अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: किसानों के मसीहा दीनबंधु सर छोटूराम के जयंती समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी। कुरुक्षेत्र की जाट धर्माशाला में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गन्ने के रेट में 10 रुपये इजाफा करते हुए 372 रुपये करने की घोषणा की। इतना ही नहीं, उन्होंने पटवारियों के वेतन को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 32100 रुपये करने का भी ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाले की वजह से सरसों की फसल का काफी नुकसान हुआ है, ऐसे में फसल की गिरदावरी करवाई जाएगी और किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जाट धर्मशाला के लिए 51 लाख रुपये देने की भी बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जाट धर्मशाला द्वारा बनाए जाने वाले छात्रावास के लिए जमीन की व्यवस्था कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड या हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के माध्यम से की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आमजन से धन्ना भगत के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि धन्ना भगत महान विचारक थे। 21 अप्रैल को हर वर्ष धन्ना भगत की जयंती मनाई जाती है। हरियाणा सरकार संत-महापुरुष प्रचार प्रसार योजना चला रही है, जिसके अंतर्गत संत-महापुरुषों की जयंतियां सरकारी तौर पर मनाई जाती हैं। इस बार धन्ना भगत की जयंती भी हरियाणा सरकार द्वारा मनाई जाएगी। इसके लिए स्थान का चयन बातचीत के बाद किया जाएगा।मनोहर लाल ने कहा कि दीनबंधु सर छोटूराम किसानों के हित की बात करते थे, हरियाणा सरकार भी किसानों के हित की बात करती है। प्रदेश की डेढ़ लाख एकड़ भूमि में जल भराव की समस्या है। इस भूमि को ठीक करने के लिए 1100 करोड़ रुपये का बजट अगले वर्ष तक खर्च किया जाएगा। इस भूमि को कृषि योग्य बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने दीनबंधु सर छोटूराम की जयंती की बधाई देते हुए कहा कि बसंत पंचमी के दिन सर छोटूराम जी की जयंती मनाई जाती है लेकिन इस बार 26 जनवरी व बसंत पंचमी एक ही दिन पड़ रही है, इस वजह से यह कार्यक्रम एक दिन पूर्व आयोजित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें दीनबंधु छोटू राम के आदर्शों पर काम करना है। चौधरी छोटूराम का उदार जीवन हमारे लिए आदर्श है। उन्होंने अंग्रेजो से टक्कर ली और गरीब व किसान के लिए कानून बनवाए। उन्होंने ही बाजारों, दुकानों व फैक्ट्री में सप्ताह में एक दिन की छुट्टी को लागू करवाया। दीनबंधु छोटूराम ने ही कर्ज में दबे किसानों को चंगुल से बाहर निकाला। मनोहर लाल ने समाज से आह्वान किया कि हमें बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। आज प्रतियोगिता का जमाना है, ऐसे में हमें बच्चों को अच्छे अंक लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब सिफारिश से आगे बढ़ने का समय चला गया है, हरियाणा सरकार ने पर्ची और खर्ची को बंद कर दिया है। अब प्रतियोगिता के दम पर अव्वल आने वाले पात्र युवाओं को ही सरकारी नौकरियां मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सरकारी योजनाओं का लाभ वही लोग उठाते थे, जिन्हें इनके बारे में जानकारी थी, लेकिन हरियाणा सरकार ने अब पात्र परिवारों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि हमें गरीब और जरूरतमंद की पढ़ाई, रोजगार और बीमारी की चिंता करनी है। इसी को ध्यान में रखते हुए चिरायु हरियाणा योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत 1.80 लाख रुपये तक की आय वर्ग के 29 लाख परिवारों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। सरकार ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से घर बैठे राशन कार्ड बनाने का कार्य किया है। जो अंत्योदय परिवार अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए हरियाणा सरकार 700 रुपये, 900 रुपये और 1100 रुपये दे रही है। मुख्यमंत्री ने मंच से जाट धर्मशाला द्वारा चलाए जा रहे स्कूल में भी 1.80 लाख रुपये तक के आय वाले परिवारों को इस योजना का लाभ देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि समाज को नशे से बचाने के लिए हर व्यक्ति को इसके खिलाफ खड़ा करना होगा। इसके लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए। समाज को इन बुराइयों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिरसा, कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र के इलाकों में नशे से जुड़ी समस्या है। सरकार नशे के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है, लेकिन लोगों को समझाने और जागरूक करने की जिम्मेदारी समाज को उठानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार समाज के लिए नासूर है। भ्रष्टाचार के खिलाफ हरियाणा सरकार ने डंडा उठा रखा है। लोग गलत काम न करें, इसके लिए भी समाज को जागरूक करना चाहिए। जाट धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को दीनबंधु छोटूराम की 142वीं जयंती है। उन्होंने बसंत पंचमी के दिन जयंती मनाने का निर्णय लिया था, क्योंकि यह दिन किसानों का दिन है। इस दिन सरसों की फसल खेतों में लहलहा रही होती है। दीनबंधु छोटूराम साहूकार के खिलाफ थे। उन्होंने गरीब और किसानों के हक की लड़ाई लड़ी।