारोबारी, कानून की पेचीदगियों के सहारे या तो ज़मानत पर छूट जाते थे या फिर जेल से बाहर आने के बाद दोबारा इस अपराध में लिप्त हो जाते थे। आपराधिक व्यवहार व नशा तस्करों के खिलाफ सख्त संदेश देने के लिए प्रदेश पुलिस को पीआईटी एनडीपीएस अधिनियम के तहत कार्रवाई करनी पड़ी।
आइए कुछ उदाहरणों से नशा तस्करों की मोडस ऑपरेंडी को समझते है : काल्पनिक नाम
1. 32 वर्षीय रमेश (काल्पनिक नाम), रतिया (फतेहाबाद) में चाय की दुकान चलाते हैं। उसके इस चाय के पेशे के पीछे का इतिहास चौंकाने वाला है। आरोपी कर्म के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें से एक चूरा पोस्त की व्यावसायिक मात्रा से संबंधित है व उसे दोषी भी ठहराया गया था और सजा भी सुनाई गई थी। उसकी अवैध गतिविधियाँ लगातार 2013 से चली आ रही हैं और वह मध्यम, छोटी मात्रा में गांजे से जुड़े कई मामलों में शामिल रहा है।
2. हांसी की सीमा (काल्पनिक नाम) और प्रीति (काल्पनिक नाम), दोनों ही महिलाओं पर हेरोइन की छोटी और मध्यवर्ती मात्रा से संबंधित पांच-पांच मामले दर्ज हैं। नशे के व्यापार में बाला की संलिप्तता सात वर्षों से अधिक समय से है, जिससे वह इस अवैध नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गई है।
3. कैथल के सीवन का रहने वाला भोला राम (काल्पनिक नाम), 2008 से चूरा पोस्त, भुक्की, चरस और गांजापत्ती के अवैध व्यापार में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। उसके आपराधिक रिकॉर्ड में वाणिज्यिक मात्रा से जुड़ा एक मामला और इन पदार्थों की मध्यवर्ती मात्रा से जुड़े चार मामले शामिल हैं।
4. राजेश कुमार (काल्पनिक नाम) – यह करनाल जिला के तरावड़ी का रहने वाला हैं। इसके खिलाफ सात साल की अवधि में छोटी और मध्यम मात्रा में गांजा पत्ती की तस्करी के लिए छह एफआईआर दर्ज हैं।
हरियाणा पुलिस व हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की नशा व्यापार के परिदृश्य की सूक्ष्म समझ को दर्शाता है और तस्करी नेटवर्क को जड़ों से नष्ट करने के संकल्प को दर्शाता है। प्रदेश में नशे के व्यापार से संबंधित गतिविधियों के केंद्र बन चुके फतेहाबाद में इस कार्रवाई ने सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में कार्य किया है और चारों तरफ फैले नेटवर्क को बाधित किया है।प्रदेश पुलिस प्रमुख डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि इस ऑपरेशन की सफलता प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। नशे के बढ़ते व्यापार की इस समस्या को खत्म करने के प्रयास में प्रदेश पुलिस किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ रही है। जल्द ही संयुक्त प्रयास से प्रदेश को नशा मुक्त बनाया जाएगा, जिससे नागरिकों की भलाई और भविष्य की रक्षा की जा सके। प्रदेश सरकार के ठोस उपायों और सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से, प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जाने का हमारा प्रयास है। इस कार्रवाई में हमने प्रदेश में फतेहाबाद से 8, कैथल और फरीदाबाद से 6, कुरुक्षेत्र से 3, हांसी – रेवाड़ी – करनाल और यमुनानगर से 2, और पलवल, अम्बाला, डबवाली और रोहतक के एक – एक नशा तस्कर के खिलाफ कार्रवाई की है। प्रदेश पुलिस की इस कार्रवाई ने नशे के केंद्र बन चुके फतेहाबाद में नेक्सस को तोड़ने का कार्य किया है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पिट-एनडीपीएस (PITNDPS) अधिनियम के तहत मादक पदार्थों की तस्करी और उनके मुख्य सरगनाओं व फाइनेंसरों पर नकेल कसने के लिए एक्ट में प्रावधान दिए गए है। इस एक्ट के तहत प्रिवेंटिव हिरासत आदेश जारी किए जाते है, जिसके बाद हिरासत में लिए गए व्यक्ति को कम से कम एक वर्ष के लिए हिरासत में रखा जा सकता है। इसके अलावा, आरोपी और उसके रिश्तेदारों/सहयोगियों की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति भी एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत जब्त करने के प्रावधान दिए गए है।
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