अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता की मांग पर पटौदी में डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा करते हुए कहा कि हम केवल माध्यम मात्र हैं, सरकार का पैसा समाज का पैसा है। यह समाज के लिए है समाज के काम ही आना चाहिए।वे शनिवार को देर सायं पटौदी में आश्रम हरि मंदिर के संचालक महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव के षष्टिपूर्ति महोत्सव में उन्हें शुभकामनाएं देने पहुँचे थे।मुख्यमंत्री ने उनके स्वागत कार्यक्रम के उपरांत अपने संबोधन में कहा कि संतों के जीवन में जन्मदिन या कोई विशेष उपलक्ष्य का प्रसंग नहीं होता है। उनका एक सहज महत्व होता है क्योंकि उनका जीवन इन उपलक्ष्यों से इतना ऊपर उठ चुका होता है कि संतों को उनकी शारीरिक आयु के बजाय उनके विचारों का जो प्रभाव है, उसके कारण उनको समाज मंे पूजा जाता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जब भी संतों के सानिध्य में पहुँचते हैं तो उनके मन में सदैव संत विचार के रूप में ऐसे विचार लेने की इच्छा रहती है जिनके माध्यम से वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन सही प्रकार से कर सकें। उन्होंने एक पौराणिक प्रसंग का संदर्भ देते हुए कहा कि संत सदैव आपको आपके कर्तव्यों का बोध कराने व समाज को देने का भाव सिखलाते हैं।
उन्होंने कहा कि संत अपने लिए कुछ नहीं मांगते, उनका जीवन सदैव समाज के लिए समर्पित होता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभाजन के समय शहीद हुए लाखों लोगों की स्मृति में स्वामी धर्मदेव जी के संरक्षण में पंचनद शहीद स्मारक ट्रस्ट का संचालन किया जा रहा है। यह संयोग ही है कि आजादी के अमृत महोत्सव के इस वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन के समय शहीद हुए लोगों की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस मनाने को घोषणा की है। इन दोनों में काफी समानताएं है। उन्होंने कहा कि मैंने स्वामी धर्मदेव जी से निवेदन किया है कि उपरोक्त ट्रस्ट के पीपली स्थित शहीद स्मारक स्थल पर 14 अगस्त, 2022 को विभाजन विभीषिका दिवस के मौके पर एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाए जिसमें प्रधानमंत्री जी को आमंत्रित किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने आश्रम हरि मंदिर में बनाए जा रहे सभागार में सेंट्रलाइज्ड एसी की सुविधा सुनिश्चित करने का दायित्व पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता को देते हुए कहा कि आप इस क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं इसलिए यह कार्य आपके माध्यम से होना चाहिए।मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के उपरांत आश्रम में मनाए जा रहे षष्ठिपूर्ति महोत्सव में स्वामी धर्मदेव के साथ उनका जन्मदिन का केक काटकर उन्हें शुभकामनाएं भी दीं। गौरतलब है कि स्वामी धर्मदेव ने 13 नवंबर को साठ वर्ष की आयु पूर्ण की है। षष्ठिपूर्ति का वैदिक संस्कृति में काफी महत्व माना जाता है क्योंकि इस दिन जीवन का एक पड़ाव समाप्त होता है व दूसरा प्रारंभ होता है। संतों में षष्ठिपूर्ति उत्सव मनाने की विशेष परंपरा रही है ।स्वामी धर्मदेव ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक राजनेता व राजतंत्र की नई परिपाटी की स्थापना कर समाज को एक नई दिशा दिखाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि दूसरों की सेवा निःस्वार्थ भाव से करना और इस सेवा के बदले में कुछ भी पाने की इच्छा नहीं रखना, यही सच्ची सेवा है। मुख्यमंत्री संतों द्वारा दिखलाए गए इस पथ पर निःस्वार्थ भाव से आगे बढ़ रहे है। समाज के कल्याण व वंचितों के उत्थान के लिए उनके द्वारा बनाई गई कल्याणकारी नीतियां अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु तथा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में जरूरतमंद लोगों को संस्था द्वारा राशन और दैनिक जीवन उपयोगी सामान भी वितरित किया गया। इस मौके पर भजन संध्या का भी आयोजन किया गया था।