अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अनैतिक तरीकों से नौकरियाँ बाँटने की परंपरा अपनाने वाली पिछली सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हम दूसरों की तरह नौकरियाँ नहीं बाँटते हैं, क्योंकि हमारे समय में योग्यता के आधार पर नौकरियां दी जाती हैं और युवा अपनी मेहनत व योग्यता से नौकरी लेकर जाते हैं।मनोहर लाल ने आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की तरह हमारे पास नौकरी देने का कोई गारंटी फॉर्मूला नहीं है। वर्तमान राज्य सरकार पारदर्शी तरीके से मेरिट पर नौकरी दे रही है।
उन्होंने सीईटी की मुख्य परीक्षा के लिए चार गुणा उम्मीदवारों को बुलाने के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अब इस समय भर्ती से संबंधित नियम और शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को आवेदन करने के समय भर्ती के 4 गुणा उम्मीदवारों को बुलाए जाने से संबंधित नियम व शर्तों के बारे में पता था। लेकिन अब कुछ लोग अभ्यर्थियों को उकसा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोर्ट ने भी कहा है कि किसी भी परीक्षा के विज्ञापन से पहले तय किए गए किसी भी नियम और शर्तों को बाद में किसी भी स्तर पर नहीं बदला जा सकता। नए विज्ञापन जब निकालेंगे तब किसी भी संशोधन पर विचार किया जाएगा।दिव्यांगों को प्रमाण पत्र जारी करने में देरी होने के संबंध में एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी डेटा के अनुसार राज्य में 2.70 लाख दिव्यांग हैं, जिनमें से 26 प्रतिशत यानी लगभग 73,197 के प्रमाण पत्र लंबित हैं। ऐसे लोगों को राहत देते हुए सरकार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यूडीआईडी कार्ड जल्द बनाए जाएं। इसके अलावा, 2 सप्ताह से लेकर अधिकतम 8 सप्ताह तक का समय दिया गया है। इस अवधि में इन सभी को प्रमाण पत्र मिल जाएंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा परिवार पहचान पत्र में सत्यापित डेटा के आधार पर 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के सदस्य की मृत्यु होने या दिव्यांग होने की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि दयालु योजना में अब तक 227 लाभार्थियों को सहायता राशि प्रदान की गई है। इसके अलावा, 600 व्यक्तियों का डाटा और उपलब्ध है, जिसे सत्यापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना में विभिन्न आयु वर्ग के अनुसार 1 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है। 6 वर्ष से 12 वर्ष तक 1 लाख रुपये, 12 वर्ष से 18 वर्ष तक 2 लाख रुपए, 18 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष तक 3 लाख रुपये, 25 वर्ष से अधिक और 45 वर्ष तक 5 लाख रुपये और 45 वर्ष से 60 वर्ष की आयु तक 3 लाख रुपये की सहायता राशि देने का प्रावधान है। इस लाभ में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि भी शामिल है। इस अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल और मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य उपस्थित थे।
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