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फरीदाबाद हरियाणा

चंडीगढ़: हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा आज मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत हो गईं।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा आज मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत हो गईं। श्रीमती अरोड़ा ने 30 जून, 2019 को हरियाणा के 33वें मुख्य सचिव के रूप में पदग्रहण किया था।आज सायं 5 बजे श्रीमती अरोड़ा को हरियाणा आईएएस एसोसिऐशन द्वारा भावभीनी विदाई दी गई। सेवानिवृति समारोह में विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव , प्रधान सचिव,निदेशक व अन्य कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।सेवानिवृति समारोह में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, श्री राजेश खुल्लर ने कहा कि श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा बहुत ही सरल व्यक्तित्व की धनी हैं। उनकी प्रशासनिक क्षमता बेजोड़ रही है। उन्होंने इसी क्षमता के बलबूते पर राज्य सरकार के विकास में अहम भूमिका निभाई है। कोविड-19 के दौरान भी उन्होंने अनथक मेहनत करके अधिकारियों में जोश एवं ऊर्जा का संचार किया।हरियाणा के नवनियुक्त मुख्य सचिव श्री विजयवर्धन ने श्रीमती अरोड़ा की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा टीम को साथ लेकर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि श्रीमती अरोड़ा कि सेवानिवृति से हरियाणा सरकार एक बेहतरीन अधिकारी की सेवाओं से वंचित हो जायेगी। श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा की ओर मुखातिब होते हुए उनके बहुआयामी व्यक्तित्व पर उन्होंने निदा फाज़ली का शेर सुनाया- ‘हर आदमी में होते हैं, दस-बीस आदमी,जिसकों भी देखना हो, कई बार देखो’।

इस अवसर पर  कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी श्रीमती अरोड़ा के सरल एवं सौम्य स्वभाव तथा प्रशासनिक कार्यशैली के बारे में अपने अनुभव सांझा किये।उल्लेखनीय है कि श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा हरियाणा कैडर की 1983 बैच की टॉपर आईएएस अधिकारी रही हैं। वह एम.ए. (राजनीति विज्ञान) और एम. फील बैच की टॉपर भी टॉपर रहीं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की है। हरियाणा  के गठन के बाद से उन्हें राज्य की पहली महिला उपायुक्त नियुक्त होने का गौरव प्राप्त है और  वे यमुनानगर की  उपायुक्त के पद पर 16 अप्रैल, 1990 से लेकर 1 जुलाई,1991 तक रहीं। उन्होंने जिले में स्वैच्छिक संगठनों द्वारा वयस्क साक्षरता के कार्यान्वयन और मंडल आयोग के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।उन्होंने विशेष सचिव, उद्योग और गृह विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी निदेशक के रूप में कार्य किया है। इसके अलावा, निदेशक, खाद्य और आपूर्ति; निदेशक, ग्रामीण विकास; निदेशक, आपूर्ति एवं निपटान और संस्थागत वित्त तथा क्रेडिट नियंत्रण इत्यादि के साथ-साथ कई प्रतिष्ठित निगमों के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया है जिसमें हरियाणा फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन, हरियाणा टूरिज्म कॉर्पोरेशन और हॉरट्रोन शामिल हैं। उन्होंने हॉरट्रोन के मैनेजिंग डायरेक्टर रहते हुए एनईजीपी के अन्तर्गत हरियाणा स्वैन के लिए विस्तृत परियोजना की संकल्पना की और उसे अंतिम रूप दिया। हरियाणा, भारत में स्वैन योजना को लागू करने वाला पहला राज्य था।उन्होंने हरियाणा सरकार पर्यटन और आवास, वन और वन्य जीव विभाग, परिवहन और नागरिक उड्डयन विभाग में प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया और पर्यटन विभाग में प्रधान सचिव रहते हुए उन्होंने हरियाणा पर्यटन के कमरों की ऑनलाइन बुकिंग गेटवे की  सुविधा की की शुरूआत की जिसे अन्य राज्यों / केंद्र सरकार के संगठनों द्वारा अपनाया गया था।उन्होंने भारत सरकार के साथ उप-महानिदेशक, यूआईडीएआई, क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ के रूप में भी काम किया, जिसमें उन्होंने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ (यूटी), हिमाचल प्रदेश और ज मू-कश्मीर राज्यों में आधार और आधार अनुप्रयोगों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें विशेष रूप से मनरेगा के पायलट और जन्म के समय आधार और एलपीजी के साथ आधार को जोडऩा शामिल है। उन्होंने उत्तरी क्षेत्र में लाभार्थियों के डेटाबेस में आधार नामांकन और आधार सीडिंग को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उन्होंने मनरेगा योजना  में आधार आधारित डीबीटी से जोडऩा, विभिन्न छात्रवृत्ति और सामाजिक कल्याण पेंशन और अन्य डीबीटी योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। आधार आधारित डी-डुप्लीकेशन लाभार्थियों के कारण राज्य को करोड़ों रुपये की बचत हो सकती है।उन्होंने हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा  स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी का अध्यक्ष और हरियाणा राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (हॉरट्रोन) के अध्यक्ष के  रूप में कार्य किया है। वे सीधे तौर पर स्कूल के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन शिक्षक स्थानांतरण नीति तैयार करने में जुड़ी थीं। यह देश में अपनी तरह की पहली पहल थी जिसे हरियाणा में लागू किया गया और कई राज्यों/केंद्रीय संगठनों ने इस पहल को दोहराया।उन्होंने हरियाणा सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आई.टी. विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में भी काम किया। उन्होंने ई-जिला परियोजना हरियाणा के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित किया, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारत के साथ कुछ अन्य राज्यों  के साथ नंबर वन के रूप में स्थान दिया गया था।हरियाणा सरकार के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त के रूप में उन्होंने कई नवीनतम ई-गवर्नेंस परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जिनमें ई-पंजीकरण में फस्र्ट-इन-फस्र्ट आउट, अनिवार्य ई-स्टैपिंग,ऑनलाइन पैन सत्यापन, राज्य में  क्लाउड आधारित वेब-हैलरिस और  डीड-रजिस्टेे्रशन के लिए हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्र विनियमन अधिनियम, 1975 के धारा-7 ए के तहत एनओसी जारी करना  शामिल है। इन ई-गवर्नेंस पहलों के कार्यान्वयन और निगरानी सेे राज्य को वर्ष 2018-19 में पंजीकरण शुल्क और स्टांप शुल्क के रूप में 5679.45 करोड़ रुपये प्राप्त हुए जोकि वर्ष  2017-18 से 1414.27 करोड़ रुपये से 33 प्रतिशत अधिक रहे और हरियाणा के इतिहास में यह राशि रुपये के संग्रह में उच्चतम थी।घटक आधारित वेब-हैलरिस को 28 जून, 2019 को नई दिल्ली में  बीडल्ब्यू बिजनेसवल्र्ड डिजिटल इंडिया अवार्ड -2019 से स मानित किया गया।  उन्हें अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए भी श्रेय दिया गया है, जिसमें राज्य मुख्यालय पर और सभी जिलों में आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम (एमआरआरआर), ड्रोन इमेजिंग का उपयोग करते हुए सभी क्षेत्रों (ग्रामीण, शहरी, नियंत्रित क्षेत्रों और अबादी-देह) को कवर करने वाले पूरे हरियाणा में बढ़े स्तर पर मैपिंग, रोवर्स और कॉर्स नेटवर्क का उपयोग और राज्य मुख्यालय पर सरकारी भूमि पोर्टल और संपत्ति प्रबंधन प्रकोष्ठ के साथ-साथ सरकारी भूमि और संपत्तियों की कम्प्यूटरीकृत सूची के लिए जिले स्थापित किए गए थे।
  

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