अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर को नववर्ष का तोहफा देते हुए उनके हित में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। मुख्यमंत्री ने 31 दिसंबर, 2021 से आंगनबाड़ी वर्कर्स की रिटायरमेंट पर एक लाख रुपये तथा हेल्पर को 50 हजार रुपये की राशि दिए जाने की घोषणा की। इसके साथ ही, मासिक मानदेय में सितंबर 2020 से 400 रूपए और सितंबर 2021 से 450 रूपए की बढ़ोतरी करने और दो साल (वर्ष 2019-20 और 2020-21) का एरियर देने तथा कोविड-19 के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में काम करने के लिए सभी आंगनवाड़ी वर्कर्स को 1000-1000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में देने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणाएं बुधवार को आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों के साथ उनकी मांगों के संबंध में हुई बैठक के दौरान की। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा भी उपस्थित रही। मुख्यमंत्री ने आंगनवाड़ी वर्कर्स की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में किसी भी आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर को नहीं हटाया जाएगा। बल्कि राज्य सरकार प्रदेश में आंगनवाड़ी के साथ- साथ क्रेच खोलने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इन क्रेच में बच्चों के लिए और भी बेहतर सुविधाएं होंगी। इन क्रेच में भर्ती के लिए नए उम्मीदवारों के साथ-साथ आंगनवाड़ी वर्कर्स को भी मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स को भविष्य में आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर किया जाएगा। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत दुर्घटना होने की स्थिति में 2 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत 12 रुपये प्रति माह प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। मनोहर लाल ने हाल ही में एक दुर्घटना में झज्जर जिले की दो आंगनवाड़ी वर्कर्स की मृत्यु की सूचना सुनकर मौके पर ही उन्हें तुरंत दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा दी। उन्होंने कहा कि सभी आंगन बाड़ी केंद्रों का किराया PWD से समीक्षा के बाद पंचायत या ULB द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स को लिखित परीक्षा के माध्यम से सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति हेतु पॉलिसी लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी के आधुनिक युग में नए-नए परिवर्तन हो रहे हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि भविष्य में आंगनबाड़ी भी आधुनिक हो और बच्चों के लिए और बेहतर सुविधाएं शुरू की जाएं। इसी उद्देश्य से सभी आंगनवाड़ी वर्कर्स को विभाग की ओर से एक-एक मोबाइल फोन दिया जाएगा ताकि वे पोषण ट्रैकर एप पर अपनी आंगनवाड़ी से संबंधित संपूर्ण डाटा रिपोर्ट ऑनलाइन अपडेट रखें। इसके लिए आंगनवाड़ी वर्कर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग से सिस्टम में पारदर्शिता आती है और किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना पर भी विराम लगता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अंत्योदय की भावना से अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के अंतर्गत अंत्योदय मेले लगाए जा रहे हैं, जिसमें प्रथम चरण में 1 लाख रुपये से कम आमदनी वाले एक लाख परिवारों को चिन्हित कर उन्हें किसी न किसी योजना या स्वरोजगार से जोड़कर परिवार की आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। अब तक लगभग 17 हजार परिवारों को इन मेलों के माध्यम से लाभ मिला है। आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने बैठक के बाद मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं व उनकी मांगे मानने पर मनोहर लाल और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं से प्रदेश में हजारों आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर के परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा और वे इसी तरह जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगी। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती जी. अनुपमा, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक हेमा शर्मा सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।