अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य के श्रमिकों के हितार्थ अहम कदम उठाया है। कॉन्ट्रैक्ट लेबर रखने वाली सभी पंजीकृत साइटों तथा संस्थानों को अगले 6 महीने में हरियाणा उद्योग मेमोरेंडम (एचयूएम) के साथ जोडऩे का निर्णय लिया है। इससे श्रमिकों को ईएसआई तथा ईपीएफ का पूरा लाभ मिलना सुनिश्चित हो सकेगा। हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला,जिनके पास श्रम विभाग का प्रभार भी है, की अध्यक्षता में आज गुरूग्राम में स्टेट एडवाइजरी कॉन्टै्रक्ट लेबर बोर्ड की दूसरी बैठक हुई।
इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले 6 महीने में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कॉन्ट्रैक्ट लेबर रखने वाले संस्थानों के पास एचयूएम नंबर अवश्य हो। इसके अंतर्गत ठेकेदारों तथा श्रमिकों का पंजीकरण उनके आधार नंबर के साथ किया जा रहा है। श्रम विभाग यह पुष्टि करेगा कि ऐसे हर संस्थान का रजिस्ट्रेशन हो और पहली फरवरी, 2021 के बाद यदि कोई ठेकेदार अथवा संस्थान पंजीकृत नहीं पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। बैठक में बताया गया कि हरियाणा में इस वर्ष अब तक कॉन्ट्रैक्ट लेबर (रेग्यूलेशन एंड एबोल्यूशन) एक्ट 1970 के तहत 427 संस्थानों ने अपना पंजीकरण करवाकर प्रमाण-पत्र लिया है। इसी प्रकार, इस एक्ट के अंतर्गत 1882 ठेकेदारों तथा संस्थानों ने लाइसेंस प्राप्त किए हैं। इस दौरान यह भी बताया गया कि अधिनियम के तहत प्रधान नियोक्ता अथवा उद्योग अपने यहां काम करने वाले ठेकेदारों का पैनल तैयार करता है और इसकी सूचना सरकार को देते हुए अपना पंजीकरण करवाकर प्रमाण-पत्र प्राप्त करता है।
उसके बाद पैनल में रखे गए सभी ठेकेदार अधिनियम के तहत आवेदन करके लाइसेंस प्राप्त करते हैं। इस अधिनियम में 50 या इससे ज्यादा श्रमिकों वाली इकाइयां अथवा संस्थान कवर होते हैं। आज की बैठक में दूसरा महत्वपूर्ण एजेंडा रबर उद्योग से जुड़ी इकाइयों में कॉन्ट्रैक्ट लेबर रखने के बारे में था। इस मामले में सभी औद्योगिक एसोसिएशनों तथा ट्रेड यूनियनों से सुझाव आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर श्रम राज्यमंत्री अनूप धानक,श्रम विभाग के प्रधान सचिव श्री विनीत गर्ग, श्रम आयुक्त श्री पंकज अग्रवाल, सहायक श्रम आयुक्त मुनीष शर्मा, उपायुक्त अमित खत्री सहित श्रम विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।