अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आईएएस नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और राज्य सरकार की डिस्क्रिशनरी पॉवर को खत्म करने के प्रयासों के परिणामस्वरूप राज्य के नॉन-एससीएस (गैर राज्य सिविल सेवा) कोटे से 4 अधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में नियुक्त हुए हैं। इस संबंध में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की गई है।सेलेक्ट लिस्ट 2019 के लिए नियुक्त सूची में डॉ. विवेक भारती, डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ, डॉ. जयइंदर सिंह छिल्लर और डॉ. ब्रह्मजीत सिंह रांगी शामिल हैं।
गौरतलब है कि पहले की सरकारों के कार्यकाल के दौरान राज्य सरकार के पास डिस्क्रिशनरी पॉवर होती थी, जिसके तहत सरकार द्वारा नामों का चयन कर आईएएस के लिए भेजा जाता था। उनमें से ही आईएएस अफसरों की नियुक्ति होती थी। लेकिन मनोहर लाल ने इस प्रथा को बदलने के लिए बड़ा कदम उठाया और इस डिस्क्रिशनरी पॉवर को खत्म किया। पहली बार नॉन-एससीएस कोटे से आईएएस बनने के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री की इस पहल से उम्मीदवारों को पारदर्शी तरीके से पूरा मौका मिला है। लिखित परीक्षा के परिणाम के आधार पर साक्षात्कार लिए गए। पूरी चयन प्रक्रिया बड़े ही पारदर्शी तरीके से पूरी हुई और हरियाणा से 4 अधिकारी आईएएस में नियुक्त हुए हैं।
केंद्र सरकार ने 2019 के रिक्त पदों पर इन अधिकारियों को नियुक्त किया है। डॉ. विवेक भारती और डॉ. जयइंदर सिंह छिल्लर उच्चतर शिक्षा विभाग तथा डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ व डॉ. ब्रह्मजीत सिंह रांगी पशुपालन विभाग में अफसर थे। इसके अलावा, 2021 की 3 रिक्तियों के लिए भी जल्द प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री द्वारा आईएएस नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और राज्य सरकार की डिस्क्रिशनरी पॉवर को खत्म करने की इस अनूठी और सकारात्मक पहल को अन्य राज्य सरकारें भी अपने प्रदेश में लागू करने पर विचार कर रही हैं।
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